Centre Response to Covid Situation: केंद्र ने भेजी छह राज्यों में अपनी टीमें
कोरोना का संक्रमण अभी देश में बना हुआ है, पहली लहर समाप्त होने के पश्चात कोविड-19 दूसरी लहर चल रही है ,जो बहुत ही चिंताजनक साबित हो रही है। ऐसे में विभिन्न -विभिन्न प्रकार के तकनीकों का आविष्कार किया जा रहा है, जिससे कि कोरोना संक्रमित होने पर उससे निपटने में सहायता मिल सके। इन गंभीर परिस्थितियों में सरकार कोशिश कर रही है कि मानव जाति की अधिक से अधिक क्षति होने से बचाया जा सके।
इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने उच्च केसलोएड वाले छह राज्यों में अपनी टीमें भेजीं। जिनका उद्देश्य है कोविड-19 का प्रभाव जिन क्षेत्रों में अधिक देखा जाता है उन पर कठोर कानून बनाकर 14 दिनों के लिए प्रतिबंध लगाएं और उनकी रिपोर्ट सरकार तक पहुंचाए।
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कुछ राज्यों द्वारा अधिक संख्या में मामलों की रिपोर्ट पेश करने को लेकर चिंता बढ़ती ही जा रही है। इन सब के मध्य केंद्र ने शुक्रवार को गार्ड को कम करने के विरोध में सख्त चेतावनी जारी की है क्योंकि दूसरी लहर अभी तक खत्म नहीं हुई है और टीमों को आधा दर्जन राज्य में भेजा गया है। केंद्र ने राज्यों को कहा कि वे अपने क्षेत्र में स्थित उन जिलों की पहचान करें, जहां साप्ताहिक सकारात्मकता दर 10% से अधिक है या बिस्तर अधिभोग 60% से अधिक है। ऐसे वक्त में संचरण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए राज्य सरकार अपने क्षेत्र में कम से कम 14 दिनों के लिए उच्चतम स्तर के प्रतिबंध को लागू करें।
नीति आयोग के सदस्य, स्वास्थ्य, डॉ वीके पॉल ने कहा,”कोरोना के मामलों में धीरे-धीरे गिरावट तो देखी जा रही है लेकिन पूर्ण रूप से अभी दूसरी लहर खत्म नहीं हुई है। ऐसे में अभी भी सावधानियों को बरतना आवश्यक है , कुछ राज्यों से अभी भी कोविड से संक्रमित मामलों की उच्च संख्या में रिपोर्ट आ रही हैं। हम तब तक सुरक्षित नहीं हैं जब तक कि पूरा देश कोविड-19 से सुरक्षित नहीं हो जाता। सर्वप्रथम जिलों में स्थानीय स्तर पर वायरस को नियंत्रित करना बेहद आवश्यक है, जहां सकारात्मकता सर्वाधिक होती है।
लगभग 71 जिलों में अभी भी कोविड से संबंधित मामलों की साप्ताहिक सकारात्मकता दर 10% से अधिक देखी जा रही है, वहीं बहुत से ऐसे राज्य हैं जहां समग्र साप्ताहिक सकारात्मकता 3.1% तक ही आ रही हैं। केंद्र ने केरल, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, ओडिसा, छत्तीसगढ़ और मणिपुर में टीमों की प्रतिनियुक्ति की है जो कोविड-19 केस की अधिक संख्या होने की रिपोर्ट दे रहे हैं। केंद्र सरकार ने राज्यों में जिन टीमों को भेजा है उनमें चिकित्सक और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ सम्मिलित हैं। वे लोग इस स्थिति का आकलन करेंगे और उन स्थितियों से निपटने के लिए उपचारात्मक कार्यवाई करने का सुझाव देंगे।
सरकार ने रोकथाम के उपायों को लेकर दिया जोर –
सरकार ने जोर देकर कहा कि राज्यों को टीकाकरण के मामलों में तेजी लाने की आवश्यकता है और कोविड-19 के लिए व्यवहार और सावधानी के नियम का पालन करने के साथ-साथ राज्यों को रोकथाम के उपायों पर कड़े नियम लागू करने की जरूरत है। कई राज्यों में नए मामलों में समग्र गिरावट के साथ ही आर्थिक गतिविधियां भी खुल रही है। ऐसे में हर राज्य सरकार का जागरूक होना आवश्यक है।
डॉ वीके पाल ने इस बात पर भी प्रकाश डाला है कि कई देश में जहां मामलों में गिरावट आई थी, वहां फिर से वृद्धि देखी जा रही है। ऐसे समय में यदि सावधान नहीं रहा गया और कोरोना को लेकर कोई भी असावधानी बरता गया तो उसके मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है।
कोविड -19 की समग्र घटनाओं में काफी मात्रा में गिरावट आई है। 26 जून से 2 जुलाई तक , औसत दैनिक मामले 46,258 थे, जो पिछले सप्ताह 19जून से 25 जून की तुलना में 13% कम है। अधिकारीक आंकड़ों से पता चलता है कि अब देश में केवल 100 जिले ही है जो अब भी प्रति दिन 100 से अधिक मामलों की रिपोर्ट दे रहे हैं।
गुरुवार को देश भर से कोरोना संक्रमितों कि 46,617 नए मामले दर्ज किए गए, जबकि सक्रिय केसलोएड लगभग 5 लाख मामलों में आ गया है। साथ ही यह भी पता चला कि 30 जून तक 12 राज्यों में डेल्टा प्लस संस्करण (AY.1) के छप्पन मामले आए हैं।
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