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अस्थमा (Asthma) क्या है जानिए इसके कारण , लक्षण , निदान , इलाज, बचाव एवं 9 घरेलु उपचार की संपूर्ण जानकारी| What Is Asthma Know its Symptoms and 9 Best Home Remedies

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जानिए अस्थमा (Asthma) क्या है और इसके लक्षण Table of Contents:

अस्थमा (Asthma) क्या है इसके लक्षण एवं 9 घरेलु उपचार की संपूर्ण जानकारी| What Is Asthma Know its Symptoms and 9 Best Home Remedies

Asthma kya hai in Hindi के बारे में जानने के लिए कई महत्वपूर्ण विषयों का अध्ययन करना जरूरी होता है जिसके बारे में हमने यहां जिक्र किया है। Asthma ke lakshan aur Karan के अलावा इस लेख में हमने Asthma ke gharelu upay kya hai in Hindi का संपूर्ण वर्णन किया है, जिसके अंतर्गत आप इस बीमारी से बचने के लिए आसान घरेलू उपाय अपना सकते हैं।

दरअसल यह ऐसी बीमारी है जो हमें अपने आसपास के माहौल में देखने को मिल जाती है लेकिन कई बार इस बीमारी का सही प्रकार से इलाज ना होने पर गंभीर समस्या का कारण बन जाती है। Asthma kya hai in Hindi के अंतर्गत अस्थमा बीमारी को लेकर सभी महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ हम उपस्थित हैं तो आइए जानते हैं क्या है इस बीमारी के लक्षण, कारण एवं घरेलू उपाय-

अस्थमा या दमा एक ग्रीक शब्द से लिया गया है। अस्थमा एक श्वसन जनित समस्या है। इस बीमारी में रोगी के गले में स्थित श्वसन मार्ग में संकुचन आ जाती है। जिससे रोगी को श्वास लेने में तकलीफ होने लगती है और अस्थमा अटैक आता है। अस्थमा एक अनुवांशिकजनित समस्या है जो पर्यावरण कारकों और अनुवांशिक का एक संयोजन माना जाता है।

अस्थमा एक बहुत ही गंभीर बीमारी होती है जो रोगी को काफी प्रभावित करती है और मृत्यु का कारण भी बन सकती है। अस्थमा के मरीज को बहुत ही सावधानी पूर्वक रहना होता है उन्हें ज्यादा बात करने की सख्त मनाही होती है और उन्हें शांत रखा जाता है।

अस्थमा वह बीमारी है जो बहुत लंबे समय तक फेफड़े को प्रभावित करती रहती है। इस बीमारी के लिए स्थाई इलाज अभी तक संभव नहीं हो सका है लेकिन इसके लक्षणों को देखकर इसे नियंत्रण में लाया जा सकता है जिससे कि मरीज अपनी आगे की जिंदगी जी सकें।

जब व्यक्ति बहुत भावुक हो जाता है या फिर ज्यादा बोलने की कोशिश करता है तो अस्थमा अटैक होता है। जिसके कारण उसे अस्थमा कि दवाई को हमेशा अपने साथ लेकर चलना होता है और एक एयरइन्हेलर रखना होता है जिससे श्वास लेने में सहायता करती है, क्योंकि यह अटैक कभी भी आ सकता है।  ऐसा कह सकते हैं कि कैंसर की बीमारी जितनी खतरनाक होती है उतनी ही खतरनाक अस्थमा की बीमारी भी होती है जो मरीज को धीरे धीरे मार डालती है।

Asthma Causes and Symptoms in Hindi

अस्थमा के कारण (causes of asthma disease in Hindi):

अस्थमा बीमारी होने के कई महत्वपूर्ण कारण निम्नलिखित है-

अनुवांशिकी
पर्यावरण
चिकित्सीय परिस्थितियां

अनुवांशिकीजनित समस्या

अस्थमा बीमारी के लिए अनुवांशिकी एक बहुत बड़ा जिम्मेदार कारक माना जाता है। अस्थमा जैसी बीमारियां ज्यादातर केसो में पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही होती है। जिसमें विभिन्न प्रकार के जीन शामिल होते हैं। ऐसा देखा गया है कि यदि जुड़वा बच्चों में से एक अस्थमा रोग से ग्रसित है तो दूसरे बच्चे में भी लगभग 25% इस बीमारी का होना लाजमी है। 2006 ईस्वी में 100 से अधिक जीन को किए गए एक अनुवांशिक अध्ययन में एक दूसरे से संबंधित बताया गया था तथा जीन में हो रहे संबंध अभी भी मिलना जारी है।

पर्यावरण जनित समस्या

अस्थमा के विकास और प्रसार में पर्यावरण जनित समस्या का महत्वपूर्ण योगदान है। जैसे :- एलर्जी कारक तत्व, वायु प्रदूषण, रसायन प्रदूषण जल प्रदूषण इत्यादि। गर्भावस्था के दौरान किया गया धूम्रपान या उसके स्पर्श में आई महिला के पेट में स्थित बच्चे पर उसका दुष्प्रभाव पड़ता है और अस्थमा जैसी लाइलाज बीमारियों का जन्म होता है।

घर में उपस्थित धूल कण, कॉकरोच, जानवरों के बाल, रूसी, फफूंद तथा रायनोवायरस जैसे कारक अस्थमा जैसी बीमारियों को जन्म देते हैं।

चिकित्सीय परिस्थितियां

एटॉपिकआसेज़मा, एलर्जिकरिनीटीस और अस्थमा के त्रिकोण को एटॉपी कहते हैं और एटॉपी रोग के इतिहास को अस्थमा रोग के विकास का मुख्य कारण माना जाता है। अस्थमा स्व प्रतिरक्षी रोग कुर्ग-स्ट्रॉससिंड्रोम तथा वैस्क्युलाइटिस से काफी संबंधित है। यह रोग बहुत प्रकार कि दवाइयों के दुष्प्रभाव के कारण भी संभव हो सकता है।

अस्थमा के प्रमुख लक्षण (major symptoms of asthma disease in Hindi):

Asthma bimari ke lakshan को समझना ज्यादा कठिन नहीं होता है। अस्थमा अटैक या तो धीरे-धीरे होता है या फिर अचानक से हो जाता है, अस्थमा आने से पहले खांसी लगातार होने लगती है या फिर श्वसन प्रणाली में संक्रमण हो जाती है। जब अस्थमा तेजी से उठता है तो हृदय की गति के साथ साथ श्वास की गति भी काफी तेज हो जाती है और पसीना आने लगता है। इस समय मनुष्य काफी थका हुआ और सुस्त महसूस करता है। उस व्यक्ति को निरंतर खासी होने लगती है और साथ ही साथ सीने में जकड़न की संभावना बनती है और बहुत दर्द होने लगता है तथा साथ ही साथ मरीज को उल्टी भी हो सकती है।

अस्थमा के दौरान मरीज के हृदय से आवाज आने लगती है और श्वसन नली का मुख बंद होने लगता है जिससे श्वास लेने में तकलीफ होती है। दमा के मरीजों को रात के समय सोने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना जैसे की उनके सोने के समय लगातार खासी का होना इत्यादि।

i) सामान्यता आचनक से खासी का शुरू हो जाना जिससे कठिनाई काफी बढ़ जाती है।
ii) रुक-रुक कर मगर लगातार खासी का आना।
iii) तेज़ी से पसीना आना और शरीर ठंडा हो जाना।
iv) श्वास फूलना या हाफना जो तेजी से दौड़ने और व्यायाम करने से हो जाता है।
v) श्वास लेने पर शरीर के अंदर, रीढ़ की हड्डी के पास और त्वचा का खीचाव महसूस करना।

अस्थमा को दूर करने के घरेलू उपाय (home remedies to cure asthma disease in Hindi):

Asthma disease ko dur karne ke gharelu upay in Hindi के अंतर्गत चिकित्सक सलाह के अलावा कई ऐसे घरेलू उपाय बताए गए हैं जिसके माध्यम से आप अस्थमा बीमारी को आसानी से दूर कर सकते हैं। ayurvedic doctors के अनुसार हम कई ऐसे घरेलू उपाय कर सकते हैं जिससे अस्थमा के मरीज को काफी लाभ मिलेगा। आइए जानते हैं asthma bimari ko dur karne ke upay–

लहसुन :- लहसुन Asthma के लिए काफी फायदेमंद होता है। 30 मिलीलीटर दूध में लहसुन की 5 कली को उबालकर इसका प्रतिदिन सेवन करने से अस्थमा में आराम मिलता है।

अंजीर के सूखे फल :- यह सूखे फल बहुत गुणकारी होते हैं। इस फल को रात में पानी में भिगोकर रख दें और सुबह उठते ही इसका सेवन करें जिससे कि यह श्वास नली में चिपके बलगम को गला देते हैं। जिसके कारण वश श्वास नली में कोई संक्रमण नहीं होता और Asthma में काफी फायदा मिलता है।

अजवाइन :- अजवाइन अस्थमा के मरीज के लिए काफी फायदेमंद है। आप अजवाइन को पानी में डालकर उबालें और उससे निकलते हुए भाप को श्वास मे ले जो आपके अस्थमा रोग को जड़ से मिटा सकता है। यह बहुत ही आसान उपाय है जिसे आप घर में कर सकते हैं।

मेथी की पत्ती :- मेथी की पत्ती और उसके दाने तो हर घर में पाए जाते हैं लेकिन आपको बता दें की मेथी हमारे शरीर के अंदर की एलर्जी को खत्म करने में अहम भूमिका निभाता है। आप मेथी के कुछ दाने ले और उसे पानी में तब तक उबालें जब तक कि पानी एक तिहाई भाग शेष ना बचे। उसके बाद उस मिश्रित पानी में शहद और अदरक का रस मिलाकर प्रतिदिन उसका सुबह और शाम सेवन करें जिससे आपका अस्थमा रोग ठीक हो सकता है।

अदरक :- अदरक Asthma के लिए काफी असरदार है। आप अदरक की चाय बनाकर उसमें लहसुन की 23 कलियां डाल दे और उसका सेवन करे। जिससे अस्थमा का घरेलू उपचार हो जाता है।इसके अलावा एक और घरेलू उपाय यह है कि अदरक का एक चम्मच रस साथ में एक कप मेथी का काढ़ा और अपने स्वाद के अनुसार उसमें शहद मिलाकर प्रतिदिन उसका सेवन करें जो आपके अस्थमा रोग को ठीक करने का रामबाण इलाज साबित हो सकता है।

करेला :- करेला का पेस्ट बनाकर उसमें एक चम्मच शहद और तुलसी का रस मिला ले और प्रतिदिन सेवन करें जो आपके रोग को ठीक कर सकता है।

सरसों तेल से मसाज :- अस्थमा अटैक आने पर रीढ़ की हड्डी और छाती में दर्द बढ़ जाता है। जिसके कारण आप घर में सरसों तेल में कपूर मिलाकर मसाज कर सकते हैं, जिससे काफी राहत मिलती है।

प्याज :- कच्चे प्याज का सेवन अस्थमा के मरीज के लिए काफी आवश्यक होता है। क्योंकि कच्चा प्याज फेफड़े की जलन एवं अन्य समस्याओं को हल करने में सक्षम होता है।

तुलसी :- सेंधा नमक, जीरा, भुनी हुई हींग और तुलसी के पत्ते को पीस कर एक गिलास पानी में उबाल लें और इसका प्रतिदिन सेवन करें जिससे आपके अस्थमा रोग में सहायक साबित होगा।

अस्थमा के इलाज में प्रयोग किए जाने वाले एलोपैथिक दवाईयां (allopathic medicines for asthma disease in Hindi):

अस्थमा बीमारी के लिए कई प्रकार की दवाइयां उपलब्ध है जिसके मदद से अस्थमा बीमारी को आसानी से दूर किया जा सकता है। केवल डॉक्टर अस्थमाटिक को निर्भय जीवन का प्रबंधन करने और जीने के लिए सही मार्गदर्शन देंगे। आप डॉक्टर की सलाह अनुसार ब्रोंकोडाइलेटर्स दवा का उपयोग कर सकते हैं, जो आपकी श्वास नली को खोल देता है। Medicines for asthma disease निम्नलिखित हैं-

  • Inhalers
  • Leukotriene Receptors Antagonists.
  • Theophylline.
  • Steroid Tablets
  • Steroid Tablets.
  • Injection : Benralizumab, Omalizumab, Mepolizumab, Reslizumab.
  • Surgery

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अस्थमा को दूर करने के लिए किए जाने वाले ट्रीटमेंट्स (Doctor treatments and advice for asthma disease in Hindi):

दोस्तों जैसा कि हमने पहले भी बताया कि बीमारियों से किसी भी प्रकार के रिस्क नहीं लेनी चाहिए। यही कारण है कि दवाइयों के अलावा चिकित्सक सलाह भी अस्थमा बीमारी के लिए जरूरी होती है। इसके लिए निम्नलिखित ट्रीटमेंट करवाए जा सकते हैं-

Complimentary Therapies :- अस्थमा के उपचार के रूप में कई उपचार सुझाए गए हैं जो इस प्रकार है :

Breathing exercise :- इस तरह की तकनीकको पापवर्थ विधि और बुटेको विधि कहा जाता है। इसमें आप श्वास की अंदर और बाहर की प्रक्रिया कर अस्थमा को नियंत्रित कर सकते हैं।

Manual Therapies :- इस थैरेपी में आप अपने हाथों या फिर मशीन के द्वारा मसाज दे कर मरीज की हालत में सुधार ला सकते है।Ionisers :- ये एक ऐसे उपकरण होते हैं जो हवा में मौजूद अणुओं को चार्ज करने के लिए एक विद्युत प्रवाह का उपयोग किए जाते हैं।

अस्थमा बीमारी एक ऐसी बीमारी है जिसमें चिकित्सक सलाह बेहद जरूरी है। अतः किसी प्रकार की अधिक समस्या होने पर चिकित्सक सलाह अवश्य लें ताकि बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सके।

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