उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर क्या है ? जानिए इसके लक्षण , होने के कारण , निदान , इलाज और बचाव | What is High Blood Pressure ? Know its symptoms, causes, diagnosis, treatment and prevention in Hindi.

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Sumit Singh
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हाई ब्लड प्रेशर के सारे टॉपिक्स – High Blood Pressure Table of Contents:

आइये जानते है High Blood Pressure क्या है इसके प्रमुख कारण क्या है और उपचार क्या है?

आज कल की generation में बढ़ते तनाव और गलत खान-पान की वजह से अक्सर लोग बहुत सारी गंभीर बीमारियों का शिकार बन रहे हैं। इनमे सबसे कॉमन है ब्लड प्रेशर की बीमारी। ब्लड प्रेशर दो तरीके का होता है पहला High Blood pressure जिसे हम Hypertension  भी कहते है और दूसरा है Low Blood pressure जो Hypotension के नाम से भी जाना जाता है। हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर दोनों ही हमारे स्वास्थ के लिए बेहद हानिकारक हैं।

जिसका असर सीधे सीधे हमारे Brain, दिल, किडनी, नर्वस सिस्टम आदि पर साफ तौर पर देखा जा सकता है।  तो  आज हम आपको अपने इस लेख के जरिये Low Blood pressure और High Blood Pressure के लक्षण  और इससे होने वाली गंभीर बीमारियों के बारे में बताने जा रहे है ! और अगर आप भी Blood Pressure के मरीज़ है तो बेशक यह आर्टिकल आपके लिए भी है क्योंकि हम इसमें Blood pressure के उपचार एवं इससे बचाव के विभिन्न तरीके के भी बारे में बात करेंगे।

सबसे पहले जानते ब्लड प्रेशर क्या है? – What is Blood Pressure in Hindi ?

दिल हमारे शारीर का एक बहुत ही महतवपूर्ण अंग है जो ख़ून को पंप करके पूरे शरीर में पहुंचाता है। मतलब ये कि पूरे शरीर को ऑक्सीजन और एनर्जी पहुंचाने की ज़िम्मेदारी बेचारे छोटे से हमारे दिल पर निर्भर होती है। ख़ून हमारी धमनियों के भीतर  जो Pressure डालते हुए चलता है, उसी Pressure को ब्लडप्रेशर (BP) कहा जाता है। ब्लड प्रेशर अधिक होने से धमनियों और दिल पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे हार्टअटैक या दिल से जुड़ी दूसरी गंभीर बीमारिया हो सकती हैं। ब्लड प्रेशर को सिस्टोलिकऔर डायस्टोलिक दो रीडिंग में मापा जाता है

आप कैसे पता करेंगे हाई ब्लड प्रेशर और Normal BP किसे कहते हैं ? – How do you know what is high blood pressure and what is normal BP in Hindi?

जैसा की हमने ऊपर बताया है कि ब्लड प्रेशर को दो रीडिंग के ज़रिए मापा जाता है- सिस्टोलिक और डायस्टोलिक। अगर आपका BP 120/80 है, तो इसे नॉर्मल ब्लड प्रेशर माना जाता है। अगर यह 140/90 या उससे अधिक है तो यह आपके लिए चिंता का विषय है।

आज कल के दौर में हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) उच्चरक्त चाप आम समस्या बनती जा रही है। हम लोगो में से बहुत से लोग ऐसे है जो इसे नजरंदाज करते है अंत में वो इसका शिकार बन जाते है। हाइपरटेंशन को (High Blood Pressure)  के रूप में भी जाना जाता है, यह एक ऐसी condition है जहां आपकी धमनी की दीवार के खिलाफ रक्त का बल अत्यधिक जादा होता है, जिससे यह heart disease जैसी health problems का कारण बनता है। Blood pressure आमतौर पर रक्त के स्तर से निर्धारित होता है जो आपके heart को पंप करता है।

यदि आपकी धमनियां (Arteries) तंग हैं और आपका दिल अत्यधिक मात्रा में रक्त pump करता है, तो आपका दबाव अधिक हो जाता है। High Blood Pressure कई वर्षों तक बिना किसी स्पष्ट लक्षण के विकसित हो सकता है, उच्च High Blood Pressure Stroke और दिल के दौरे जैसी गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है जो समय पर इलाज नहीं होने पर मृत्यु का कारण बन सकता है।

उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण क्या हैं? – What are the symptoms of high blood pressure in Hindi ?

High BP को एक Silent Killer कहना गलत नहीं होगा, क्योंकि इससे पीड़ित व्यक्ति का समय पर उपचार न होने की वजह से body के सबसे जरूरी parts धीरे-धीरे खराब होने लगते हैं। जिससे heart attack, हार्ट स्ट्रोक, पैरालाइज, ब्लांइडनेस, मैमोरी लॉस होना देखा गया है।

हाइपरटेंशन (High Blood Pressure) के लक्षण निम्नलिखित है:

  • गंभीर सरदर्द (Severe headache)
  • थकान या भ्रम (Fatigue or confusion)
  • घबराहट (Nervousness)
  • छाती में दर्द (chest pain)
  • मूत्र में रक्त  (blood in urine)
  • धुंधली दृष्टि (Blurred vision)
  • सांस लेने मे दिक्कत (shortness of breath)

हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप होने के क्या कारण है? – What causes high blood pressure in Hindi ?

उच्च रक्तचाप  के लक्षण और उपचार (Blood Pressure Treatment) को समझना बहुत ही जरूरी है । क्यूंकि सही जानकारी ही बचाव है,  तो इसी लिए आपको उच् रक्तचाप के लक्षणों (Blood Pressure Symptoms) को पहचानने की जरूरत है, ताकि आप समय रहते हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल (Control High BP) कर सकें. अक्सर High Blood Pressure से परेशान लोग घरेलू उपचार (Home Remedies)  एवं कारगर तरीके जानना चाहते हैं  तो अपने इस लेख में हमने सभी छोटे बड़े तरीके एवं उपचार के बारे में बताया है जो High Blood Pressure को कण्ट्रोल करने में कारगर होंगे तो पढना जारी रखे।

उच्च रक्त चाप होने के प्रमुख कारण

  • अधिक वजन बढ़ने पर
  • धुम्रपान करना
  • नमक का अत्यधिक सेवन करने पर
  • योगा या व्यायाम न करने पर
  • शराब का सेवन करने पर 
  • 60 से 65 साल से ज्यादा उम्र होने पर
  • कैफीन का अधिक मात्रा में सेवन करने पर

Doctors के अनुसार High Blood Pressure का कोई स्पष्ट लक्षण नहीं है और इसके बारे में कुछ ही लोगों को जानकारी होती है कि वो BP की समस्या से परेशान हैं। सिर में दर्द होना, सांस लेने में तकलीफ, नाक से खून आना और धुंधली या दोहरी दृष्टि जैसे लक्षण प्राथमिक ब्लड प्रेशर के सामान्य कारण हैं। अगर आपमें इनमें से कोई लक्षण हैं तो तुंरत अपने डॉक्टक से सलाह लें।

उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) का मुख्य कारण (Underlying therapy) अंतर्निहित चिकित्सा और (Mental conditions) मानसिक स्थितियों पर निर्भर करता है। Blood plasma की मात्रा, Hormonal activity, तनाव, और गतिविधियों की कमी, Chronic kidney disease, मधुमेह, मोटापा, स्लीप एपनिया, और गर्भावस्था को उच्च रक्तचाप का प्रमुख कारण माना जाता है।

हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप का इलाज क्या है? – What is the treatment of high blood pressure in Hindi ?

हालांकि, उच्च रक्तचाप ( High BP) की बीमारी अधिकांश लोगों में देखने को मिलती है और उनमें से कुछ लोगों की death इसकी वजह से भी हो जाती है। ऐसा केवल इस वजह से होता है क्योंकि लोग इसे लाइलाज (Incurable) बीमारी समझते हैं और इसी वजह से वे इससे निजात नहीं पा पाते हैं। लेकिन, अगर उन्हें यह मालूम होता कि किसी भी अन्य बीमारी की तरह हाई ब्लड प्रेशर का भी इलाज संभव है, तो वो समय रहते अपनी इस बीमारी से निजात पा सकते है।

हाई ब्लड प्रेशर के रोकथाम और उपचार- Prevention and Treatment of High Blood Pressure in Hindi.

आप High Blood Pressure को रोकने के लिए नीचे दिए गए दिशानिर्देश को follow कर सकते है:

  • अतिरिक्त वजन कम करना
  • आपको नियमित रूप से exacise करना
  • Healthy Diet ले
  • शराब का सेवन बंद करे
  • तेल मसाले एवं चिकनी आहार लेने से परहेज़ करे
  • धूम्रपान बंद करना
  • नमक और कैफीन में कटौती करना

उच्च रक्तचाप High Blood Pressure को रोकने के तरीके के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें।

यदि High Blood Pressure के मरीज़ है, तो इसे नियंत्रण में लाने तक बारीकी से निगरानी करना बहुत ज़रूरी है। आपका डॉक्टर आमतौर पर इसे ठीक करने के लिए आपकी lifestyle और कभी-कभी, दवा में परिवर्तन का सुझाव देगा।

हाई ब्लड प्रेशर के ये हैं आयुर्वेदिक उपचार इन्हे भी आप आजमाएं – These are the Ayurvedic remedies for high blood pressure in Hindi.

अर्जुन का क्षीरपाक

High BP से निजात पाने के लिए अर्जुन का क्षीरपाक इस्तेमाल कर सकते हैं। क्षीरपाक बनाने के लिए 100 मिली दूध और100 मिली पानी लेते और उसमे अर्जुन वृछ की छाल का 10 ग्राम चूर्ण मिलाते हैं। फिर इसे पकाते हैं, जब सिर्फ दूध बच जाए, मतलब सिर्फ 100 मिली रह जाए तब इसे आंच से उतार कर, ठंडा करके, छान कर इसका सेवन करने से high blood Pressure में रहत मिलती है।

काली मिर्च है लाभदायक

आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अनुसार अगर आपका बीपी अचानक बढ़ जाए तो उस समय आप आधा गिलास पानी में काली मिर्च पाउडर डालकर पीएंगे तो इससे आपके  बढ़ते बीपी में राहत मिलेगी । इसके अलावा काली मिर्च से पाचन संबंधी समस्याएं भी नहीं होती है।

लहसुन है कारगर

लहसुन को ब्लड प्रेशर कंट्रोल का एक बेहतरीन कारक माना जाता है. लहसुन शरीर में कॉलेस्ट्रॉरल के लेवल को balanced में रखना, इम्युनिटी को सुधारना, बालों की देखभाल व स्किन को भी फायदा पहुंचाता है । लहसुन की 2 या 3 कलियों को सवेरे खाली पेट पानी के साथ चबाकर लेना चाहिए। अगर इसेचबाने में दिक्कत लगे तो लहसुन के रस की पांच से छ: बूंद 20 मिली पानी में  मिलकर ले सकते हैं।

प्याज़ करेगा कमाल

प्याज के फायदे तो आपने जरूर सुने होंगे, भारत में इसे ज्यादातर सलाद और सब्जियों में इस्तेमाल किया जाता है.  पर क्या आप जानते हैं कि प्याज खाने से BP control हो जाता है। प्याज में मौजूद क्वेरसेटिन नामक फ्लेवोनॉयड्स तत्व उच्च रक्त चाप को control करने में कारगर है। इससे रक्त वाहिकाएं पतली हो जाती है। यही कारण है कि प्याज का सेवन कर ब्लड प्रेशर कम हो जाता है। 

ये भी पढ़े high BP में क्या करें, क्या करें

अब हम बात करेंगे high blood Pressure के रोगियों को क्या करना चाहिए और किन चीजों से परहेज़ करना चाहिए

  1. सबसे जरूरी है एक schedule बनाना। सोने से लेकर उठने, exercise और योग हर एक चीज़ का समय set करें|
  2. हाइपरटेंशन के मरीजों को रोजाना या हफ्ते में तीन से चार बार पूरे शरीर पर तेल से मालिश करनी चाहिए।

High BP में इन चीज़ों से बचें

  1. हाइपरटेंशन के मरीजों को चिंता, भय और गुस्से से खुद को बचाना है। उन्हें calm एवं खुश रहना चाहिए
  2. Packed food, बासी, ज़्यादा तला हुआ, मिर्च-मसालेदार, ज्यादा नमक वाला खाना और दही का सेवन नहीं करना चाहिए। 

High BP  दिल की बीमारियों से कैसे जुड़ा हुआ है? (Relation Between High BP and Heart Attack)

हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक का क्या संबंध आइए जानते हैं। High BP कई तरह के दिल की बिमारियों का प्रुमख कारण है। कार्डियोवेस्क्युलर cardiovascular बीमारी जैसे हार्ट फेल होना, स्ट्रोक और Heart Attack की वजह से मौत के मामले हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों में अधिक पाए गए हैं। अगर हम बात करें हार्ट अटैक की तो सिस्टॉलिक या डायस्टॉलिक दोनों तरह के BP का बढ़ना एक खतरा है। जितना अधिक  प्रेशर बढ़ता है खतरा उतना अधिक होता है भले ही व्यक्ति को दूसरे problems जैसे डायबिटीज ,स्मोकिंग की आदत, बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल न हो।

हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक कैसे आता है

High Blood Pressure  दिल से जुड़ी धमनियों पर अत्यधिक Pressure बनाता है। समय के साथ इस अत्यधिक दबाव की वजह से धमनियों की दीवारें damage होने लगती हैं। Damage या खाली जगह पर कोलेस्ट्रॉल  जैसी कई तरह की रुकावट और blockage जमने लगती हैं जिससे नशों के अंदर का हिस्सा सकरा हो जाता है। इसके अलावा ब्लड क्लॉट्स या अन्य तरह के जमाव खून को रोकते हैं, जिससे heart तक जरूरी पोषक तत्व और ऑक्सिजन मिलना रूक जाता है। इसकी वजह से इंसान की मौत हो जाती है। यही हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक ( heart attack caused by High BP) आने का कारण बनता है। 

दिल के दौरे के लक्षण (Symptoms of Heart Attack )

हार्ट अटैक एक मेडिकल इमरजेंसी है जिस पर  तत्काल ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि यह किसी भी व्यक्ति को बेहोश कर सकता है और यहां तक कि उसकी मौत भी हो सकती है। हार्ट अटैक में सीने में दर्द के अलावा हाथ में दर्द होता है। वहीं ये दर्द पीठ, गर्दन और जबड़े तक भी पहुंच जाता है। ऐसी condition में घबराहट, सांस अटकना, पेट में दर्द जैसे लक्षण भी एक साथ सामने आते  हैं। कई हार्ट अटैक ऐसे भी होते हैं कि व्यक्ति में किसी भी तरह का कोई लक्षण नजर नहीं आता, लेकिन अच्छी बात ये है कि बहुत सारे लोगों में हार्ट attack आने के कुछ दिन, हफ्ते या महीने पहले ही इसके लक्ष्रण दिखाई देने लगते हैं। हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक का क्या संबंध है ये तो आप समझ ही गए होंगे।

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