Covid-19 (Corona)से बचने के लिए जानिए क्या है T-cells की भूमिका, इसके कण बढ़ने से होगा वायरस का खात्मा
मर्क मैनुअल के मुताबिक यदि हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अच्छे से काम करें तो हर तरह के वायरस, परजीवियों और बैक्टीरिया जैसे खतरों को की पहचान करके हमारे शरीर को उससे लड़ने के बाद स्वस्थ बना सकती है। किसी भी वायरस के संक्रमण से बचने या उससे लड़ने के लिए हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली का मजबूत होना बहुत जरूरी होता है। हमारे शरीर में मौजूद इम्यून सिस्टम में कुछ ऐसी कोशिकाएं होती हैं जो वायरस को मात देने में सक्षम होती है।
इसी तरह कोरोना वायरस से लड़ने के लिए हमारे शरीर में कुछ कोशिकाएं कोरोना की टीके की वजह से उत्पन्न हुई है लेकिन आ रहे नए-नए कोरोना वेरिएंट्स से लड़ने के लिए हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम में टी कोशिकाओं को सक्रिय करना जरूरी है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के मुताबिक हमारे शरीर में दो तरह की प्रतिरक्षा प्रणाली होती है जिसमें से एक अंतर्जात प्रतिरक्षा हमारे जन्म के साथ आती है जो आंसू, त्वचा के तेल, पेट के एसिड में पाई जाती है और जो कुछ साधारण बीमारियों से लड़ती है लेकिन वही दूसरी यानी विशिष्ट प्रतिरक्षा प्रणाली हमारे शरीर में टिके लेने के बाद एंटीबॉडी उत्पन्न कर बाहरी खतरों से लड़ती है।
हाल ही में किए गए एक शोध के अनुसार वैज्ञानिकों ने कहा है कि यदि कोरोना वायरस के वैक्सीन या टीके में टी कोशिकाओं को पैदा करने वाले तत्व यदि सक्रिय हो जाए तो उस व्यक्ति में इम्यूनिटी अधिक होगी और वह ना केवल कोरोना से बल्कि कोरोना के अलग-अलग वैरीअंट से भी आसानी से लड़ कर उसे मात दे सकता है।
समय के साथ कोरोना बहुत प्रभावशाली हो रहा है और दुनिया भर में अपने नए नए वेरिएंट्स पैदा कर रहा है जिसके कारण दुनिया भर में डर और चिंता का माहौल बना हुआ है। वैज्ञानिक और स्वास्थ्य कर्मी अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं ताकि इस वायरस से लड़ा जा सके। इसी लड़ाई के दौरान हाल ही में बोस्टन यूनिवर्सिटी और हॉवर्ड यूनिवर्सिटी ऑफ अमेरिका की ब्रॉड इंस्टिट्यूट में वैज्ञानिकों ने अपनी बुद्धि और मेहनत की वजह से ऐसी तरकीब का पता लगाया है जिसकी मदद से शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाया जा सकता है और हमारा शरीर में मौजूद कोरोना और उससे उपजे हर वैरीअंट से लड़कर उसका नाश भी कर सकता है।
वैज्ञानिकों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस की टीका लेने पर हमारे शरीर में और इम्यून सिस्टम में बी कोशिकाओं की मात्रा बढ़ती है जिसके कारण एंटीबॉडीज बनना शुरू हो जाती है और वह कोरोना से लड़ने में हमारी मदद करती है लेकिन वैज्ञानिकों ने इस शोध के बाद कहा यह पुष्टि की है कि यदि कोरोना के टीके में टी कोशिकाओं को सक्रिय करने वाले तत्व आ जाएं या बनाए जाएं तो व्यक्ति की इम्युनिटी सिस्टम और भी अधिक हो सकती है जिसके कारण वह अलग अलग कोरोना वायरस के वेरिएंट्स को मात दे सकता है।
वही वैज्ञानिकों ने सेल जर्नल की रिपोर्ट में बताया कि कुछ वायरल मटेरियल अभी के कोरोना वायरस के टिके में मौजूद नहीं है जिसके कारण हमारे शरीर की इम्युनिटी पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाती है। इस बात की पुष्टि के लिए वैज्ञानिकों ने कुछ कोरोना संक्रमित लोगों की कोशिकाओं को ले जाकर लैब में लेकर उसका परीक्षण किया जिससे उन्हें यह पता चला कि किन-किन प्रोटीन कण की कमी कोरोना वायरस की टिके में है।
वही इस जानकारी को देने के बाद वैज्ञानिक प्रोफेसर मोहसीन सईद जो कि यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक हैं उन्होंने जानकारी दी कि इस नए परिणाम की वजह से कोरोना के टीके बनाने वाली कंपनी इस पुष्टि के बाद टिके में कुछ बदलाव करके उसे और भी ज्यादा असरदार और प्रभावशाली बना सकती है।