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Insomnia During Early Pregnancy:  गर्भावस्था के शुरुआती चरण में महिलाओं को क्यों नहीं आती नींद| What is Insomnia During Early Pregnancy Symptoms causes and Best Treatments

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Insomnia During Early Pregnancy in Hindi Table Of Content

Insomnia During Early Pregnancy:  गर्भावस्था के शुरुआती चरण में महिलाओं को क्यों नहीं आती नींद| What is Insomnia During Early Pregnancy Symptoms causes and Best Treatments

जब महिलाएं गर्भवती होती हैं तो शुरुआत में उन्हें बिल्कुल भी नींद नहीं आती क्योंकि गर्भावस्था का शुरुआती चरण महिलाओं को काफी परेशान कर देता हैं। खासतौर पर जो महिलाएं पहली बार गर्भवती हो रही है तो उन्हें तो रात्रि के समय नींद ना आने की वजह से काफी परेशानी हो सकती हैं। बहुत सी महिलाएं नींद ना आने पर तरह-तरह की बातें सोचने लगती हैं मैं सोचती है कि शायद उनको कोई गंभीर बीमारी है या फिर उनके बच्चे को कोई समस्या हो रही है और इसी वजह से उन्हें नींद भी नहीं आ रही लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता।

महिलाओं के शरीर में गर्भावस्था के समय सामान्य बदलाव होते हैं जो कि हर एक महिला के शरीर में होते हैं और इन्हीं बदलावों के कारण महिलाओं को रात्रि के समय नींद नहीं आती। बहुत सी महिलाएं तो अपने आने वाले बच्चे को लेकर काफी चिंता में रहती हैं और इसी कारण उन्हें नींद भी नहीं आती या फिर भी महिलाओं में बदलाव होने की वजह से हाथों पैरों में काफी दर्द रहता हैं तो इसके कारण उन्हें बिल्कुल भी नींद नहीं आ पाती।

 इसके अतिरिक्त और भी बहुत से ऐसे कारण होते हैं जिसकी वजह से महिलाएं बिल्कुल भी अच्छे से नहीं सो पाती जिनके बारे में हम आगे जानेंगे। आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जाने वाले हैं कि Why Women Can’t Sleep in Early Pregnancy In Hindi तथा Sleeping Tips For Woment In Early Pregnancy In Hindi इसके अतिरिक्त हम आपको Causes Of Insomnia Disease In Pregnancy In Hindi तथा Treatment Of Insomnia Disease In Early Pregnant Women In Hindi के बारे में भी बताएंगे।

Insomnia

गर्भावस्था की शुरुआत में महिलाओं को नींद क्यों नहीं आती – Causes Of Insomnia Disease In Early Pregnancy In Hindi ?

गर्भावस्था की शुरुआत में ऐसे बहुत से कारण होते हैं जिनकी वजह से महिलाओं को नींद ना आने की समस्या का सामना करना पड़ता हैं। खासतौर पर जो महिलाएं पहली बार गर्भवती हुई हैं तो उन महिलाओं को तो गर्भावस्था के समय नींद ना आने की समस्या का काफी ज्यादा सामना करना पड़ता है और उन्हें इस समस्या से काफी परेशानी भी हो जाती हैं, क्योंकि नींद हमारे लिए बेहद ही आवश्यक होती है और जब हमें नींद ही नहीं आती तो उस समय शरीर में अनेकों बीमारियां जन्म ले लेती हैं। खासतौर पर जब महिलाएं गर्भवती होती हैं तो उनके शरीर को पर्याप्त मात्रा में नींद की आवश्यकता होती हैं।

हार्मोन में बदलाव होना

गर्भावस्था के शुरुआती दौर में महिलाओं के शरीर में काफी बदलाव होते हैं जैसे कि उनके शरीर की में धीरे-धीरे हार्मोन बदल रहे होते हैं और शरीर के बाकी अंग भी धीरे-धीरे बदलना शुरू हो जाते हैं, तो उस समय महिलाओं को काफी बेचैनी रहती है और इसी बेचैनी के चलते वें रात के समय अच्छी नींद नहीं ले पाती जो महिलाएं एक बार पहले भी गर्भवती हुई हो तो उनके लिए तो यह कोई बड़ी बात नहीं है

क्योंकि उन्हें गर्भावस्था के लक्षणों की आदत होती है। जब महिलाएं गर्भधारण कर लेती हैं, तो उस समय उनके शरीर में बहुत से ऐसे हार्मोन रिलीज होते हैं जो उन्हें रात के समय बेचैन रखते हैं। खासतौर पर महिलाओं के शरीर में रात के समय ज्यादा प्रक्रिया होती हैं इसीलिए वें ढंग से नहीं सो पाती।

रात के समय कमर और पैरों में दर्द होना

गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में महिलाएं काफी थकी हुई रहती है और इसी थकान की वजह से महिलाएं सारा दिन परेशान रहती हैं। जब महिलाएं गर्भावस्था के शुरुआती दौर में रात को सोने के लिए बेड पर लेट ती हैं, तो उस समय कुछ महिलाओं को पैरों में दर्द सूजन कमर में दर्द कालजे में जलन आदि महसूस होती है और इसी वजह से महिलाएं काफी बेचैन हो जाती हैं जिसकी वजह से उन्हें नींद नहीं आती खासकर यह लक्षण उन महिलाओं को दिखाई देते हैं जो शारीरिक रूप से काफी कमजोर होती हैं।

बहुत सी महिलाएं ऐसी होती हैं जिनमें पोषक तत्वों की काफी कमी है रहती हैं। जैसे कि विटामिन और प्रोटीन की कमी होती है और इसी वजह से वह महिलाएं काफी कमजोर महसूस करती हैं और अच्छे से नहीं ले पाती।

अत्यधिक तनाव में रहना

जो महिलाएं गर्भावस्था के समय अत्यधिक तनाव में रहती हैं, तो उन्हें भी रात के समय अच्छे से नींद नहीं आ पाती। क्योंकि तनाव के कारण महिलाओं के दिमाग में वही बातें घूमती रहती हैं। जिसकी वजह से उन्हें तनाव है और तनाव तो एक ऐसी समस्या है जो धीरे-धीरे महिलाओं के शरीर को काफी कमजोर बना देता है और इसी कारण महिलाएं ना तो रात को अच्छे से सो पाती और ना ही उनके बच्चे का विकास अच्छी तरह हो पाता। इसीलिए सभी महिलाओं को गर्भावस्था में यही सलाह दी जाती हैं कि उन्हें तनाव से पूरी तरह से दूर रहना चाहिए उन्हें भूल कर भी तनाव में नहीं रहना चाहिए।

अधिक पेशाब आना

गर्भावस्था के समय महिलाओं को काफी जगह पेशाब आता है और इसी वजह से उन्हें रात के समय बार-बार उठना पड़ता है ऐसा इसलिए होता हैं, क्योंकि गर्भावस्था के समय महिलाओं की पेशाब की थैली भी प्रभावित होती हैं और पेशाब की थैली प्रभावित होने की वजह से ही महिलाओं को बार-बार पेशाब आता हैं। महिलाएं चाह कर भी इस समस्या से छुटकारा नहीं पा सकती, क्योंकि यह लक्षण गर्भावस्था के समय हर एक महिला को ही दिखते हैं।

 लेकिन कुछ महिलाओं को यह लक्षण काफी ज्यादा गंभीर रूप से दिखाई देते हैं और इसी वजह से वह दूसरी महिलाओं की अपेक्षा काफी ज्यादा परेशान रहती हैं। यह एक ऐसी समस्या होती है जिसका इलाज गर्भावस्था के दौरान डॉक्टरों के पास भी नहीं है इसीलिए आपको गर्भावस्था में इस समस्या का सामना करना ही पड़ेगा, मगर बहुत से घरेलू नुस्खे ऐसे होते हैं जिनकी सहायता से इस समस्या को थोड़ा बहुत कम किया जा सकता है ताकि महिलाएं अच्छी नींद ले सकें।

पेट बड़ा होने की वजह से

गर्भावस्था के समय महिलाओं का पेट भी धीरे-धीरे बड़ा हो रहा होता है और जब महिलाओं का पेट बड़ा हो रहा होता हैं, तो उस समय उन्हें काफी बेचैनी रहती है क्योंकि उस समय ना तो महिलाएं अच्छे से बैठ पाती और ना ही ज्यादा चल फिर पाती और इसी वजह से वह काफी ज्यादा परेशान हो जाती हैं जो महिलाएं पहली बार गर्भवती होती है तो उन्हें तो आदत भी नहीं होती इसलिए पेट बड़ा होने के कारण उन्हें काफी असावधानी महसूस होती है।

जिसकी वजह से उन्हें नींद नहीं आ पाती कुछ महिलाओं का पेट दूसरी महिलाओं की अपेक्षा काफी बड़ा भी होता है और उस समय उन्हें सोते समय काफी बेचैनी होती हैं। इस परिस्थिति का सामना महिलाओं को आखरी कुछ सप्ताह में ही करना पड़ता है इसलिए आपको ज्यादा घबराने की आवश्यकता नहीं है।

ज्यादा खाना खाने की वजह से

गर्भावस्था के समय महिलाओं को डॉक्टरों के द्वारा भी यही सलाह दी जाती है कि उन्हें अपनी क्षमता के अनुसार भोजन करना चाहिए बहुत सी महिलाएं अपनी क्षमता से बाहर भोजन करती हैं। जैसे कि वह पेट भरने के पश्चात भी कुछ ना कुछ खाती ही रहती हैं इसी वजह से इस प्रकार की महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। जब महिलाएं अपनी क्षमता से ज्यादा खाना खाती हैं तो उसकी वजह से भी उन्हें काफी ज्यादा बेचैनी रहती है और बेचैनी के कारण ही उन्हें अच्छी तरह नींद नहीं आती।

 इसीलिए सभी महिलाओं को यही कहा जाता है कि गर्भावस्था के समय उन्हें ज्यादा खाना नहीं खाना चाहिए, क्योंकि ज्यादा खाना खाने की वजह से उनके पेट में गैस भी बन सकती है और जब पेट में गैस बन जाती हैं, तो उस समय तो महिलाओं को पेट के साथ-साथ छाती में भी दर्द हो सकता है। इसीलिए गर्भावस्था के समय महिलाओं को सोच समझकर ही भोजन करना चाहिए।

प्रदूषित वातावरण की वजह से

जब महिलाओं के आसपास का वातावरण स्वच्छ नहीं होता तो उसकी वजह से भी वह अच्छे से नहीं सो पाती। ज्यादा भीड़ भाड़ वाले इलाकों में रहने वाली महिलाओं के घरों में काफी घुटन होती है और इस घुटन की वजह से उन्हें कभी-कभी रात के समय सांस लेने में थोड़ी थोड़ी सी परेशानी होने लगती है या फिर जब कोई व्यक्ति गर्भवती महिला के सामने धूम्रपान करता है या जो महिलाएं चूल्हे पर खाना बनाती हैं तो उन महिलाओं को रात के समय है नींद आने में परेशानी हो सकती हैं, क्योंकि गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहा बच्चा धुएं को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर सकता इसीलिए उन महिलाओं को रात के समय नींद आने में दिक्कत होती हैं।

बच्चे के द्वारा की जाने वाली प्रतिक्रिया

गर्भावस्था के दिनों में महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चे कभी-कभी प्रतिक्रिया अभी दिखाते हैं। खासतौर पर रात के समय बच्चों के द्वारा प्रतिक्रिया दिखाने पर महिलाओं की नींद तुरंत ही खराब हो जाती है और गर्भावस्था की नींद ऐसी होती है कि जब यह नींद एक बार खराब हो जाती हैं, तो फिर महिलाएं दोबारा से नहीं सो पाती ऐसा महिलाओं के साथ कभी-कभी ही होता हैं। खास तौर पर जब महिलाएं प्रसव के आसपास ही होती हैं। मतलब कि जब उनकी डिलीवरी होने ही वाली होती है तो उसके आसपास महिलाओं को इस प्रकार के लक्षणों काफी ज्यादा दिखाई देते हैं।

गर्भावस्था के समय महिलाओं को जल्दी नींद कैसे आती है – Sleeping Tips For Women In Early Pregnancy In Hindi ?

ऐसे बहुत से घरेलू नुस्खे होते हैं जिनका इस्तेमाल करके महिलाएं काफी आसानी से सो सकती हैं और उन्हें अच्छी नींद भी आएगी।

1. रात के समय हल्की और पोस्टिक चीजें खाएं

बहुत सी महिलाएं रात के समय सोते वक्त काफी ज्यादा खाना खा लेती हैं या फिर रात के समय में तली हुई चीजों का सेवन काफी ज्यादा करती हैं और इसी वजह से उनको रात के समय काफी बेचैनी रहती है और महिलाएं अच्छी तरह नहीं हो पाती इसलिए महिलाओं को हमेशा रात के समय में काफी कम खाना खाना चाहिए। हो सके तो खाना खाने के बाद गर्भवती महिलाओं को थोड़ा सा टहलना भी जरूर चाहिए, क्योंकि टहलने से गर्भवती महिलाओं के पेट में खाना हजम हो जाता है जिसकी वजह से उन्हें पेट दर्द होने की संभावनाएं नहीं रहती।

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2. रात के समय दूध पिए

गर्भावस्था के समय महिलाओं को अगर अच्छी नींद लेनी है तो उसके लिए उन्हें रात को हमेशा दूध पीकर सोना चाहिए क्योंकि जब महिलाएं रात के समय दूध पी कर सोते हैं, तो उन्हें काफी अच्छी नींद आती है अगर दूध के अंदर हल्दी डालकर पिए तो यह तो महिलाओं के लिए और भी ज्यादा ठीक रहता हैं। ज्यादातर सभी गायनोलॉजिस्ट डॉक्टर के द्वारा भी गर्भवती महिलाओं को यही सलाह दी जाती है कि उन्हें रात के समय दूध जरूर देना चाहिए।

3. भरपूर मात्रा में पानी पिए

गर्भावस्था के समय महिलाओं को भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। बहुत सी महिलाएं पानी नहीं पीती जिसकी वजह से उनके शरीर में पानी की कमी हो जाती है। पानी की कमी होने के कारण भी महिलाओं को रात के समय बेचैनी रहती है और उन्हें नींद नहीं आती। इसीलिए महिलाओं को रोजाना 7 से 8 लीटर पानी पीना चाहिए खासतौर पर जब वह है सोने वाली होती हैं तो सोने से आधा घंटा पहले उन्हें एक गिलास पानी पीना चाहिए, क्योंकि पानी पीने से महिलाओं को नींद काफी अच्छी आती है और जिन महिलाओं में बार बार पेशाब आने की दिक्कत होती है तो उन्हें थोड़ा कम पानी पीना चाहिए।

4. गर्भावस्था में ज्यादा मीठे का सेवन ना करें

बहुत-सी महिलाओं का गर्भावस्था के समय काफी ज्यादा मिर्ची वस्तुएं खाने का मन करता है और इसीलिए वह अत्यधिक मात्रा में मीठी चीजों का सेवन करती हैं। लेकिन महिलाओं को यह पता होना चाहिए कि गर्भावस्था में हद से ज्यादा मीठा खाने के कारण उनके पेट में कीड़े भी हो सकते हैं इसीलिए महिलाओं को मीठे की मात्रा काफी कम करनी चाहिए।

गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ दूसरे महिलाओं और पुरुषों को भी नीचे का सेवन ज्यादा करने की सलाह बिल्कुल भी नहीं दी जाती क्योंकि अधिक मीठे का सेवन करने से शुगर होने का खतरा भी रहता हैं। क्योंकि आज के समय में ज्यादातर मीठे खाने के उत्पादों में केमिकल का इस्तेमाल होता है और यही केमिकल खराब स्वास्थ्य का कारण भी बनता हैं।

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5. पाचन तंत्र को खराब ना होने दें

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में पाचन तंत्र खराब होना एक आम बात है लेकिन महिलाएं गर्भावस्था के समय अपने पाचन तंत्र को बड़ी आसानी से ठीक रख सकती हैं। इसके लिए उन्हें सुबह के समय खाली पेट थोड़ा सा गर्म पानी पीना चाहिए पानी ज्यादा गर्म भी नहीं होना चाहिए बस पीने योग्य होना चाहिए। इसीलिए महिलाओं को एक बारी ही ज्यादा खाना नहीं खाना चाहिए अगर वह रुक रुक कर खाना खाते हैं, तो यह उनके लिए फायदेमंद होता है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का पाचन तंत्र थोड़ा धीमा हो जाता है।

इसीलिए महिलाओं को रुक रुक कर खाना खाना चाहिए ताकि उनका पाचन तंत्र सही से काम कर सके और पाचन तंत्र अगर सही से काम करेगा तो उसके कारण महिलाएं बीमारी से तो बचेंगे ही इसी के साथ-साथ उन्हें नींद भी अच्छी आएगी।

6. बिल्कुल खुश रहे

गर्भावस्था के समय महिलाओं को बिल्कुल भी तनाव में नहीं रहना चाहिए महिलाएं गर्भावस्था के दौरान जितनी ज्यादा खुश रहती हैं, तो इतना ही उनके लिए फायदेमंद होता है महिलाओं के जीवन में बहुत सी ऐसी चीजें होती हैं जिनके कारण वह तनाव में रहने पर मजबूर हो जाती हैं। मगर महिलाओं को यह सोचना चाहिए कि अब वह अकेली नहीं है उनके गर्भ में पल रहे बच्चे की जिम्मेदारी भी उन्हीं के ऊपर है। इसीलिए तनाव को त्याग कर उन्हें खुशी से जीवन बिताना चाहिए यह उनके बच्चे के लिए भी सही होगा। ऐसा करने पर वह रात के समय काफी अच्छी तरह नींद ले पाएंगी।

7. सुबह सैर करने जाएं

बहुत सी महिलाएं गर्भावस्था के समय सिर्फ घर में ही पड़ी रहती हैं और वह अपने शरीर को जरा सा भी हिलाती-डुलाटी नहीं जिसकी वजह से उन्हें कभी-कभी बेचैनी महसूस होती है और छाती में दर्द भी होता है इसीलिए गर्भावस्था के समय महिलाओं को यह सलाह दी जाती है कि उन्हें सुबह जल्दी उठकर सैर करने जाना चाहिए अगर वह सुबह सैर करने जाती हैं, तो इस प्रकार उनका पाचन तंत्र भी ठीक रहता है और उनके शरीर में ब्लड सरकुलेशन भी बिलकुल अच्छी तरह होता है और इसी के साथ साथ उनकी थकान भी पूरी तरह दूर हो जाती हैं।

8. घर के कामकाज करें

महिलाओं को गर्भावस्था के समय अपने घर में रहकर थोड़े बहुत कामकाज भी करनी चाहिए। अगर महिलाएं घर में रहकर थोड़े बहुत कामकाज करती हैं, तो इस वजह से उनका शरीर बिल्कुल एक्टिव रहता है और शरीर एक्टिव रहने की वजह से महिलाओं के शरीर के सभी अंग अच्छे से काम करते हैं जिसकी वजह से उन्हें रात के समय अच्छी तरह नींद भी आती हैं।

9. खुद को व्यस्त रखें

गर्भावस्था के समय महिलाओं को किसी ना किसी चीज में अपने आप को व्यस्त रखना चाहिए। गर्भावस्था में महिलाएं किसी तरह की कोई धार्मिक पुस्तक पढ़ सकती हैं या फिर ज्ञान की किताबें पढ़ सकती हैं। इस प्रकार उनके बच्चे पर भी बुरा असर पड़ेगा और उन्हें दूसरी बातों को सोचने का समय भी नहीं मिलेगा जिसकी वजह से उन्हें रात में काफी अच्छी नींद आएगी और अच्छी नींद आने के साथ-साथ उनके मन में बुरे ख्याल भी नहीं आएंगे इसीलिए महिलाओं को खुद को थोड़ा व्यस्त रखना चाहिए, क्योंकि खाली बैठकर तो महिलाओं के मन में नकारात्मक विचार आते हैं जिसकी वजह से वह रात में भी उन्हीं नकारात्मक विचारों के बारे में सोचती रहती है।

10. अपने पार्टनर के साथ बातें शेयर करें

बहुत ही महिलाओं में यह आदत होती है कि उनके मन में जो भी बातें होती हैं वह अपने पार्टनर को नहीं बताती और इसीलिए नहीं बताती कि कभी वह परेशान ना हो जाए। मगर जब महिलाएं अपने पार्टनर को अपने मन की बातें नहीं बताती तो उसकी वजह से रात के समय में है उन्हीं बातों के बारे में सोचती रहती हैं

इसीलिए महिलाओं को अपने मन की बात बतानी चाहिए। इसके अतिरिक्त वह है जो भी बात अपने मन में रख कर उस बात की वजह से परेशान हैं, तो वह बात भी अपने पार्टनर को जरूर बतानी चाहिए। ऐसा करने से उनके मन का बोझ उतर जाता है और वह रात को उन बातों के बारे में भी नहीं सोचती इस प्रकार उन्हें काफी अच्छी नींद आती है।

Conclusion –

गर्भावस्था के शुरुआती दौर में महिलाओं को नींद क्यों नहीं आती और किन तरीकों से वह अच्छी नींद ले सकती हैं और उन्हें नींद ना आने की वजह से क्या नुकसान हो सकते हैं इसके बारे में हमने आपको विस्तार से बताया हैं। इसके अतिरिक्त हमारी आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने जाना कि Why Women Can’t Sleep in Early Pregnancy In Hindi तथा Sleeping Tips For Woment In Early Pregnancy In Hindi

इसके अतिरिक्त हमने आज Causes Of Insomnia Disease In Pregnancy In Hindi तथा Treatment Of Insomnia Disease In Early Pregnant Women In Hindi के विषय में भी अच्छे से जाना ताकि महिलाएं गर्भावस्था के शुरुआती दौर में नींद ना आने की वजह से ज्यादा परेशान ना हों।

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