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बढ़ती उम्र में अल्जाइमर से कैसे बचे? क्या है इसके लक्षण, कारण और बचाव जानिए हिंदी में |What is Alzheimer in Hindi its symptoms,Prevention and effective treatments?

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Alzheimer
What is Alzheimer in Hindi Table of Contents:-

बढ़ती उम्र में अल्जाइमर से कैसे बचे? क्या है इसके लक्षण, कारण जानिए हिंदी में What is Alzheimer in Hindi its symptoms and effective treatments?

Alzheimer एक ऐसी बीमारी है जो बढ़ती उम्र के साथ साथ लोगों को हो सकती है यह बहुत आम बीमारी है जो कि ज्यादा से ज्यादा बूढ़े लोगों में आज तक देखी गई है इस बीमारी में लोगों को खुद ही नहीं पता चलता कि उन्हें अल्जाइमर की समस्या है, Alzheimer’s डिमेंशिया के लक्षण का सबसे सामान्य कारण है, यदि आप किसी भी व्यक्ति से पूछते हैं कि Alzheimer Kya Hai तो वह व्यक्ति आपको यही जवाब देगा कि यह एक मस्तिष्क से संबंधित बीमारी है, परंतु ऐसा नहीं है इसीलिए आज हम यह आर्टिकल लेकर आए हैं

इस आर्टिकल से हम आपको विस्तार से Alzheimer के बारे में समझाएंगे और हम आज आप इस आर्टिकल में जानेंगे कि Alzheimer Meaning In Hindi? Alzheimer Kya Bimari Hai? Alzheimer Bimari Ke Lakshan? Alzheimer Disease Symptoms In Hindi?

Alzheimer Rog Kya Hai – What Is Alzheimer Disease In Hindi?

अल्जाइमर रोग मुख्य तौर पर डिमेंशिया बीमारी का ही एक रूप होता है, अल्जाइमर्स एक ऐसी बीमारी होती है जिसमें इंसान के मस्तिष्क की कोशिकाएं कमजोर तथा नष्ट होने लगती हैं, तथा इसी के कारण वह इंसान याददाश्त भूलने लगता है यदि अल्जाइमर के रोगी से यह पूछा जाए कि उसने 1 मिनट पहले क्या किया है, तो उसको वह भी याद नहीं रहता इस बीमारी में इंसान अपने द्वारा किए गए कार्य ज्यादा देर तक याद नहीं रख पाता, जब डिमेंशिया बढ़ जाती है तो उसी को हम अल्जाइमर रोग कहते हैं।

Alzheimer Bimari Ke Lakshan – Symptoms of Alzheimer disease in Hindi?

जैसा कि हमने आपको ऊपर भी बताया है कि इस बीमारी के रोगियों को यह जानना बहुत मुश्किल हो जाता है, कि उन्हें यह बीमारी सच में है या नहीं है क्योंकि इस बीमारी की शुरुआत में हमें कुछ भी पता नहीं लगता, परंतु फिर भी हम आपको इस बीमारी के कुछ ऐसे लक्षण बता रहे हैं, जिनसे आपको आसानी से पता लग जाएगा कि आपको Alzheimer Disease है या नहीं है :-

1. याददाश्त में कमी होना

इस बीमारी का सबसे बड़ा लक्षण यही है, कि आपकी याददाश्त में कमी आने लगती है, अल्जाइमर बीमारी के रोगियों के साथ अक्सर ऐसा होता है कि वह 1 मिनट पहले किया गया कार्य भी भूल जाते हैं, उन्हें कुछ भी ढंग से याद नहीं रहता है, वह बार-बार हर एक चीज के बारे में बोलने लगते हैं।

2. बोलने या लिखने में परेशानी होना

यदि किसी भी व्यक्ति को कुछ भी बोलने में या फिर कुछ लिखते समय उसे परेशानी होती है, जैसे कि कुछ बोलना तो चाह रहे हो परंतु बोल नहीं पाए या फिर लिखना चाहते हो परंतु आपको थकावट महसूस हो रही हो जिसके कारण आप लिख नहीं पा रहे, यदि आपको भी कुछ ऐसा महसूस हो तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि अल्जाइमर के रोगियों के साथ भी कुछ ऐसा ही होता है।

3. किसी जगह या समय को लेकर गुमराह होना

यदि किसी व्यक्ति को अल्जाइमर रोग है तो उसके साथ ऐसा होता है कि वह किसी स्थान के बारे में सोच रहा होता है, परंतु वह सोच नहीं पाता लेकिन असलियत में वह व्यक्ति उस स्थान पर जा चुका होता है परंतु वह उस स्थान के बारे में सोचने में असमर्थ होता है, क्योंकि अल्जाइमर रोग के कारण उसकी सोचने और समझने की क्षमता बहुत कम हो जाती है।

4. फैसले लेने में परेशानी होना

जब कोई व्यक्ति अल्जाइमर रोग से ग्रसित होता है, तो उसके फैसले लेने की क्षमता पर भी बहुत असर पड़ता है वह रोगी कुछ भी फैसला अपने आप नहीं ले पाता, यह भी अल्जाइमर रोग का एक बहुत बड़ा लक्षण है।

5. मूड का बारबार बदलना

अल्जाइमर रोगियों के साथ अक्सर ऐसा होता है कि उनका मूड बार-बार बदलता रहता है, कभी उनका मूड अच्छा होता है तो कभी एकदम सही बेकार हो जाता है यदि आपके साथ भी ऐसा होता है, तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

अल्जाइमर रोग के कारण – Causes of Alzheimer disease in Hindi?

अल्जाइमर रोग किसी भी व्यक्ति को हो सकता है, क्योंकि अल्जाइमर होने के बहुत से कारण हैं, और आज के समय में तो हमारी जीवनशैली भी कुछ ज्यादा अच्छी नहीं है जिसके कारण हमारे शरीर में रोग बड़ी जल्दी से लग जाते हैं, इसीलिए हम अब नीचे आपको Causes Of Alzheimer In Hindi बता रहे हैं आप उन्हें फॉलो कीजिए :-

1. उम्र का ज्यादा होना

अक्सर ऐसा होता है जब आप की उम्र 60 वर्ष से अधिक हो जाती हैं तो आपको अल्जाइमर रोग हो सकता है, क्योंकि 60 वर्ष से ज्यादा आयु के लोगों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी हद तक कम हो जाती हैस जिसके कारण उन्हें तरह-तरह के रोग अपना शिकार बना लेते हैं इसीलिए यदि आप चाहते हैं, की बढ़ती उम्र के साथ भी आपको अल्जाइमर बीमारी से ग्रसित ना होना पड़े तो आपको अपनी सेहत का अच्छा ध्यान रखना चाहिए।

2. जेनेटिक कारण

यदि कुछ लोगों को यह बीमारी है तो इस बीमारी का कारण Genetic भी हो सकता है, क्योंकि कुछ लोगों को यह बीमारी 20 से 25 साल की उम्र में ही अपना शिकार बना लेते हैं, ऐसा तभी संभव है जब यह बीमारी Genetic हो। इसीलिए आपको समय-समय पर अपनी शारीरिक जांच करवानी चाहिए जिससे आपको पता चलता रहे कि आपके अंदर कौन सी बीमारी है कौन से नहीं।

3. सिर पर चोट लगने से

यदि किसी व्यक्ति को सिर पर चोट लगी है या फिर किसी व्यक्ति को बचपन में ही सिर पर चोट लगी है, तो उसके कारण भी Alzheimer Disease का सामना करना पड़ सकता है।

4. अन्य किसी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति

जब व्यक्ति किसी अन्य बीमारी से पीड़ित होता है, जैसे कि मधुमेह या फिर दिल की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को भी अल्जाइमर रोग होने की संभावनाएं ज्यादा रहती हैं, क्योंकि मधुमेह तथा दिल के रोगियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का स्तर कम होने लगता है जिसके कारण उन्हें बीमारियां घेर लेती हैं, इसीलिए आपको अपनी बीमारियों का अच्छे से इलाज कराना चाहिए, और यदि आपको मधुमेह है तो आप को ठीक ढंग से इसका परहेज करना चाहिए।

5. तनाव का शिकार

यदि कोई व्यक्ति बहुत अधिक तनाव में रहता है तो भी उसे अल्जाइमर रोग का सामना करना पड़ सकता है, इसीलिए आपको बिल्कुल भी तनाव में नहीं रहना चाहिए, क्योंकि इतना उसे सिर्फ आपके शरीर का नुकसान ही होता है, और इस से ज्यादा कुछ नहीं होता।

अल्जाइमर रोग की जांच कैसे करवाएं – Diagnosis of Alzheimer Disease In Hindi?

यदि हम समय रहते इस बीमारी का इलाज कर ले तो यह हमारे लिए काफी अच्छा होता है क्योंकि इस बीमारी के कारण हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है अब जैसे आपको पता ही है कि यदि हमारी याददाश्त ही अच्छी नहीं रहेगी तो फिर हम कोई भी काम ठीक ढंग से नहीं कर पाएंगे इसीलिए हमें यदि इन लक्षणों में से कुछ भी लक्षण अपने अंदर लगता है तो इस बीमारी की तुरंत जांच करवानी चाहिए  :-

1. Blood Test –

यदि आपको ऐसा लग रहा है कि आपके अंदर भी अल्जाइमर रोग के कुछ लक्षण हैं, तो आपको तुरंत अपना Blood Test करवाना चाहिए, क्योंकि ब्लड टेस्ट से यह पता लगाया जा सकता है कि आपके शरीर के अंदर Alzheimer के Tissue कितने हैं।

2. दिल की धड़कनों की जांच करवाएं

यदि आपको इस बीमारी के कुछ भी लक्षण अपने अंदर महसूस होते हैं, तो आपको तुरंत अपनी दिल की धड़कनों की जांच करानी चाहिए, क्योंकि दिल की धड़कनों से भी अल्जाइमर रोग की पुष्टि की जा सकती है।

3. MRI करवाएं

इस बीमारी का पता लगाने के लिए हम m.r.i. भी करवा सकते हैं, क्योंकि एम आर आई से भी इस रोग की पुष्टि की जा सकती है।

4. सीटी स्कैन ( C.T – SCAN ) के माध्यम से

हम आपको बता दें कि सीटी स्कैन के द्वारा भी अल्जाइमर रोग का पता लगाया जा सकता है, क्योंकि इस सीटी स्कैन में दिमाग के अंदरूनी हिस्सों को देखा जाता है, जिससे अल्जाइमर रोग का पता लग जाता है।

Alzheimer रोग का इलाज कैसे करें – How To Treat Alzheimer Disease In Hindi?

अब हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने वाले हैं जिनकी सहायता से आप Alzheimer Disease से छुटकारा पा सकते हैं :-

1. एक्सरसाइज करें

यदि आप Alzheimer रोग से पीड़ित हैं तो सबसे पहले इसका उपचार करने के लिए आप को नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए, क्योंकि एक्सरसाइज करने से हम अपने मस्तिष्क को नियंत्रण में रख पाते हैं, और एक्सरसाइज करने के साथ-साथ हमें Meditation अवश्य करना चाहिए क्योंकि Meditation करने से हम अपने मस्तिष्क को पूरी तरह नियंत्रण में कर सकते हैं जिसके कारण हमें अल्जाइमर रोग से छुटकारा भी मिल सकता है।

2. दवाई लेना

जब आप अल्जाइमर रोग से पीड़ित होते हैं और आप डॉक्टर की सलाह लेते हैं, तो डॉक्टर आपको कुछ दवाइयां जरूर देता है और आपको उन दवाइयों का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए, क्योंकि यह दवाइयां अल्जाइमर रोग को नियंत्रण में करने के लिए होते हैं।

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3. थेरेपी लेना

जब अल्जाइमर रोग का इलाज दवाइयों से नहीं हो पाता, तो कई बार अल्जाइमर रोग का इलाज थेरेपी ( Therapy ) के माध्यम से भी किया जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है, कि थेरेपी से अल्जाइमर रोग को नियंत्रण में किया जा सकता है और इससे छुटकारा भी पाया जा सकता है।

4. मनोवैज्ञानिक की सलाह लेना

कहीं बाहर अल्जाइमर रोग से छुटकारा पाने के लिए ऐसा भी होता है, कि डॉक्टर हमें सलाह देते हैं कि आपको मनोवैज्ञानिक से मिल लेना चाहिए, क्योंकि मनोवैज्ञानिक भी काफी हद तक इस रोग को ठीक करने में सक्षम है।

5. Deep Brain Stimulation

जब अल्जाइमर का इलाज किसी भी तरीके से नहीं होता, तो उस समय डॉक्टर आपको Deep Brain Stimulation की सलाह देते हैं, इस विधि में आपके दिमाग में एक उपकरण को लगाया जाता है, जिसकी सहायता से हमारे दिमाग तक इलेक्ट्रिक सिग्नल पहुंचते हैं।

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अल्जाइमर की बीमारी की रोकथाम कैसे करें – Precautions of Alzheimer disease in Hindi?

1. नशीले पदार्थों का सेवन ना करें

यदि आप अल्जाइमर रोग से पीड़ित हैं, तो आपको किसी भी नशीले पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए, जैसे कि सिगरेट पीना शराब पीना या फिर कोई और नशीला पदार्थ क्योंकि नशीले पदार्थ का सेवन करने से हमारे मस्तिष्क की बीमारियां और भी ज्यादा भड़क उठते हैं, जिसके कारण हमें और भी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

2. पौष्टिक भोजन करना

अल्जाइमर के रोगियों को पौष्टिक भोजन का सेवन करना चाहिए, क्योंकि पौष्टिक भोजन का सेवन करने से हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है जिसके कारण हमारे शरीर को कई प्रकार के रोगों से लड़ने की क्षमता मिलती है, इसीलिए आपको पोस्टिक आहार का सेवन करना चाहिए।

3. अकेलापन दूर करें

अल्जाइमर के रोगी अक्सर ऐसा करते हैं कि वह अकेला रहना शुरू कर देते हैं परंतु अकेले रहने से आपको और भी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए आप जितना हो सके उतना ज्यादा लोगों से गले मिले और अपने मन की बात लोगों से कहें, ऐसा करने से आपके मस्तिष्क के ऊपर अच्छा प्रभाव पड़ता है और आपकी याददाश्त तेज होती है।

4. मानसिक व्यायाम करना

जब अल्जाइमर की बीमारी से व्यक्ति पीड़ित होता है तो वह अपनी याददाश्त खोने लगता है, इसलिए आपको कुछ ऐसे कार्य करने चाहिए, जिनसे आपकी याददाश्त तेज हो जैसे कि आपको शतरंज खेलना चाहिए, तथा ज्यादा से ज्यादा किताबें पढ़नी चाहिए जिसके कारण आपके मस्तिष्क पर जोर पड़े, ऐसा करने से भी आप काफी हद तक इस बीमारी पर नियंत्रण पा सकते हैं।

Alzheimer Conclusion

हम आशा करते हैं कि आपको हमारी यह पोस्ट काफी पसंद आई होगी, हमने आपको अल्जाइमर रोग के बारे में विस्तार से समझाया है, कि Alzheimer Meaning In Hindi तथा How To Treat Alzheimer Disease In Hindi यदि अब भी कोई ऐसा सवाल है जिसका आपको जवाब ना मिला हो, तो आप हमसे कमेंट सेक्शन के माध्यम से पूछ सकते हैं। धन्यवाद

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