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जानिए पतला पैखाना ,लूजमोशन या दस्त होने के कारण , बचाव, रोकथाम एवं 10 सावधानियां तथा घरेलू उपचार – What is diarrhoea, Its Prevention, 10 precautions and home remedies ?

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जानिए पतला पैखाना ,लूजमोशन या दस्त होने के कारण , बचाव, रोकथाम एवं 10 सावधानियां तथा घरेलू उपचार - What is diarrhoea, Its Prevention, 10 precautions and home remedies ?

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दस्त डायरिया या फिर हम इसे अतिसार भी कह सकते हैं। दस्त की स्थिति में मल या तो बहुत पतले होते हैं या फिर बार-बार मल त्याग करना होता है। यह दोनों ही स्थिति दस्त के लक्षणों की ओर संकेत करती हैं। दस्त होने पर बार-बार पतले दस्त होते हैं, जिसमें जल अधिक मात्रा में होता है। दस्त में मल थोड़े-थोड़े समय के अंतर में आते हैं।

Diarrhoea उस वक्त होता है जब कोई व्यक्ति सामान्य की तुलना में अत्यधिक एवं लगातार मल त्याग करता है। डायरिया बीमारी को आंत्रशोथ के प्रमुख लक्षणों में से एक माना जाता है। डायरिया बीमारी का एक लक्षण उल्टी भी होता है। आंत्रशोथ में आते एवं पेट में सूजन जैसी स्थिति उत्पन्न होती है जो वायरल संक्रमण एवं जीवाणुओं के परिणाम स्वरुप उत्पन्न होती है। आमतौर पर दस्त किसी भी व्यक्ति को बिना इलाज किए 2 से 4 दिनों तक रहता है।

यदि किसी व्यक्ति को गंभीर दस्त की समस्या होती है तो उसे जीवन का खतरा भी हो सकता है इसलिए उसे जल्द से जल्द अपना इलाज भी करवा लेना चाहिए।जब किसी व्यक्ति में द्रव नुकसान होता है तो उसके दस्त में पानी आ जाता है इसी वजह से या बीमारी होती है। यह बीमारी मुख्य रूप से छोटे बच्चों एवं शिशुओं, कुपोषित एवं कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों में आमतौर पर होती हैं।

आज के समय में विश्व स्तर पर डायरिया रोग से 5 से कम आयु वाले बच्चों का मरने में दूसरा प्रमुख कारण बन चुका है। इस रोग से लगभग 760000 बच्चों की मृत्यु प्रत्येक वर्ष होती है।

सबसे अच्छी खबर यह है कि दस्त बीमारी को रोकने के लिए मेडिसिन उपलब्ध है। इस बीमारी को रोकने का एक और उपाय सुरक्षित पानी पीना, बेहतर साफ सफाई रखना एवं अपने हाथों को स्वच्छ रखने के लिए पानी और साबुन से लगातार हाथ धोते रहने से दस्त रोग के खतरे से बचा जा सकता है।

दस्त के कारण दस्त के क्या कारण हैं ? – What are the causes of Diarrhoea ?

आमतौर पर दस्त हमारे शरीर में दूषित भोजन एवं दूषित पानी ग्रहण करने, गंदे हाथों से भोजन करने, गंदे हाथों का मल पदार्थों से सीधे संपर्क से भी दस्त हमारे शरीर में फैलता है। Diarrhoea hone ke Pramukh Karan kya hai की बात करें तो विभिन्न तरह के वायरस बैक्टीरिया इसके मुख्य कारण बनते हैं। कुछ आम रोगों में भी यह शामिल होता है जैसे :

जीवाणु : जीवाणुओं में सालमोनेला या आत के बैक्टीरिया की प्रजातियां इसके अंतर्गत आते हैं।

वायरस : वायरस में नोरोवायरस एवं रोटावायरस इसके अंतर्गत आते हैं।

परजीवी : परजीवीयों में गीअरडिया एवं इनटेस्टिनलिस इसके अंतर्गत आते हैं।

दस्त के क्या लक्षण हैं ? – What are the symptoms of Diarrhoea ?

मनुष्य में दस्त होने के एक नहीं बल्कि कई लक्षण दिखाई पड़ते हैं। यदि आप diarrhoea ke Pramukh lakshan kya hai के बारे में जानना चाहते हैं तो यह निम्नलिखित हैं-

1. पानी जैसा दस्त होना

2. पेट में खराबी एवं एंठन

3. तत्काल शौचालय का उपयोग करने की आवश्यकता

4. उल्टी एवं मतली

5. शरीर का बुखार से तपना

6. भूख कम लगना

जब कभी भी मनुष्य को दस्त एवं पायरिया होता है तो यह सामान्य रूप से कुछ ही दिनों में समाप्त हो जाता है। इस वक्त सभी व्यक्ति को निर्जलित होने से जहां तक हो सके बचना चाहिए। दस्त के होने पर व्यक्ति को जहां तक हो सके तरल पदार्थों का ही सेवन करना चाहिए। वह एक मौखिक पुनर्जलीकरण समाधान पर भी विचार कर सकता है। यह समान्य रूप से एक पाउच में मिलते हैं जिसे खनिजों एवं लवणों की कमी को दूर करने के लिए पानी में घोला जाता हैं।

दस्त की स्थिति में आमतौर पर कम खाने का प्रयास करें एवं भोजन को भी हल्का रखें। इस स्थिति में मसालेदार नमकीन एवं मीठे स्वादिष्ट खाद्य पदार्थों से दूर रहे। जिन बच्चों को दस्त की समस्या है उन बच्चों के लिए उन्हें समान्य रूप से स्तनपान करवाना जारी रखें।

यदि आप को दस्त की समस्या 1 सप्ताह से भी अधिक समय तक जारी रहे या फिर आपको कोई गंभीर लक्षण दिखाई पड़ रहा हो तो आपको जल्द से जल्द किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए एवं अपने स्वास्थ्य का विशेष कर ध्यान एवं देखभाल करनी चाहिए।

दस्त के उपचार में बरती जाने वाली सावधानियां (Precautions to be taken in the treatment of diarrhoea):

1. पीने का सुरक्षित पानी: विकासशील देशों में यह सबसे बड़ी समस्या है कि पीने का पानी संक्रामक रोगों के लिए योगदान देने वाले सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक बन चुका है। इसलिए आपको सबसे पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके द्वारा उपयोग में लाने वाला पानी सुरक्षित है या नहीं और यदि आपके घर पर पानी का भंडारण हो तो यह अवश्य जांच कर ले कि पानी ढका हुआ है या नहीं।

पानी पीने के बर्तन को किसी को भी बिना हाथ धोए छूने ना दें एवं प्रत्येक बार उपयोग में लाए हुए बर्तन को धोना आवश्यक है। यदि आप पानी स्वच्छ है या नहीं इस सोच में है तो पानी पीने से पहले इसे साफ करना बेहद जरूरी हो जाता है।

2. शौचालय की स्वच्छता: मानव द्वारा अपशिष्ट मूत्र एवं मल को सुरक्षित रूप से निपटाने के लिए एक ही शौचालय का उपयोग भी दस्त के रो गानों का एक महत्वपूर्ण कारण है जिसे रोकना एक अनिवार्य हिस्सा बन चुका है। प्रत्येक व्यक्ति को एक ऐसे शौचालय का उपयोग करना चाहिए जो साइट एवं सीवरेज व्यवस्था के आधार पर स्वच्छता प्रणाली से निश्चित रूप से जुड़ा हुआ हो।

शौचालय का उपयोग करने के बाद उसे सुनिश्चित करने के लिए शौचालय को अच्छी तरह से फ्लैश करें एवं शौचालय के अंदर के हिस्से यह सता पर किसी भी तरह के मल पदार्थों के जमाव को दूर करने के लिए एक शौचालय ब्रश एवं क्लीनर का उपयोग काफी जरूरी होता है।

शौचालय के आसपास के क्षेत्रों को भी जहां आप निश्चित रूप से स्पर्श करते हैं उन स्थानों को भी क्लीन करना आवश्यक होता है। जैसे ढक्कन सीट फ्लैश हैंडल को हमेशा कीटाणु रहित करने के लिए उसे साफ करना आवश्यक है। शौचालय उपयोग करने के बाद उसे मक्खियों के द्वारा कीटाणु एवं वायरस के हस्तांतरण को फैलने से रोकने के लिए शौचालय को ढक कर रखना भी जरूरी होता है।

इन सबसे जरूरी एक और भी बात यह है कि शौचालय को साफ करने के लिए उपयोग में लाया गया कपड़ा घर के अन्य किसी क्षेत्र में सफाई करने के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

3. भोजन की स्वच्छता: स्वच्छ भोजन हमेशा आंत्रशोथ में विषाक्त भोजन को एवं डायरिया को फैलने से रोकने में मदद करती हैं।

भोजन तैयार करने वाले जगहो को कीटाणु रहित एवं स्वच्छ बनाना : भोजन बनाने के बाद आप सबको उन सभी सतहों की सफाई करनी चाहिए जिन- जिन जगहो पर आपने भोजन बनाने की तैयारी की है। बराबर सफाई करते रहने से कीटाणुओं के फैलने की संभावना कम हो जाती है एवं हम स्वच्छ भी रहते हैं। गंदे बर्तन, क्रोकरी एवं कटलरी को साबुन एवं गर्म पानी से बराबर साफ करते रहना चाहिए एवं हमें कुछ और अन्य बातों को भी ध्यान में रखना चाहिए जैसे-

1. कच्चे एवं तैयार भोजन को अलग से स्टोर करना

2. भोजन को अच्छी तरह से एवं समान्य रूप से बनाना

3. बैक्टीरिया को फैलने से रोकने के लिए भोजन को फ्रिज में रखना

4. बर्तन, तोलिया, फलालेन एवं कटलरी और इस स्पंच जैसी और भी अन्य सामान जो किसी व्यक्ति के देखभाल के चीजों में घर में इस्तेमाल किया जाता है।

5. वह सब किसी अन्य व्यक्ति के साथ साझा करने से बचें। डायरिया एवं दस्त से पीड़ित लोगों को दूसरों के लिए भोजन बनाने से भी बचना चाहिए।

6. दस्त जैसी स्थिति में शौचालय में प्लस एवं शीट के साथ-साथ शौचालय को कीटाणु रहित करने के लिए उसे निरंतर साफ करते रहे।

7. अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन एवं पानी से निरंतर धोते रहें।

8. घर से बाहर काम पर या अन्य किसी जगह पर जाने से पहले इन लक्षणों के समाप्त होने का 48 घंटे तक कम से कम प्रतीक्षा करना चाहिए।

दस्त को रोकने के लिए घरेलू उपचार (Home Remedies for Diarrhoea) (Loose Motion):

दस्त एक ऐसी बीमारी है जो किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। दस्त की वजह से व्यक्ति के स्वास्थ्य में कमजोरी आने लगती हैं इसलिए यदि समय पर दस्त को रोका ना जाए तो हॉस्पिटल जाने की भी नौबत आ जाती है। इसलिए जब भी किसी व्यक्ति को दस्त की समस्या होती है तो उसका ध्यान सबसे पहले दवाइयों की ओर जाता है एवं वाह दस्त को नियंत्रण करने के लिए दवाइयों का सेवन करता है।

कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दस्त को रोकने के घरेलू उपाय को नहीं जानते हैं। दस्त को रोकने के आयुर्वेद में काफी सारे उपाय विस्तार स्वरूप बताए गए हैं यदि आप इन उपायों को जान लेंगे तो आप आसानी से घर पर ही अपने दस्त को बिना किसी दवाई के उसमें रोक लगा सकते हैं। 10 को दस्त को रोकने के लिए काफी सारे घरेलू उपाय एवं तरीकों को बताया गया है जैसे-

दस्त को रोकने के लिए धनिया का उपयोग (Dhaniya : Home Remedy to Treat Diarrhoea)

अधिक मात्रा में दस्त होने से व्यक्ति को अधिक प्यास लगती है इस स्थिति में दस्त से ग्रसित व्यक्ति को 1 लीटर पानी में एक चम्मच सूखा धनिया उबालकर जब पानी आधा हो जाए तो उसे ठंडा कर के छन ले एवं उसे थोड़ी-थोड़ी मात्रा में रोगी को पिलाते रहे जिससे उसके दस्त को राहत मिलेगि।

कचनार के प्रयोग से दस्त का घरेलू इलाज (Kachnar : Home Remedy to Stop Loose Motion)

कचनार फूल की दो से तीन कली को लेकर उसे अच्छी तरह से पीस लें एवं इसे चीनी से बने शर्बत में मिलाकर रोजाना दो से तीन बार सुबह शाम खाने के पहले एवं बाद में लेते रहें। ऐसा करने से बार बार दस्त होने की शिकायत भी समाप्त हो जाती हैं।

नींबू से दस्त पर रोक (Lemon : Home Remedies for Loose Motion)

रोजाना सुबह दोपहर एवं शाम को खाली पेट या खाने के बाद एक कप ताजे पानी में एक छोटी चम्मच नींबू का रस मिलाकर पीने से इससे आतो की सफाई होती है एवं जिन लोगों को दस्त के साथ आव आती है उन लोगों के लिए यह काफी फायदेमंद साबित होता है।

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