कोरोनावायरस के Delta Variant के खिलाफ रूस की Sputnik V केवल 83% प्रभावी, जानें खबरें

Must Read

Ankit Kumar
Ankit Kumarhttp://goodswasthya.com
Ankit Kumar is a Health Blogger and Bachelor of Arts Graduate having experience working for various Multi-National Organizations as an Information Technology Specialist, Content Writer, and Content Manager. He loves blogging and right now he is enjoying his journey of exploring health and fitness-related news and stuff. He is actively involved in Yoga and other modes of fitness and has various certificates for the same.

कोरोनावायरस के Delta Variant के खिलाफ रूस की Sputnik V केवल 83% प्रभावी, जानें खबरें

बीते बुधवार को रूस की स्पूतनिक वी के रजिस्ट्रेशन करते वक्त इसे कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावशाली और सुरक्षित बताया गया। देश और दुनिया भर में लोग कोरोना वायरस और उसकी नए-नए वेरिएंट्स के कारण काफी चिंतित हैं। ऐसे में केवल वैक्सीन ही है जो लोगों की चिंता थोड़ी कम कर रही है। कोरोनावायरस और उसके द्वारा पैदा हो रहे नए वेरिएंट के खिलाफ लड़ने के लिए कई देश के वैज्ञानिक और डॉक्टर वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं।

हालांकि सभी कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने वाली वैक्सीन उसके वेरिएंट्स पर इतना प्रभावशाली नहीं है लेकिन हाल ही में रूस के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा रूस में बनाई जा रही कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने वाली स्पूतनिक रीको डेल्टा वेरिएंट्स के खिलाफ भी प्रभावशाली बताया गया है।

Delta Variant images

आपको बता दें कि हमारे देश भारत में अब तक कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए कोविशील्ड, रूस की स्पूतनिक वी, जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन के सिंगल डोज को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए और कोवैक्सीन जैसे चार अलग-अलग तरह के वैक्सीन को मंजूरी दी गई है। यह सभी वैक्सीन ना केवल कोरोना वायरस बल्कि उसके द्वारा पैदा हुए डेल्टा वैरीअंट के खिलाफ भी लड़ने के लिए प्रभावशाली है लेकिन कुछ दिनों पहले रूस की स्पूतनिक वी को लेकर कुछ आशंका जताई गई थी जिसके बाद हाल ही में रूस के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा स्पष्ट करते हुए कहा गया कि यह वैक्सीन भी डेल्टा वेरिएंट्स के खिलाफ कारगर है।

Covaxin और Covishield की डोज के मिश्रण द्वारा आ सकते हैं बेहतर परिणाम, ICMR ने किया स्पष्ट

बीते बुधवार को रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने मीडिया और लोगों के सामने इस आशंका को दूर करते हुए स्पष्ट किया कि रूस में बन रही स्पूतनिक वी भी कोरोना वायरस के साथ-साथ उसके डेल्टा वैरीअंट के खिलाफ करीब 83 प्रतिशत प्रभावशाली है।

हालांकि आपको बता दें कि रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने वहां की एक समाचार द्वारा बताया कि जून महीने में जारी किए गए रिपोर्ट के अनुसार स्पूतनिक वी डेल्टा वेरिएंट्स पर करीब 90 प्रतिशत अपना प्रभाव दिखा रहे थे लेकिन नए रिपोर्ट्स ने इस वैक्सीन के प्रभाव को कम कर के 83 प्रतिशत प्रभावशाली बना दिया है।

वही बीते बुधवार को इज़वेस्टिया अखबार के द्वारा गामालेया इंस्टीट्यूट, जो इस वैक्सीन को विकसित करती है, के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने यह बताया कि कोरोना वायरस की सभी वेरिएंट्स या स्ट्रेन के खिलाफ स्पूतनिक वी काफी प्रभावशाली और सुरक्षित था। अलेक्जेंडर ने बताया कि पिछले साल यानी 2020 की 11 अगस्त को ही इस वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन किया गया था और यह पहली अधिकारिक रूप से प्रमाणित होने वाली वैक्सीन बनी थी जो कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने को पूरी तरह से तैयार की गई थी।

Delta Variant images
image source:- http://www.canva.com

आपको बता दें कि रूस जहां करीब 144 मिलियन की आबादी है वहां भी कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए चार अलग तरह के वैक्सीन को मंजूरी मिली है। कोरोना वायरस के शुरुआती समय में रूस ने करीब 6.5 मिलियन कोरोना वायरस संक्रमित मामलों को दर्ज किया था। 2021 के जून-जुलाई महीने में रूस में डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित मामले अचानक बढ़ गए थे जिसके पीछे का कारण वहां के अधिकारियों ने लोगों के संपर्क और वैक्सीन ना लेने की लापरवाही को बताया।

वहीं रूस के मिखाइल मुराश्को ने स्पूतनिक वी को प्रभावशाली बताते हुए कहा कि अन्य वैक्सीन के मुकाबले यह वैक्सीन कोरोना के खिलाफ अच्छी तरीके से लड़ रही है और क्लीनिकल टेस्ट और वैज्ञानिकों की मदद से बनाई गई इस वैक्सीन के कारण अस्पतालों में कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों की भर्ती में भी कमी आई है।

आपको बता दे कि डॉ रेड्डी लैबोरेट्रीज ली के द्वारा भारत में इस स्पूतनी वी वैक्सीन का उत्पादन किया जा रहा है और यह उम्मीद जताई गई है कि 2021 की सितंबर या अक्टूबर महीने से यह वैक्सीन भारत में भी मिलना शुरू होगी। वही कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एम वी रमन ने इस वैक्सीन के उत्पादन के बारे में बताते हुए कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण रूस से भारत आने में इस वैक्सीन में देरी की जा रही है हालांकि अगस्त तक यह स्थिति सुधरने की भी उम्मीद है।

लेटेस्ट लेख

Low Ejection Fraction: लो इजेक्शन फ्रैक्शन क्या है? जानिए लो इजेक्शन फ्रैक्शन के लक्षण एवं बचाव

Low Ejection Fraction: लो इजेक्शन फ्रैक्शन क्या है? जानिए लो इजेक्शन फ्रैक्शन के लक्षण एवं बचाव

More Articles Like This