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Osteoporosis क्या है जानिए इसके कारण, लक्षण और इलाज |What is Osteoporosis? Its symptoms, causes, and Best treatments in Hindi

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Osteoporosis क्या है जानिए इसके कारण, लक्षण और इलाज |What is Osteoporosis? Its symptoms, causes, and Best treatments in Hindi

Osteoporosis क्या है जानिए इसके कारण, लक्षण और इलाज |What is Osteoporosis? Its symptoms, causes, and Best treatments in Hindi

बढ़ती उम्र के साथ अक्सर हमारे हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, बढ़ती उम्र का सबसे ज्यादा असर हमारी कमर की हड्डी तथा घुटनों पर पड़ता है जिसके कारण हमें बहुत ही समस्या का सामना करना पड़ सकता है, बुढ़ापे में हमारी हड्डियां कमजोर होने का कारण हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का स्तर घटना है, समय के साथ साथ हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती रहती है जिसके कारण हमारा शरीर रोगों से गिर जाता है।

यदि हम चाहते हैं कि बुढ़ापे में हमें हड्डियों की कोई बीमारी ना हो तो हमें हमेशा पोस्टिक आहार का सेवन करना होता है, आज हम इस पोस्ट में आपको हड्डियों के एक ऐसे रोग के बारे में बताने वाले हैं जिसका नाम है , Osteoporosis

वैसे तो ओस्टियोपोरोसिस बीमारी हमें बुढ़ापे में 50 वर्ष के बाद ही लगती है, यह बीमारी अक्सर हड्डियों के कमजोर होने पर हमें लगती हैं, आज हम Osteoporosis के बारे में ही बात करेंगे आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे, कि Osteoporosis Kya Hai तथा Osteoporosis Ke Lakshan In Hindi और Osteoporosis Kiske Karan Hota Hai? Osteoporosis Kya Hai In Hindi?Osteoporosis Ka Gharelu Ilaj? Osteoporosis Symptoms?

Osteoporosis Kya Hai – What Is Osteoporosis In Hindi?

ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है जो हमारे शरीर की हड्डियों को नाजुक और कमजोर बनाती है। Osteoporosis बीमारी के कारण हड्डी इतनी नाजुक हो जाती है कि गिरने, खांसने और झुकने जैसे बहुत ही हल्के तनाव भी काफी बड़े फ्रैक्चर का कारण बन सकते हैं। वैसे तो आमतौर पर हम सभी को कभी ना कभी फ्रैक्चर हुआ ही होगा और फ्रैक्चर आसानी से ठीक भी हो जाता है, क्योंकि आमतौर पर हमारी हड्डियां टूटने के पश्चात फिर से बन जाती हैं।

परंतु यदि आपको Osteoporosis है तो इस बीमारी में, हड्डी टूटने के पश्चात फिर से जुड़ना संभव नहीं होता है। आज के समय में महिलाओं तथा पुरुष दोनों ही इस बीमारी से ग्रसित हैं,  परंतु ज्यादातर 50 से 60 साल की उम्र के बाद ही यह बीमारी होने की संभावना ज्यादा होती है। परंतु ऐसा नहीं है  कि आप इस बीमारी पर नियंत्रण नहीं कर सकते, यदि आप  स्वस्थ आहार लें और  अपने शरीर में  सभी पोषक तत्वों की पूर्ति करें तो आप इस बीमारी से बच भी सकते हैं, आगे हम आपको इस बीमारी से बचने के काफी तरीके भी बताएंगे।

Causes Of Osteoporosis In Hindi – ऑस्टियोपोरोसिस के क्या कारण हो सकते हैं?

अक्सर जब भी बुढ़ापे में हमें हड्डियों में दर्द रहता है तो डॉक्टर हमारे मन में यह शंका डाल देते हैं कि आपको ऑस्टियोपोरोसिस रोग हो सकता है, और डॉक्टर आपको कुछ शारीरिक जांच भी कराने को कह देते हैं परंतु अब हम नीचे आपको बिल्कुल सही कारण बताएंगे जिनकी वजह से ऑस्टियोपोरोसिस आपको हो सकता है :-

  • यदि आप महिला हैं और आपकी उम्र 55 वर्ष से 60 वर्ष के आसपास है तो आप कोई है बीमारी हो सकती है, क्योंकि अक्सर देखा गया है कि बढ़ती उम्र में यदि महिलाएं अपने शरीर का ख्याल ना रखें तो उनकी हड्डियां कमजोर होने लगती है, और उनके शरीर में कैल्शियम की कमी बहुत ज्यादा हो जाती है, जिसके कारण उन्हें ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है।
  • यदि आप किसी बीमारी के कारण बहुत दिनों से बिस्तर पर पड़े हुए हैं, तो भी आपको ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा काफी बढ़ जाता है, क्योंकि यदि हम 6 महीने से ज्यादा समय तक किसी बीमारी के कारण बिस्तर पर पड़े रहे तो हमारी हड्डियां कमजोर हो जाती है और हड्डियों को पोषक तत्व भी नहीं मिल पाते।
  • यदि किसी युवा व्यक्ति को लकवे की समस्या है जिसके कारण उसे बिस्तर पर लंबे समय तक पढ़ना पड़े, तो ऐसी परिस्थिति में भी ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना ज्यादा रहती है तो की लकवे के कारण भी हमारे शरीर की हड्डियां कमजोर होती हैँ।
  • यदि आपको घटिया की प्रॉब्लम है या फिर थायराइड की प्रॉब्लम है, और आप इनका अच्छे से इलाज नहीं करवा रहे तो भी आपको ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावनाएं काफी ज्यादा बढ़ जाती हैं।
  • यदि आप काफी लंबे समय से स्टेरॉइड ले रहे हैं, तो उसके कारण भी आप की हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, इसके अतिरिक्त मिर्गी की बीमारी में खाने वाली दवाइयां भी हड्डियों को कमजोर करती हैं जो कि ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ा देती है।
  • यदि आप सिगरेट का सेवन कुछ ज्यादा ही करते हैं तो उसके कारण भी आपको ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी हो सकती है, क्योंकि सिगरेट हमारे शरीर में हड्डियां बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट करती है, जिसके कारण हमारी हड्डियां कमजोर होने लगती है और हमारी हड्डियों में कैल्शियम भी कम होने लगता है।
  • यदि आप की उम्र 60 से 65 साल के बीच में है और आपकी हड्डियों में दर्द रहता है, तो भी आपको एक बार इस बीमारी की जांच अवश्य कराने चाहिए।

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Osteoporosis Ke Lakshan In Hindi – Symptoms of osteoporosis in hindi?

  • वैसे तो शुरुआत में इस बीमारी का  पता नहीं लगता है, या फिर जब तक आप की हड्डी ना टूटे तब तक इस बीमारी के बारे में कुछ खास पता नहीं लगता, परंतु बहुत से मामलों में ऐसा देखा गया है कि यह समस्या Genetic भी हो सकती है, क्योंकि अक्सर ऐसा होता है यदि आप महिला हो और आपकी माता जी को बिल्कुल यही प्रॉब्लम थी तो हो सकता है, कि आपको भी यह प्रॉब्लम हो सके इसलिए आपको नियमित रूप से इस बीमारी की जांच करवानी चाहिए।
  • इस बीमारी के मुख्य लक्षण है नाजुक तथा कमजोर नाखून, पीठ दर्द होना गर्दन दर्द होना घुटनों में दर्द होना तथा यदि आपकी कमर झुकती जा रही है, तो भी यह इसी बीमारी का लक्षण है, इस बीमारी में आपकी हड्डियां इतनी ज्यादा कमजोर हो जाती हैं कि वह जरा सी चोट लगने पर ही टूट सकती हैं।

ऑस्टियोपोरोसिस की जांच कैसे करवाएं – Osteoporosis Checkup In Hindi?

  • इसकी सबसे महत्वपूर्ण जांच  Bon Density की जांच है. क्योंकि  इसी से  यह पता चलता है कि आपके शरीर की हड्डी कितनी ठोस है या हल्की, इसके अतिरिक्त कमर की हड्डी, कूल्हे, एड़ी, कलाई या हाथ की उंगलियों की भी विशेष रूप से एक्स-रे के माध्यम से जांच की जाति है, इसको DXA (Dual Xray Absorptiometry) भी कहते हैं, इसमें दो X-Ray Tubes के बीच में हड्डी को रखकर जांच की जाती है।
  • इसके मुताबिक हड्डी का जो भी ठोसपन रिकॉर्ड ( Solidity Record ) होता है, उसकी Standard Data से तुलना की जाती है, इसे T – Score भी कहते हैं, यदि आपका T – Score 2.5 से ऊपर है तो परेशानी वाली कोई भी बात नहीं है और आपको हड्डियों से संबंधित कोई भी बीमारी नहीं है।
  • वैसे तो Bon Density चेक करने के लिए और भी बहुत सी टेक्नोलॉजी हैं, जैसे कि Single X- Ray तथा आजकल सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड से भी आपकी Bon Density चेक कर ली जाती है, परंतु दुनिया भर में ज्यादातर लोग DXA के द्वारा ही जांच करवाते हैं क्योंकि इसको लोग ज्यादा अच्छा मानते हैं।
  • वैसे तो यदि आप अपने खून में विटामिन डी तथा कैल्सियम की मात्रा की जांच करवाएं, तो इससे भी आपकी हड्डियों की मजबूती का पता लग सकता है परंतु डॉक्टर आपको यह चेक अप DXA के बाद ही बताता है।
  • इस बीमारी के जो भी लक्षण हमने आपको बताए हैं, यदि उनमें से कोई भी लक्षण आपने हैं, तो फिर आपको डॉक्टर की सलाह लेने के पश्चात DXA जांच करवानी चाहिए।

Osteoporosis Ka Gharelu Ilaj – Osteoporosis Treatment In Hindi?

  • यदि आप चाहते हैं कि आपको कभी भी इस बीमारी का सामना ना करना पड़े, तो आपको प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए जिसके कारण हमारी हड्डियां मजबूत रहती है और यदि आप चाहते हैं, कि आपके बच्चे भी इस बीमारी से बचे रहें तो आपको अपने बच्चों को भी व्यायाम करने की आदत डालनी चाहिए, जिसके कारण उनकी हड्डियां बचपन से ही मजबूत रहेंगे और बुढ़ापे में उन्हें कुछ ऐसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
  • जितना हो सके उतना पैदल चलें क्योंकि पैदल चलने से हमारी सभी हड्डियां काम करती हैं, जिसके कारण उनमें कभी भी दर्द नहीं होता और वह लंबे समय तक मजबूत रहती हैं।
  • आपको कभी भी अपने शरीर में कैल्शियम की कमी नहीं होने देनी चाहिएस क्योंकि अगर हमारी हड्डियां मजबूत नहीं है तो उसका मुख्य कारण सिर्फ कैल्शियम ही है, क्योंकि कल से भी हमारी हड्डियों को मजबूत बनाता है इसलिए आपको ऐसे आहार का सेवन करना चाहिए जिसमें कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है, जैसे कि दूध दही पनीर और अगर आप मांसाहारी है, तो आप कैल्शियम की पूर्ति करने के लिए अंडे तथा मांस का सेवन भी कर सकते हैं क्योंकि इनमें भी कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
  • आपको रोजाना 15 से 20 मिनट धूप में गुजारने चाहिए, क्योंकि सूरज की किरणों से हमें विटामिन डी प्राप्त होता है, जो कि हमारे शरीर में हड्डियों को मजबूत बनाता है इसीलिए हमें धूप में अवश्य बैठना चाहिए।
  • आप अपने खाने में सोयाबीन का सेवन जरूर करें, क्योंकि सोयाबीन में भी कैल्शियम की काफी मात्रा पाई जाती है जो कि हमारी हड्डियों को मजबूत बनाती है।
  • आप ऐसे पोषक तत्वों का सेवन करें जिनमें प्रोटीन तथा विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं क्योंकि वह तत्व हमारे शरीर में सभी पोषक तत्वों की पूर्ति करते हैं, जिनसे हम स्वस्थ रहते हैं और हमारे शरीर के विभिन्न हिस्सों को मजबूती मिलती है।
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  • यदि आप किसी भी दवाई का सेवन करते हैं, तो किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह के बिना उस दवाई का सेवन ना करें क्योंकि दवाई का अधिक सेवन करना या फिर कुछ ऐसी दवाइयां भी होती हैं जो कि बीमारी में हमारी हड्डियों को कमजोर कर देती हैं, इसीलिए सोच समझकर डॉक्टर से सलाह मशवरा करने के पश्चात हमें दवाइयां लेनी चाहिए।

Osteoporosis Conclusion :-

हमें उम्मीद है कि आपको हमारी है पोस्ट काफी पसंद आई होगी यदि आपको भी हड्डियों की समस्या है तो आपको हमारी पोस्ट पढ़ने के पश्चात पता लग गया होगा कि अब आपको क्या करना है, आज आपने हमारी इस पोस्ट के माध्यम से  Osteoporosis Ka Gharelu Ilaj जाने है जोकि आपके लिए काफी असरदार साबित होंगे, यदि आपके शरीर में भी Osteoporosis Ke Lakshan In Hindi दिखाई दे तो आपको तुरंत इसका इलाज शुरू करना चाहिए। यदि अब भी इस बीमारी से संबंधित कोई भी प्रश्न आपके मन में हो तो आप हमसे कमेंट सेक्शन के माध्यम से वह प्रश्न पूछ सकते हैं हम आपको कमेंट सेक्शन में ही उसका जवाब जरूर देंगे। धन्यवाद

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