Corona Third Wave : कोरोना की तीसरी लहर का सामना करने के लिए सरकार द्वारा 7200 करोड़ रुपये जारी करने की दी गई अनुमति
हालांकि हम कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से गुजर रहे हैं। हो सकता है कि कोरोना के बढ़ने से आगे आने वाले महीनों में लोकडाउन हो ऐसी स्थिति में कुछ भी कह पाना मुश्किल है जहां Corona Third Wave कोरोना की तीसरी नहीं लहर आने की भी बात हो रही हो। पता आने वाले समय में कोरोना की तीसरी वेव से लड़ने के लिए भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 7,200 करोड़ रुपए या 23123 करोड़ रुपिया जो केंद्रीय हिस्से का 50% है, जारी करने की अनुमति दी गई। जुलाई में ही इस आपातकालीन प्रतिक्रिया पैकेज की घोषणा हुई थी।
हो सकता है कि अगस्त के अंतिम दिनों तक लगभग सभी 1755 पीएसए ऑक्सीजन उत्पन्न करने वाले संयंत्र शुरू हो जाएंगे। इसके अलावा सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा उत्पन्न ऑक्सीजन संयंत्रों को भी हम इसमें जोड़ते हैं तू आने वाले भविष्य में 2200 ऐसे संयंत्र काम करेंगे जो पीएसए ऑक्सीजन पैदा आराम से कर सकते हैं। एकत्रित आंकड़ों द्वारा पता चला कि लगभग 375 संयंत्र को राज्यों में शुरू किया गया तथा और 500 संयंत्र स्थापित होने की बात है, यह अभी उन्नत चरण की ओर है।

दवाओं के बफर स्टॉक, चिकित्सा बुनियादी ढांचे को प्राथमिक क्षेत्र के रूप में एवं ऑक्सीजन की उपलब्धता की ओर सरकार के आपातकालीन प्रतिक्रिया पैकेज द्वारा, सबसे अधिक ध्यान दिया जा रहा है, ताकि दूसरी लहर के दौरान हुई कठिनाइयों की आशंका को कम किया जा सके। इस आपातकालीन प्रतिक्रिया पैकेज के दिशा निर्देश के मुताबिक, कम से कम 10000 किलोलीटर ऑक्सीजन टैंक मंत्रालय स्टैंड बाय के साथ-साथ ऑक्सीजन की उपलब्धता को जिला स्तर में भी लक्षित किया जा रहा है।
इस पैकेज में, मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम के लिए 1450 सुविधाओं के साथ-साथ 961 तरल चिकित्सा की ऑक्सीजन भंडारण टैंक की स्थापना किया जाना भी इस योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, कम से कम हर जिले से एक ऐसे इकाई का समर्थन करना इसका उद्देश्य है। कोरोना की दूसरी लहर मई में अपनी चरम सीमा पर पहुंच गई जिसके खिलाफ स्वास्थ्य मंत्रालय तैयारी कर रहा है,
वह इसके खिलाफ तैयारी डेल्टा प्लस वैरीअंट और डेल्टा द्वारा आई चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए कर रहा है। ‘इंडिया COVID-19 इमरजेंसी रिस्पांस एंड हेल्थ सिस्टम प्रिपेयरनेस पैकेज: फेज- II (ECRP-II पैकेज)’को 8 जुलाई को भारत के कैबिनेट के द्वारा 23123 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई। केंद्र और राज्य में फंड शेयरिंग का अनुपात 60:40 है। इस योजना को 1 जुलाई 2021 से 31 मार्च 2022 तक लगभग 9 महीने मैं लागू कर देनी है।
राज्यों की प्रारंभिक गतिविधियों को चालू करने के लिए जुलाई में केंद्रीय हिस्से द्वारा 1827 करोड़ रुपए से भी अधिक राशि अग्रिम के रूप में शुरू की गई थी। शुक्रवार को राज्य द्वारा एक योजना प्रस्तुत की गई जिसके आधार पर 14744 करोड रुपए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कुल केंद्रीय हिस्से का एक या 35% जारी करने की अनुमति दी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन फंडों को प्रारंभिक चरण में शुरू करने का कारण यह है कि, सरकार मंत्रालय यह सोचती है कि सभी राज्यों के पास जरूरतमंदों और आगे बढ़ने वाले लोगों को वितरित करने के लिए धन उपलब्ध हो। यही कारण है कि सरकार मंत्रालय द्वारा इन सभी योजनाओं को शुरू किया गया।
ऑक्सीजन की उपलब्धता करो ना कि दूसरे लहर के दौरान देखी गई, उसके दोस्त को रोकने का प्रयास ही इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। दूसरी लहर के समय हमारे पास वैक्सीन, ऑक्सीजन और दवा तीनों की कमी देखी गई, जिसके काफी कुपरिणाम सामने आए इसलिए आने वाले समय में ऐसी कठिनाइयों का सामना नहीं हो, सरकार मंत्रालय द्वारा योजना को चालू करने का मुख्य उद्देश्य यही है।
जॉनसन एंड जॉनसन के एकल खुराक वैक्सीन की आपातकालीन उपयोग को भारत द्वारा आखिरकार मंजूरी दे दी गई। वर्तमान में 85% तक वैक्सीन को कारगर बताया जा रहा है, लेकिन भारत को इस वैक्सीन की खुराक कब तक मिलेगी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। आशा है कि आने वाले समय में भारत कोरोना Corona