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जायडस (Zydus) ने दुनिया के पहले प्लास्मिड डीएनए कोविड वैक्स के लिए मांगी मंजूरी

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जायडस (Zydus) ने दुनिया के पहले प्लास्मिड डीएनए कोविड वैक्स के लिए मांगी मंजूरी

जायडस (Zydus) ने दुनिया के पहले प्लास्मिड डीएनए कोविड वैक्स के लिए मांगी मंजूरी

इन दिनों देखा जा रहा है कि कोरोनावायरस थमने का नाम ही नहीं ले रहा है बल्कि यह नए-नए रूप लेकर पुनः वापस आ जा रहा है। ऐसे में हर वर्ग के लोगों के लिए यह बेहद मुश्किल की घड़ी है, खासकर बच्चों के लिए यह विशेष चिंता का विषय बन गया है। ऐसे में जायडस (Zydus) ने दुनिया के पहले प्लास्मिड डीएनए कोविड वैक्स के लिए मंजूरी मांगी है। यह वैक्सीन विशेष तौर पर 12 साल से 18 साल के उम्र के लोगों के लिए बनाया गया है। ZyCoV-D का सफल परीक्षण करना अभी जारी है।

जायडस (Zydus) कैडिला घरेलू स्वास्थ्य सेवा और फार्मास्युटिकल कंपनी है जिसने कोविड-19 के खिलाफ अपने प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन, ZyCoV-D के लिए डीसीजीआई के कार्यालय में इमरजेंसी उपयोग प्राधिकरण के लिए एक आवेदन भी किया है। प्लास्मिड एक्स्ट्राक्रोमोसोमल डीएनए में प्रतिकृति की उत्पत्ति होती है और इसी कारण ये स्व-प्रतिकृति होते हैं।

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अहमदाबाद में स्थित कैडिला ग्रुप के प्रमुख, कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड के एमडी डॉ. शरविल पटेल ने कहा “पहली बार प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन के रूप में ZyCoV-D‌ ने मानव उपयोग के लिए कोविड के खिलाफ अपने भागीदारी और प्रभाव को साबित किया है। परीक्षण के पश्चात ZyCoV-D वैक्सीन स्वीकृत हो जाने पर ना केवल व्यस्को बल्कि 12 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के किशोरों को भी इससे बेहद लाभ प्राप्त होगा।”

ZyCoV-D एक प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन है जो इंजेक्शन लगाने पर SARS-CoV-2 वायरस के स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन करता है जिसके परिणाम स्वरूप मानव प्रतिरक्षा प्रणाली के सेलुलर और ह्यूमरल आर्म्स द्वारा मध्यस्थता से एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया प्राप्त होता है, जो वायरस से होने वाले बीमारियों और संक्रमण से भी सुरक्षा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

भारत में भी 12 से 18 साल के किशोरों के लिए ZyCoV-D का भी सफल परीक्षण जा रहा है । लगभग 1,000 विषयों को इसके परीक्षण में शामिल किया गया था, जिसके पश्चात टीका सुरक्षित पाया गया। साथ ही यह बहुत अच्छी तरह से सहन करने योग्य पाया गया था, जैसा कि वयस्क आबादी में देखा जाता रहा है। वर्तमान में Zydus अपने कोविड-19 वैक्सीन बनाने के लिए एक नई सुविधा स्थापित कर रहा है। कैडिला ग्रुप के प्रमुख डॉ शरविल पटेल ने कहा कि Zydus के सफल परीक्षण के पश्चात, इस महीने के अंत तक सुविधा शुरू करने से वैक्सीन की लगभग एक करोड़ डोज हम एक महीने में उत्पादन कर सकते हैं।

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ऐसा माना जा रहा है कि जायडस (Zydus) वैक्स वायरस म्यूटेशन के अनुकूल हो सकता है। साथ ही यह भी कहा गया कि नियामक की मंजूरी मिलने के पश्चात इसे 45 से 60 दिनों के अंदर अनियंत्रित रूप से किया जा सकता है। क्योंकि वायरस का संक्रमण तीव्र गति से बढ़ रहा है।

image source:- http://www.canva.com

अब तक Zydus Cadila ने नए निर्माण सुविधा स्थापित करने की लागत सहित इस वैक्सीन के विकास में लगभग ₹500 करोड़ रुपये तक का निवेश किया है।

Zydus के अनुसार, प्लास्मिड डीएनए प्लेटफॉर्म प्लग-एंड-प्ले तकनीक पर आधारित है, इसे कोविड -19 से लड़ने के लिए आदर्श रूप से योग्य तकनीक के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि इसे वायरस म्यूटेशन से निपटने के लिए बेहद आसानी से लागू किया जा सकता है। इसके साथ ही जाइडस कंपनी ने प्रति विज़िट 3mg खुराक का इस्तेमाल करके ZyCoV-D के लिए दो-खुराक वाले आहार का भी परिक्षण किया है जो इम्युनोजेनेसिटी के परिणाम में वर्तमान में तीन-खुराक वाले आहार के बराबर पाए गए थे।

डॉ शरविल पटेल ने आगे कहा कि यह भविष्य में टीके की उच्चतम सुरक्षा प्रोफ़ाइल को बनाए रखते हुए टीकाकरण की पूरी अवधि को कम करने में बेहद मददगार और कारगर साबित होगा।

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