Glaucoma या काला मोतियाबिंद क्या होता है ? जानिए काले मोतियाबिंद के कारण , लक्षण , प्रकार , इलाज और 5 घरेलू उपचार ? | What is glaucoma ? Know its causes, symptoms, types, treatment and 5 home remedies in Hindi ?

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Dr. Pranav Bhardwaj
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Glaucoma या काला मोतियाबिंद Table of Contents:

Glaucoma या काला मोतियाबिंद क्या होता है ? जानिए काले मोतियाबिंद के कारण , लक्षण , प्रकार , इलाज और 5 घरेलू उपचार ?

  • हमारे शरीर में हमारी आंखें सबसे खास और सबसे नाजुक अंगों में से एक होती हैं यदि हम अपनी आंखों का ख्याल ना रखें तो छोटी सी परेशानी के कारण हमें जिंदगी भर तकलीफ में रहना पड़ सकता है परंतु आज के समय में हमारी जीवनशैली ही कुछ ऐसी हो गई है जिसके कारण ज्यादातर लोग अपनी आंखों का सही ढंग से ख्याल नहीं रख पाते और उसी के कारण जब वह 40 साल की उम्र तक पहुंचते हैं तो उनको आंखों की गंभीर समस्याओं का शिकार बनना पड़ता है और आंखों की उन्ही गंभीर बीमारियों में से एक है काला मोतिया ( Glaucoma )
  • एक रिसर्च के अनुसार भारत देश में  40 वर्ष से ज्यादा लगभग एक करोड़ व्यक्ति ऐसे हैं जो कि काले मोतियों से पीड़ित हैं  और उन व्यक्तियों को सही उपचार ना मिलने के कारण उन्हें अपनी आंखों से हाथ धोना पड़ता है मतलब कि उनकी आंखों की रोशनी चली जाती है काले मोतियों की बीमारी बहुत ही भयानक बीमारी मानी जाती है आज किस से बचने के लिए हम आपको कुछ उपाय बताएंगे जो कि आपके लिए काफी असरदार साबित होंगे।
  • आज हम आपको काले मोतिया के बारे में ही बताएंगे की Kala Motiyabind Kya Hota Hai और Kala Motiyabind Ka Gharelu Upchar तथा Home Remedies For Glaucoma Disease In Hindi? Kale Motiyabind Ka ilaj? Glaucoma Ka ilaj In Hindi? Glaucoma Ke Lakshan? Glaucoma Ke Karan? यदि आप इन सभी के बारे में अच्छे से जानना चाहते हैं तो आप हमारी पोस्ट को आखिर तक पढ़ते रहिएगा तो चलिए दोस्तों अब हम जानते हैं Kala Motiyabind Ke Lakshan और Kala Motiyabind Ke Gharelu Upchar

काला मोतियाबिंद क्या होता है – What Is Glaucoma In Hindi?

  • काला मोतिया को ग्लूकोमा या फिर काला मोतियाबिंद भी कहा जाता है, काला मोतियाबिंद के बहुत से मामलों में कोई भी लक्षण नहीं दिखाई देते और ना ही आंख में दर्द होता, इसीलिए यह हमारी आंखों की रोशनी हमेशा के लिए छीनने में सक्षम होता है।
  • काला मोतियाबिंद हमारी आंखों की ऑप्टिव नर्व पर दबाव डालता है, जिससे कि हमारी आंखों को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचता है, यदि ऑप्टिव नर्व पर लगातार दबाव पड़ता रहता है तो उसके कारण हमारी आंखों की दृष्टि नष्ट होने लगती है, और इस दबाव को डॉक्टरों की भाषा में Intraocular pressure भी कहा जाता है।
  • हमारी आंखों में ऑप्टिक नर्व सभी प्रकार की सूचनाएं हमारे मस्तिष्क तक पहुंचाता है, उसी के पश्चात हम सभी दृश्यों को देखने में सक्षम हो पाते हैं, और जब हमारी आंखों के ऑप्टिक नर्व या फिर अन्य भागों पर दबाव पड़ता है तो उसके कारण हमारी आंखों की रोशनी पूरी तरह से जा सकती है, यदि आज के समय में पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा आंखों की रोशनी यदि किसी भी व्यक्ति की जाती है तो दूसरे नंबर पर सिर्फ और सिर्फ काले मोतियाबिंद का ही नाम आता हैष क्योंकि काले मोतियाबिंद की वजह से ही लोगों को अपनी आंखों की दृष्टि से हाथ धोना पड़ता है।

और पढ़ें – जाने बढ़ती उम्र के साथ क्यों होती है मोतियाबिंद की बीमारी । इसके होने के 8 मुख्य कारण, लक्षण और इलाज |

काले मोतियाबिंद के प्रकार – Types Of Glaucoma In Hindi?

काले मोतियाबिंद के मुख्य रूप से पांच प्रकार होते हैं, जोकि किसी भी व्यक्ति में ही देखे जा सकते हैं, चलिए अब हम आपको विस्तार से Kale Motiyabind Ke Prakar बताते हैं :-

1. ओपन एंगल ग्लूकोमा –  Open Angle Glaucoma?

यह काले मोतिया का सामान्य प्रकार है यदि इस प्रकार का मोतियाबिंद आपको होता है, तो इस मोतियाबिंद में आपकी आंखों से तरल पदार्थ को बाहर की तरफ निकालने वाली सभी नालियां ब्लॉक हो जाती हैं, जिसके कारण आपकी आंखों में से तरल पदार्थ उचित मात्रा में आंखों से बाहर नहीं निकल पाता जिससे कि आपकी आंखों में Intraocular pressure बढ़ने लगता है, और फिर धीरे-धीरे आपकी आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली जाती है।

2. एंगल-क्लोजर ग्लूकोमा – Angle-closure glaucoma?

इस प्रकार के काले मोतियाबिंद को एंगल क्लोजर ग्लूकोमा या फिर नेहरू एंगल ग्लूकोमा भी कहा जाता है, इस प्रकार के मोतियाबिंद में हमारी आंखों से तरल पदार्थ को निकालने वाली सभी नालियां पूरी तरह से बंद हो जाती है, और हमारी आंखों पर बहुत तेजी से दबाव पड़ने लगता है और जब तरल पदार्थ का प्रवाह एकदम सही अवरुद्ध हो जाता है, तो आपकी आंखों के अंदर अधिक मात्रा में द्रव इकट्ठा हो जाता है, जिसके कारण दबाव और भी ज्यादा बढ़ने लगता है और बहुत ज्यादा तेज दर्द होने लगता है, कभी-कभी तो इतना ज्यादा तेज दर्द होता है जो कि आप बर्दाश्त भी नहीं कर पाते।

3. नॉरमल टेंशन ग्लूकोमा – Normal Tension Glaucoma?

हिंदी भाषा में इस प्रकार के मोतियाबिंद को सामान्य तनाव ग्लूकोमा भी कहा जाता है, इस प्रकार के मोतियाबिंद में आपकी आंखों में ऑप्टिक नर्व पर दबाव बड़े बिना ही नुकसान पहुंच जाता है, इस प्रकार के मोतियाबिंद में आपकी आंखों में ज्यादा दर्द भी नहीं होता, इसलिए आपको बहुत देरी से इसके लक्षणों के बारे में पता लगता

है।

4. कौनजेनाइटल ग्लूकोमा – Congenital Glaucoma?

Congenital Glaucoma को जन्मजात काला मोतिया भी कहा जाता है, यह समस्या जब हम पैदा होते हैं या फिर गर्भावस्था के कारण असामान्य विकास के कारण होती है, इस प्रकार के मोतियाबिंद में हमारी आंखों में ऑप्टिक नर्व को नुकसान तरल पदार्थ को निकालने वाली नालियों के ब्लॉक होने के कारण होता है।

5. सेकेंडरी ग्लूकोमा – Secondary Glaucoma?

सेकेंडरी ग्लूकोमा इस प्रकार का मोतियाबिंद होता है, जोकि आपको किसी भी बीमारी के कारण आंखों पर दबाव पड़ने पर हो सकता है परंतु इस प्रकार के मोतियाबिंद में आपको कुछ भी लक्षण नहीं दिखाई देते, इसलिए यदि आपको आंखों की दृष्टि कमजोर होती हुई दिखाई दे या फिर आंखों में दर्द हो, तो आप तुरंत ही डॉक्टर के पास जाकर आंखों की जांच कराएं वैसे तो हमें हर 2 महीने के पश्चात अपनी आंखों की जांच करवाते रहना चाहिए।

Glaucoma Ke Lakshan In Hindi – Symptoms Of Glaucoma In Hindi?

अब हम आपको Kale Motiyabind Ke Lakshan बताएंगे। जिनकी सहायता से आप काले मोतियाबिंद पर नियंत्रण कर सकते हैं, जो कि यदि समय रहते काले मोतियाबिंद पर नियंत्रण कर लिया जाए तो यह बेहतर होता है, नहीं तो यह मोतियाबिंद बहुत ही जल्दी भयानक रूप ले लेता है और उसके पश्चात आपकी आंखों की रोशनी जाना तय है।

वैसे तो यदि हम Kale Motiyabind Ke Lakshan के बारे में बात करें, तो हम आपको बता दें कि शुरुआत में काले मोतियाबिंद के कुछ भी लक्षण आपको नहीं दिखाई देते, क्योंकि काला मोतियाबिंद आपकी आंखों पर धीरे-धीरे असर करता है इसीलिए यदि आप काले मोतियाबिंद से बचना चाहते हैं, तो आपको हर 2 महीने के बाद अपनी आंखों की नियमित रूप से जांच करवानी चाहिए, क्योंकि आंखों की जांच करवाने से हमें अपनी आंखों की बीमारियों का पता चलता रहता है, जिनके कारण  काला मोतियाबिंद बनता है तो चलिए जानते हैं कुछ ऐसी समस्याओं को :-

  • यदि आपकी आंखों और सिर में बहुत ज्यादा तेज दर्द होता है, तो आपको इस प्रस्तुति में तुरंत ही किसी अच्छे आंखों के डॉक्टर को अपनी आंखों का चेकअप कराना चाहिए।
  • यदि आपकी आंखों की दृष्टि कमजोर हो रही है या फिर आपको अपनी आंखों से धुंधला दिखाई देता है, तो इस परिस्थिति में भी आपको तुरंत ही अपनी आंखों की जांच करवानी चाहिए।
  • यदि आपकी आंखें काफी ज्यादा लाल रहती हैं, तो आपको इस परिस्थिति में भी अपनी आंखों की जांच तुरंत करवानी चाहिए।
  • यदि आपको रोशनी के चारों ओर रंगीन चले दिखाई देते हैं, तो यह भी आपकी आंखों का नुकसान का ही कारण बनता है, इसलिए आपको इस परिस्थिति में भी आंखों की जांच तुरंत ही करवानी चाहिए।
  • यदि आपके पास की नजरें कमजोर होती जा रही हैं, तो उस समय भी आपको अपनी आंखों की तुरंत ही जांच करवानी चाहिए।

और पढ़ें- शारीरिक कमजोरी के साथ साथ लैंगिक कमजोरी के लिए पौरुष जीवन कैप्सूल।

Glaucoma Ke Karan – Causes Of Glaucoma In Hindi?

अब हम Kale Motiyabind Ke Karan बताएंगे, जिनकी वजह से हमें काला मोतियाबिंद हो सकता है :-

  • यदि आपकी आंख पर कभी चोट लग जाती है, तो उसके कारण भी आपकी आंखों में दबाव बढ़ जाता है जिसके कारण आपको काला मोतियाबिंद हो सकता है, इसीलिए यदि आपकी आंखों पर चोट लग जाती है तो आपको तुरंत ही किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए।
  • जब धीरे धीरे उम्र बढ़ने लगती है और जब आप 40 वर्ष से 60 वर्ष की उम्र के हो जाते हैं, तो उस समय इस बीमारी का खतरा कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है, इसीलिए समय-समय पर आपको अपनी आंखों का चेकअप कराते रहना चाहिए।
  • काला मोतिया होने का एक कारण पारिवारिक इतिहास भी हो सकता है, इसका मतलब यह है कि यदि आपके खानदान में काफी लोगों को काला मोतिया होता है, तो उसके कारण यह आपको भी हो सकता है क्योंकि कुछ लोग पीढ़ी दर पीढ़ी चलते हैं।
  • यह कुछ बीमारियों के कारण भी हो सकता है जैसे कि मधुमेह हृदय रोग या फिर उच्च रक्तचाप तथा माइग्रेन आदि की बीमारियों के कारण भी आपकी आंखों में काला मोतियाबिंद हो सकता है।
  • यदि आपकी पास की नजर कमजोर है और आप इसका सही समय पर इलाज नहीं करवाते या फिर आप चश्मा नहीं लगा रहे हैं तो भी आपको काला मोतियाबिंद हो सकता है, क्योंकि काले मोतियाबिंद में सबसे पहले आप की पास की नजर ही कमजोर होती है।
  • यदि आप आंखों की सर्जरी करवाते हैं तो उसके पश्चात भी आपको काले मोतियाबिंद का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि सर्जरी के दौरान आपकी आंखों पर काफी दबाव पड़ता है।

काले मोतियाबिंद की जांच कैसे होती है – How To Glaucoma Examined In Hindi?

अब हम आपको यह बताएंगे कि काले मोतियाबिंद की जांच किस प्रकार की जाती है :-

1. टोनोमेट्री प्रशिक्षण

टोनोमेट्री प्रशिक्षण मैं सबसे पहले आपकी आंखों में आई ड्राप डाली जाती है, और आपकी आंखों को सुन कर दिया जाता है फिर उसके पश्चात टोनोमीटर उपकरण के द्वारा आपकी आंखों के अंदर के दबाव को मापा जाता है, कि आपकी आंखों पर कितना ज्यादा दबाव पड़ चुका है।

2. पेरीमेट्री प्रशिक्षण

पेरीमेट्री प्रशिक्षण के द्वारा यह पता लगाने की कोशिश की जाती है कि काले मोतियाबिंद से आपकी आंखों को कितना नुकसान अभी तक पहुंच चुका है।

3. पाकीमेट्री टेस्ट

इस टेस्ट के द्वारा आपकी आंखों में कार्निया की मोटाई को मापा जाता है, यह टेक्स्ट कार्निया की मोटाई को मापने का एक बहुत ही आसान तथा दर्दरहित तरीका होता है।

Glaucoma Ka ilaj In Hindi – Glaucoma Treatment In Hindi?

वैसे तो काले मोतियाबिंद को नियंत्रण में तभी किया जा सकता है, जब इसकी शुरुआत हुई हो परंतु ज्यादातर लोगों को देर से ही पता लगता है, और काला मोतियाबिंद आंखों की एक ऐसी बीमारी है जिसके कारण आपकी आंखो का जो नुकसान हो चुका है उसे बिल्कुल भी ठीक नहीं किया जा सकता परंतु उससे ज्यादा नुकसान पहुंचने से रोका जा सकता है, मतलब की काले मोतियाबिंद की परिस्थिति पर नियंत्रण किया जा सकता है परंतु उसके असर को कम नहीं किया जा सकता :-

1. दवाइयां

काले मोतियाबिंद को नियंत्रण में रखने के लिए आपको डॉक्टर के द्वारा आंखों में डालने की दवाइयां भी दी जाती है, जो कि आपकी आंखों पर पढ़े हुए दबाव को कम करने में आपकी काफी ज्यादा सहायता करती हैं।

2. लेजर ट्रेबिक्यूलोप्लास्टी

यह एक तरह का ऑपरेशन होता है इसमें आपकी आंखों से तरल पदार्थ को निकाला जाता है जिसके कारण आपकी आंखों पर दबाव कम हो जाता है, परंतु इस उपचार से पहले आपकी आंखों को सुन कर दिया जाता है और फिर उसके पश्चात प्रकाश की काफी उच्च इंटेंसिटी भीम का इस्तेमाल किया जाता है।

3. ग्लूकोमा फिल्टरिंग सर्जरी

  • यह सर्जरी आपके पास बिल्कुल आखिरी विकल्प होता है। यदि आंखों में दवाइयां डालने से भी आपकी आंखों पर दबाव कम नहीं होता या फिर तरल पदार्थ बाहर नहीं निकलता, तो उस परिस्थिति में सबसे आखिरी विकल्प हमारे पास ग्लूकोमा फिल्टरिंग सर्जरी का ही बचता है।
  • ग्लूकोमा सेटिंग सर्जरी में सबसे पहले आपकी आंखों के आसपास के हिस्से को इंजेक्शन लगा कर अच्छे से सुन कर दिया जाता है, और इसके पश्चात आपकी आंखों से तरल पदार्थ को निकालने के लिए एक नया रास्ता बनाया जाता है, यदि आपकी दोनों आंखों की सर्जरी होनी है तो इन दोनों आंखों की सर्जरी में 4 से 6 हफ्ते का अंतर रखा जाता है।

Kala Motiyabind Ke Liye Gharelu Upchar – Home Remedies For Glaucoma In Hindi?

अब हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताएंगे जिनसे आप काले मोतियाबिंद में काफी ज्यादा आराम महसूस कर सकते हैं जैसा कि हमने आपको बताया कि आप काले मोतियाबिंद के कारण व नुकसान तो सही नहीं कर सकते परंतु और ज्यादा नुकसान होने से बच सकते हैं :-

  • यदि आप नियमित रूप से हर 2 महीने के पश्चात अपनी आंखों की जांच करवाते रहते हैं, तो उस समय जांच के दौरान आपको अपनी आंखों की बीमारियों का पता लग जाता है, तो इसलिए आप इस प्रकार काले मोतियाबिंद से बच सकते हैं।
  • काले मोतियाबिंद से बचने के लिए या फिर इसे नियंत्रण में करने के लिए आपको रोजाना एक्सरसाइज करनी चाहिए, और अपने शरीर में से पसीने को बाहर निकालना चाहिए।
  • अपनी आंखों का आपको विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए, यदि आप कहीं बाहर जाते हैं या फिर आप वाहन चला रहे होते हैं, तो उस समय आपको अपनी आंखों की सुरक्षा के लिए चश्मे का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • यदि आपकी आंखों पर कभी भी चोट लग जाती है, तो उस समय आपको तुरंत ही किसी अच्छे डॉक्टर से अपनी आंखों का इलाज करवाना चाहिए।
  • आपको हमेशा पोषक तत्वों का सेवन करना चाहिए। पोषक तत्व जैसे कि हरी सब्जियां तथा दालें क्योंकि दालों में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो कि हमारे शरीर के विभिन्न अंगों में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करते हैं।

Kala Motiyabind Conclusion: –

हम आशा करते हैं, कि आपको काले मोतियाबिंद की हमारी यह पोस्ट बहुत ही पसंद आई होगी। इस पोस्ट में हमने आपको Glaucoma Se Bachne Ke Tarike तथा Glaucoma Ke Lakshan और Causes Of Glaucoma In Hindi? Kala Motiyabind Kyu Hota Hai?  यदि अभी आपको अब भी काले मोतियों से संबंधित कोई भी प्रश्न हम से पूछना हो, तो आप कमेंट सेक्शन के माध्यम से पूछ सकते हैं, हम समय मिलते ही आपको उसका जवाब जरूर देंगे। धन्यवाद

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