Covid -19: कोविड-19 के दौरान 8 राज्यों में चिंता का कारण बन रहा बढ़ता R-value, जानें खबरें

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Ankit Kumar
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Covid -19 के दौरान 8 राज्यों में चिंता का कारण बन रहा बढ़ता R-value, जानें खबरें

मंगलवार को केंद्र ने बढ़ते Covid -19 कोरोना मामलों के केसेस के खिलाफ कहते हुए जानकारी दी कि मरीजों की संख्या बताता है कि केवल एक कोविड रोगी कई लोगों को संक्रमित कर सकता है। पुडुचेरी, कर्नाटक, मिजोरम, लक्ष्यद्वीप, केरल जैसे कई और राज्यों में मुख्य रूप से मामले और आर संख्या में वृद्धि देखी जा रही है।

बीते मंगलवार को संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बताया की कई क्षेत्रों में संक्रमण फिर बढ़ रहा है। वहीं नीति आयोग के प्रमुख डॉ वीके पॉल ने कहा कि महामारी की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है और डेल्टा वैरिएंट इस महामारी के लिए सबसे बड़ी समस्या है।

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लव अग्रवाल ने बताया कि 60 प्रतिशत सक्रिय मामले सीमित भूगोल में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि दो प्रतिशत के नीचे मामले राष्ट्रीय सप्ताहिक सकारात्मक के कारण हुई है लेकिन 10% से अधिक सकारात्मक मामले 12 राज्यों के 44 जिलों में पाई गई। संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि भारत के केरल में अभी सबसे अधिक सक्रिय मामले यानी एक लाख से ज्यादा देखे जा रहे हैं जबकि महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्य में यह संख्या घटकर 78000 और 24000 हो गई है।

लव अग्रवाल ने बताया कि देश की 18 जिलों में बीते कुछ हफ्तों में Covid -19 कोरोनावायरस की विधि हो रही है जिनमें महाराष्ट्र के 3 राज्य केरल के 10 राज्य और उत्तर-पूर्वी के राज्य शामिल है। उन्होंने जानकारी दी कि जहां पहले करीब 250 जिलों में अधिक मामले सामने आते थे वहीं अब 57 जिलों में केवल एक सौ के आसपास मामले आ रहे हैं।

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डॉ वीके पॉल ने सुझाव देते हुए कहा कि राज्यों को समूह की पहचान कर बढ़ते मामलों को नियंत्रण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वायरस को फैलने से रोकने के लिए और संचरण की श्रृंखला को दबाने के लिए स्थानीयकरण करने की जरूरत है।

लव अग्रवाल ने मीडिया से बात करते हुए जानकारी दी कि पहले 50 दिन में 10 करोड़ Covid -19 वैक्सिंग की खुराक दी गई थी जबकि इसकी गति को बढ़ाते हुए लगभग 45 करोड खुराक केवल 11 दिनों में दिए गए। स्वास्थ्य मंत्रालय के दिए गए जानकारी के अनुसार कोरोना वैक्सीन की 47.50 करोड़ खुराक देशभर में दी जा चुकी है जिनमें से 10.59 करोड़ दूसरी खुराक और 37.26 करोड पहली खुराक की संख्या है।

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वही लव अग्रवाल ने और मूल्य के बारे में बताते हुए कहा कि इसमें बढ़ रही मांग अब चिंता का विषय बन रही है। उन्होंने बताया कि मिजोरम, कर्नाटक, जम्मू और कश्मीर, पुडुचेरी, हिमाचल प्रदेश, केरल, तमिलनाडु और लक्ष्यदीप जैसे 8 राज्यों में और मूल्य की विधि हो रही है तो वहीं महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य में आर का मूल्य घट गया है। अधिकारियों ने जानकारी दी है कि अमेरिका कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के आर नंबर के बराबर भारत का भी आर नंबर हो गया है और इसकी बढ़ती प्रवृत्ति के कारण चिंता और भी बढ़ गई है।

डॉ वीके पॉल ने बताया कि कुछ राज्यों में आर का मूल्य गलत दिशा की ओर बढ़ रहा है। एक टीम की रिपोर्ट के अनुसार केरला के मलप्पुरम में 17.26 प्रतिशत की सकारात्मकता में वृद्धि देखी गई। अग्रवाल ने बताया कि जिन क्षेत्रों में वृद्धि हो रही है वहां ना केवल लक्षणों को अनुभव करने वाले लोग बल्कि सभी लोगों का परीक्षण होना चाहिए। वही बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार को केंद्रीय टीम ने आरती पीसीआर को रेपिड टेस्टिंग के अनुपात में बदलने की सलाह दे रही है।

संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने जानकारी दी कि यदि आर का मान एक से ज्यादा होता है तो इसका अर्थ यह है कि मामलों में भी वृद्धि हो रही है और उसे नियंत्रण करने की जरूरत भी है। भारत के दिल्ली, महाराष्ट्र, बंगाल, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, गोवा, झारखंड, मेघालय, नागालैंड जैसे आठ राज्य में आर मूल्य सामान्य है।

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