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Iodine Deficiency:बच्चों में आयोडीन की कमी किन कारणों से होती हैं – जानिए बच्चों में आयोडीन की कमी के लक्षण, बचाव व इलाज ?|What are the reasons for the deficiency of iodine in children – know the symptoms, prevention and treatment of iodine deficiency in children

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Iodine Deficiency:बच्चों में आयोडीन की कमी किन कारणों से होती हैं – जानिए बच्चों में आयोडीन की कमी के लक्षण, बचाव व इलाज ?

जब बच्चे छोटे होते हैं तो उन्हें अक्सर छोटी मोटी बीमारियां तो होती ही रहती हैं, मगर कभी-कभी बच्चों पर ध्यान ना देने की वजह से वह बड़ी बीमारियों का शिकार भी हो जाते हैं। बच्चों में अनेकों बीमारियों के लक्षण तो दिखते हैं लेकिन माता-पिता उन लक्षणों को किसी छोटी-मोटी बीमारियों के लक्षण मानकर नजरअंदाज कर देते हैं और यही बच्चों के लिए खतरनाक भी साबित होते हैं। वैसे तो बच्चों की अच्छी तरह से देखभाल न करने पर उनको अनेकों प्रकार की बीमारियां हो सकती है

लेकिन आज हम आपको बच्चों में आयोडीन की कमी के बारे में बताएंगे की Iodine Deficiency In Children’s In Hindi तथा Symptoms Of Iodine Deficiency In Children’s In Hindi इसके अतिरिक्त हम आपको Causes Of Iodine Deficiency In Children’s In Hindi तथा Treatment Of Iodine Deficiency In Children’s In Hindi के बारे में भी बताएंगे ताकि आप अपने बच्चों के शरीर में आयोडीन की कमी होने के कारण उनका कोई इलाज कर सकें।

आयोडीन की कमी क्या हैं – What Is Iodine Deficiency In Hindi ?

  • आयोडीन एक प्रकार का खनिज पदार्थ ( Mineral ) होता है जो कि हमारे शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा आवश्यक होता है। यह हमारे शरीर में थायराइड हार्मोन ( thyroid hormone ) का उत्पादन करने के लिए आवश्यक होता हैं। बच्चों के लिए आयोडीन बहुत ही ज्यादा आवश्यक होता है क्योंकि आयोडीन बच्चों के विकास में सहायक होता है और बड़ी उम्र के लोगों में यह मेटाबॉलिज्म ( metabolism ) को भी स्वस्थ बनाए रखता है, अगर किसी व्यक्ति का थायराइड फंक्शन ( thyroid function ) खराब हो जाता है तो उसका एक मुख्य कारण आयोडीन की कमी ही होती हैं।
  • आयोडीन की कमी उन व्यक्तियों में अक्सर हो जाती है जो कि आयोडीन में कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करते। कई बार ऐसा भी होता है कि गर्भवती महिलाओं के शरीर में आयोडीन की कमी हो जाती है और इसी कारण उनके बच्चों के जन्म के समय से ही उनमें आयोडीन की कमी हो जाती है। अगर बच्चों में आयोडीन की कमी हो जाए तो उसके कारण उनका दिमागी विकास भी पूरी तरह से रुक जाता है और उनके शरीर में भी कुछ अलग अलग तरह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं जिन्हें देखकर आप आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं कि बच्चे के शरीर में आयोडीन की कमी हो चुकी हैं।
Iodine Deficiency

बच्चों में आयोडीन की कमी के लक्षण – Symptoms Of Iodine Deficiency In Children’s In Hindi ?

अगर किसी कारणवश बच्चों के शरीर में आयोडीन की कमी हो जाती हैं, तो आयोडीन की कमी होने पर उनके शरीर में अनेकों लक्षण दिख सकते हैं।

वजन बढ़ना

 आयोडीन की कमी के कारण बच्चों के शरीर का वजन भी बढ़ने लगता हैं, क्योंकि आयोडीन की कमी के कारण बच्चे के शरीर में मेटाबॉलिज्म की गति पर भी प्रभाव पड़ता है क्योंकि जब भी किसी व्यक्ति का मेटाबॉलिज्म ( Metabolism ) स्वस्थ होता हैं, तो वह उस व्यक्ति के शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए कैलोरी को कम करता है और थायराइड हार्मोन ( Thyroid Hormone ) की कमी के कारण ही हाइपोथाइरॉएडिज्म ( Hypothyroidism ) समस्या हो जाती हैं

इस प्रकार की स्थिति व्यक्ति की मेटाबॉलिज्म ( Metabolism ) की गति को काफी हद तक धीमा कर देती है और जब मेटाबॉलिज्म की गति धीमी हो जाती है तो उस स्थिति में बच्चों का वजन काफी बढ़ने लगता है, क्योंकि जब किसी व्यक्ति का मेटाबॉलिज्म धीरे होता हैं, तो कैलोरी चर्बी के रूप में उसके शरीर में जमा होनी शुरू हो जाती है और यही मोटापे का कारण बनती हैं।

कमजोरी महसूस होना

जब बच्चों के शरीर में आयोडीन की कमी हो जाती है तो उनको बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस होती है क्योंकि आयोडीन की कमी के कारण उनका शरीर बिल्कुल भी ऊर्जावान नहीं रहता, उसके शरीर में ऊर्जा की कमी होने लगती है जिसकी वजह से आपके बच्चे काफी ज्यादा कमजोरी महसूस करते हैं। आयोडीन की कमी होने पर बच्चे के शरीर में धीरे-धीरे मांसपेशियां भी कमजोर होने लगती है और मांसपेशियों के कमजोर होने की वजह से ही बच्चों को काफी अधिक कमजोरी महसूस होती हैं।

थकान महसूस होना

जब आयोडीन की कमी के कारण बच्चों के शरीर में मेटाबोलिज्म की गति काफी धीरे हो जाती हैं, तो उसके कारण बच्चे काफी ज्यादा थकावट भी महसूस करते हैं। इसलिए आप बच्चों की थकावट को देखकर भी इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि उन्हें कोई ना कोई समस्या तो जरूर है जिसके कारण उन्हें काफी ज्यादा थकावट रहती हैं।

बच्चों के बाल झड़ना

आयोडीन की कमी के कारण बच्चों के बाल भी झड़ने शुरू हो जाते हैं क्योंकि आयोडीन बच्चों के बालों के लिए भी काफी ज्यादा आवश्यक होता है और जब बच्चों के शरीर में आयोडीन की कमी हो जाती हैं, तो उसके कारण बच्चों के बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं या फिर जब आप उनके बाल कटवाते हैं तो बाल काफी देरी से उगते हैं।

त्वचा में रूखापन आना

जब बच्चों के शरीर में आयोडीन की कमी हो जाती हैं, तो आयोडीन की कमी आने पर उनकी त्वचा काफी कमजोर हो जाती है और त्वचा में रूखापन रहने लगता है रूके पन के साथ-साथ उनकी त्वचा सूखी या फिर पपड़ी दार भी हो जाती हैं, क्योंकि आयोडीन की कमी के कारण त्वचा में स्थित कोशिकाएं नष्ट होने लगती है जिसके परिणाम स्वरुप बच्चों की त्वचा में रूखापन या फिर अपनी भी आने लगती हैं। इसलिए आप इस प्रकार के लक्षणों को देखकर भी बच्चों में आयोडीन की कमी का अंदाजा लगा सकती हैं।

ह्रदय की गति धीमी होना

जब बच्चों के शरीर में आयोडीन की कमी हो जाती हैं, तो आयोडीन की कमी होने पर उनकी दिल की धड़कनें भी काफी हद तक धीमी हो सकती है और दिल की धड़कनें धीमी होने की वजह से उन्हें चक्कर आने लगते हैं और बच्चे बेहोश भी हो सकते हैं।

याददाश्त कमजोर होना

बच्चों में आयोडीन की कमी के कारण याददाश्त भी काफी ज्यादा प्रभावित होती हैं। अगर आपके बच्चे ने स्कूल जाना शुरू ही किया है तो वह शुरुआत से ही पढ़ाई लिखाई में काफी कमजोर हो सकता है या फिर चीजों को अच्छे से सीख भी नहीं पाएगा  जिन बच्चों में आयोडीन की कमी होती हैं, तो वह बच्चे चीजों को सीखने और समझने में काफी समय लगाते हैं या फिर बार-बार वह चीजों को भूलते भी हैं।

ठंड लगना

बच्चों में आयोडीन की कमी होने के कारण उन्हें काफी ज्यादा ठंड भी लगती हैं, अक्सर गर्मी के मौसम में भी उन्हें बार-बार ठंड लगती हैं।

गर्दन में सूजन आना

बच्चों में आयोडीन की कमी हो जाने पर उनकी गर्दन में सूजन आ जाती हैं, क्योंकि आयोडीन की कमी के कारण उनकी थायराइड ग्रंथि जो की गर्दन में स्थित होती है उसका आकार बढ़ने लगता है और इसी की वजह से उनकी गर्दन में सूजन आने लगती हैं। अगर जल्द ही इस समस्या से बच्चे को छुटकारा ना दिलाया जाए तो यह समस्या बच्चे के लिए किसी बड़ी और गंभीर बीमारी का कारण भी बन सकती हैं।

कब्ज की समस्या रहना

जिन बच्चों में आयोडीन की कमी हो जाती है उन बच्चों में कब्ज की समस्या भी रहने लगती हैं, क्योंकि आयोडीन की कमी के कारण का पाचन तंत्र भी प्रभावित होता है जिसकी वजह से उन्हें कब्ज की समस्या रहने लगती हैं।

ज्यादा नींद आना

बच्चों के शरीर में आयोडीन की कमी हो जाने के कारण उन्हें अत्याधिक नींद आती है। आयोडीन की कमी वाला बच्चा एक सामान्य बच्चे के अपेक्षा काफी ज्यादा हो सकता हैं।

बच्चों का विकास अच्छे से ना होना

जब बच्चों में आयोडीन की कमी हो जाती हैं, तो उसके कारण उनका विकास अच्छी तरह से नहीं हो पाता। जैसे कि उनके दांत विकसित होने में काफी देरी लगती है या फिर उनका मानसिक विकास अच्छे से नहीं हो पाता इसके अतिरिक्त उनकी आंखें कमजोर होने लगती हैं।

आयोडीन की कमी होने पर बच्चो को डॉक्टर के पास कब ले जाना चाहिए – When to Take a Children’s to the Doctor for Iodine Deficiency In Hindi ?

यह जो भी लक्षण हमने आपको बताए हैं अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण अपने बच्चे में एक गंभीर रूप से दिखाई देते हैं, तो आपको उस स्थिति में बिल्कुल भी देर नहीं करनी चाहिए और तुरंत ही किसी अच्छे बच्चों के डॉक्टर के पास अपने बच्चे को ले जाना चाहिए क्योंकि यह लक्षण ऐसे लक्षण है जो शुरुआत में तो इतने ज्यादा गंभीर नहीं होते लेकिन धीरे-धीरे यह गंभीर रूप धारण कर लेते हैं जिसकी वजह से यह बच्चे के शरीर को काफी ज्यादा नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। यहां तक कि आपके बच्चे की जान भी जा सकती हैं। इसीलिए आपको अपने बच्चे बच्चे के शरीर में इस प्रकार के लक्षण बच्चे के शरीर में दिखते हुए 2 दिन से ज्यादा समय हो गया हैं, तो फिर आपको अपने बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।

बच्चों में आयोडीन की कमी किन कारणों से हो सकती है – Causes Of Iodine Deficiency In Children’s In Hindi ?

  • आपको पता होना चाहिए कि हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से खुद ही आयोडीन का निर्माण नहीं करता। इसीलिए हम सिर्फ खाद्य पदार्थों की सहायता से ही अपने शरीर में आयोडीन का स्तर बनाए रखते हैं। आयोडीन की कमी को पूरा करने के लिए हम आयोडीन युक्त नमक का उपयोग करते हैं। लेकिन जब आप अपने बच्चों को आयोडीन युक्त नमक नहीं खिलाते तो उसके कारण बच्चों में आयोडीन की कमी हो सकती हैं।
  • अगर आपका बच्चा खाना खाता है और आप उसे नमक की काफी कम मात्रा ही देती हैं या फिर बिल्कुल भी नमक नहीं खिलाती तो इसकी वजह से भी बच्चों के शरीर में आयोडीन की कमी हो सकती हैं।
  • बहुत सी मेडिकल प्रक्रियाएं भी ऐसी होती हैं जिनके कारण शरीर में आयोडीन की कमी हो सकती है जिन प्रक्रियाओं में रेडिएटिव आयोडीन ( radiative iodine ) का इस्तेमाल होता है तो उनके कारण बच्चों के शरीर में आयोडीन की कमी हो सकती हैं।

बच्चों को आयोडीन की कमी से किस प्रकार बचाया जा सकता है – Prevantion Of Iodine Deficiency In Children’s In Hindi ?

आप अपने बच्चों को बड़ी आसानी से आयोडीन की कमी से बचा सकती है जैसे कि :-

  • आपको अपने बच्चों को नमक युक्त आहार खिलाने चाहिए, क्योंकि नमक युक्त आहार खाने से बच्चे के शरीर में आयोडीन की कमी नहीं होगी। आपको अपने बच्चे को सिर्फ मीठे पर ही निर्भर नहीं रखना चाहिए।
  • अगर आप अपने बच्चों को मांस मछली या अंडे का सेवन करवाती हैं, तो यह भी बच्चों के लिए काफी फायदेमंद रहता है और इस प्रकार उनके शरीर में आयोडीन की कमी नहीं होती क्योंकि मीट और मछली में भरपूर मात्रा में आयोडीन होता हैं।
  • आपको अपने घरों में आयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि आयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल करके भी आयोडीन की कमी से बचा जा सकता हैं।
  • अगर आप अपने घर में खाने के लिए सूखे मेवे का इस्तेमाल भी करते हैं, तो यह भी आयोडीन की कमी को पूरा करने के लिए बेहद फायदेमंद माने जाते हैं और जो बच्चे बचपन से ही सूखे मेवे खाते हैं, तो वह हमेशा ही आयोडीन की कमी से बच्चे रहते हैं।
  • अगर आप अपने बच्चों को खाने में गाजर चुकंदर आदि खिलाती हैं तो इनका सेवन करने से भी बच्चों में आयोडीन की कमी पूरी होती है, क्योंकि जो सब्जियां उच्च मिट्टी में पैदा होती हैं तो उनमें आयोडीन भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं।
  • आपको अपने बच्चों को डेयरी प्रोडक्ट्स खिलाने चाहिए, क्योंकि dairy products में भी आयोडीन भरपूर मात्रा में होता है। इसीलिए आप अपने बच्चों को dairy products खिलाकर भी आयोडीन की कमी से हमेशा बचा कर रख सकती हैं।
  • यदि आप बहुत सुबह नाश्ते में अपने बच्चों को ब्राउन ब्रेड और अंडा खिलाती हैं तो यह बच्चों के लिए काफी फायदेमंद रहता हैं, क्योंकि इस प्रकार भी बच्चों के शरीर में आयोडीन की कमी पूरी हो जाती है और उनके शरीर को भविष्य में कभी भी आयोडीन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता।

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बच्चों में आयोडीन की कमी का परीक्षण कैसे होता हैं – Diagnosis Of Iodine Deficiency In Children’s In Hindi ?

बच्चों में आयोडीन की कमी का परीक्षण निम्नलिखित तरीकों से हो सकता है :-

1. आयोडीन पैच टेस्ट ( Iodine Patch Test )

बच्चों में आयोडीन की कमी के बारे में इस टेस्ट के माध्यम से भी पता लगाया जा सकता हैं। इस टेस्ट में डॉक्टर बच्चे की त्वचा पर आयोडीन के एक पैच को पेंट कर देते हैं और फिर 24 घंटे के बाद उसमें बदलाव की जांच भी की जाती है जिन बच्चों में आयोडीन की कमी होती हैं, तो उनकी त्वचा इस आयोडीन के पैच को त्वचा में अवशोषित कर लेती है और जिन में आयोडीन की कमी नहीं होती तो उनमें इसका रंग हल्का पड़ जाता हैं।

2. आयोडीन लोडिंग टेस्ट ( Iodine Loading Test )

आयोडीन की कमी का पता लगाने के लिए Iodine Loading Test भी किया जा सकता हैं। इस टेस्ट की मदद से यह जान की जाती है कि बच्चा 24 घंटे की अवधि में पेशाब के माध्यम से कितना आयोडीन बाहर निकाल रहा हैं। इस टेस्ट को करने के लिए उपरोक्त सभी टेस्ट के मुकाबले सबसे ज्यादा समय लगता है और इस टेस्ट को करने में थोड़ी परेशानी भी हो सकती हैं।

3. यूरिन टेस्ट ( urine test )

यूरिन टेस्ट आयोडीन की कमी का पता लगाने के लिए सबसे आसान टेस्ट माना जाता है और इससे काफी जल्दी पता चल जाता है कि बच्चे के शरीर में आयोडीन की कमी है या नहीं है। इस टेस्ट में बच्चे के पेशाब का नमूना लिया जाता है और फिर उसकी जांच की जाती है। पेशाब की जांच करने से आसानी से इस बात की पुष्टि की जा सकती है कि बच्चे में आयोडीन की कमी है या नहीं है।

4. ब्लड टेस्ट ( blood test )

बच्चों के शरीर में आयोडीन की कमी की पुष्टि करने के लिए ब्लड टेस्ट भी किया जा सकता है। Blood Test के माध्यम से भी आसानी से शरीर में आयोडीन की मात्रा की पुष्टि की जा सकती है, लेकिन Blood Test को करने में urine test के मुकाबले काफी अधिक समय लगता है।

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बच्चों में आयोडीन की कमी का इलाज – Iodine Deficiency Treatment In Children’s In Hindi ?

  • अगर बच्चों में आयोडीन की कमी हो जाती है और शुरूआत में ही हमें इस बात का पता चल जाता है तो फिर   के द्वारा सही सलाह और बहुत से नुस्खों के माध्यम से आसानी से बच्चों में आयोडीन की कमी को पूरा किया जा सकता हैं। इसके अतिरिक्त आयोडीन की कमी को पूरा करने के लिए डॉक्टर आपको बहुत से आयोडीन सप्लीमेंट भी दे सकता है जो कि आपको अपने बच्चों को खिलाने होंगे। इसके अतिरिक्त डॉक्टर बच्चे के खाने पीने में भी काफी बदलाव करेगा, ताकि किसी तरह बच्चे के शरीर में आयोडीन की कमी को पूरा किया जा सके और उससे भविष्य में होने वाली बीमारियों से आसानी से बचाया जा सके।
  • कई मामलों में डॉक्टर बच्चों को आयोडीन की कमी से बचाने के लिए मल्टीविटामिन भी दे देते हैं, क्योंकि इस प्रकार भी बच्चों के शरीर में आयोडीन की कमी को पूरा किया जा सकता हैं।
  • कई मामलों में डॉक्टर के द्वारा बच्चों का ऑपरेशन भी करने की जरूरत पड़ती हैं, क्योंकि कई मामलों में थायराइड ग्रंथि को सर्जरी के द्वारा निकालना पड़ता हैं। विशेष रूप से यह तभी होता है जब एक बड़े आकार का गोइटर विकसित होता है जो कि सांस लेने और खाना निगलने में कठिनाई पैदा करने लगता है। इसीलिए डॉक्टर इस प्रकार की स्थिति में ही ऑपरेशन के माध्यम से थायराइड ग्रंथि को बाहर निकाल देता हैं।

बच्चों में आयोडीन की कमी के कारण कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं – Disease Caused by liodine Deficiency In Children’s In Hindi ?

  • बच्चों को आयोडीन की कमी के कारण से संबंधित रोग भी हो सकते हैं जैसे कि हृदय का आकार बढ़ना या फिर Heart Fail होना।
  • आयोडीन की कमी के कारण बच्चों को मानसिक बीमारियां भी हो सकती हैं जैसे कि डिप्रेशन और याददाश्त कमजोर हो जाना।
  • आयोडीन की कमी के कारण बच्चों के शरीर की पेरिफेरल तंत्रिकाए ( peripheral nerves ) भी क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।
  • बच्चों में आयोडीन की कमी के कारण शारीरिक विकास भी रोक सकता हैं।
  • बच्चों में आयोडीन किस कमी के कारण मांसपेशियां भी कमजोर हो जाती हैं।

Conclusion

आपके बच्चों में आयोडीन की कमी के कारण कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती है और आयोडीन की कमी होने से बच्चों को किस प्रकार बचाया जा सकता है इन सब के बारे में हमने आपको विस्तार से जानकारियां दी है ताकि आप अपने बच्चों को सुरक्षित रख सकें। इसके अतिरिक्त आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने Iodine Deficiency In Children’s In Hindi तथा Symptoms Of Iodine Deficiency In Children’s In Hindi के बारे में जान लिया हैं। इसके अतिरिक्त हमने Causes Of Iodine Deficiency In Children’s In Hindi तथा Treatment Of Iodine Deficiency In Children’s In Hindi के बारे में भी विस्तार से जाना हैं। अगर अभी भी आपको हमसे Bacho me Iodine Ki Kami Ko Kaise Pura Kare से संबंधित कोई भी सवाल पूछना हों, तो कमेंट सेक्शन में कमेंट करें। धन्यवाद

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