जाने बढ़ती उम्र के साथ क्यों होती है मोतियाबिंद की बीमारी । इसके होने के 8 मुख्य कारण, लक्षण और इलाज | Motiyabind Ki Bimari ka Ilaz in Hindi ?

Must Read

Dr. Yogeshwar Krishan Kant
Dr. Yogeshwar Krishan Kanthttp://goodswasthya.com
He is a professional health and medicine blogger having a degree in Doctor of Pharmacy ( PharmD ). Has experience in blogging for health and medicine and its various other aspects. His hobbies include travel, blogging and patient counselling about different type of drug usage.

Age ke Saath kyon Hoti Hai Motiyabind Ki Bimari? Jane Iske Karan, lakshan aur ilaz?

  • यदि आपको दूर या पास की चीज कम दिखाई दे, या फिर आपको गाड़ी ड्राइव करने में समस्या हो या या फिर आपको दूर से किताबें पढ़ने में कोई समस्या हो तो ऐसा भी हो सकता है कि आपकी आंखों में मोतियाबिंद की समस्या उत्पन्न हो गई हो। यदि देखा जाए तो भारत में 90 लाख से भी ज्यादा लोग नेत्रहीन है और प्रत्येक वर्ष मोतियाबिंद के लगभग 20 लाख नए मामले हमारे सामने आते हैं। आजकल के समय में हमारी जीवनशैली के अच्छे ना होने के कारण यह बीमारी हर घर में है। आपकी उम्र 35 से 40 साल तक पहुंचते पहुंचते ही आप कोई बीमारी का सामना करना पड़ जाता है
  • परंतु भारत में प्रतिदिन बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी ने मोतियाबिंद के ऑपरेशन को बहुत ही ज्यादा आसान और प्रभावी बना दिया है। हाल ही में
    World Health Organization
    के आंकड़ों के अनुसार भारत में प्रत्येक वर्ष 25% लोग अपनी आंखें मोतियाबिंद के कारण ही खो देते हैं। और इसका सिर्फ एक ही कारण है और वह कारण है, कि ज्यादातर  गांव के इलाके ऐसे हैं जहां पर लोग अभी भी मोतियाबिंद के ऑपरेशन से जागरूक नहीं हैं, मतलब कि वहां के ज्यादा से ज्यादा लोगों को मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बारे में नहीं पता। इसीलिए काफी अधिक लोग मोतियाबिंद के कारण नेत्रहीन हो जाते हैं।
  • परंतु आपको चिंता करने की कोई बात नहीं है आज हम इस आर्टिकल में आपको मोतियाबिंद के बारे में विस्तार से बताएंगे और आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे कि Motiyabind Kyu Hota Hai तथा Motiyabind Ka Gharelu ilaj और Motiyabind Kya Hota Hai? Motiyabind Operation Cost?

Motiyabind Kya Hota Hai – What is Cataract In Hindi?

  • लेंस हमारी आंख का एक स्पष्ट हिस्सा होता है जो रोशनी या फोटो को Retina पर Focas करने में मदद करता है। रेटिना हमारी आंखों के पिछले भाग पर प्रकाश के प्रति संवेदनशील उतक ( Tissue ) है। नॉर्मल आंखों में, प्रकाश पारदर्शी लेंस से रेटिना तक जाता है। और  जब प्रकाश रेटिना पर पहुंच जाता है तो वह प्रकाश तंत्रिका संकेत ( Nerve Signal ) में बदल जाता है जो मस्तिष्क की तरफ भेजे जाते हैं।
  • यदि आप चाहते हैं कि आपकी आंखों में रेटिना Sharp Image प्राप्त करे तो इसके लिए सबसे पहले यह जरूरी है कि आपकी आंखों के लेंस(Lence) साफ हो। जब लेंस ठीक ढंग से साफ हो जाता है तो लाइट आपकी आंखों के लेंसों से स्पष्ट रूप से नहीं गुजर पाती जिसके कारण जो इमेज आप देखते हैं वह धुंधली हो जाती है। इसी के कारण आंखों की दृष्टि के बाधित होने को मोतियाबिंद या सफेद मोतिया कहां जाता है ।
  • जब मोतियाबिंद के कारण आपकी नजर धुंधली होने लगती है, तो आपको पढ़ने, नजर का काम करने, या फिर कार चलाने (विशेषकर रात के समय) में समस्या आती है।

Motiyabind Kyu Hota Hai – Causes Of Cataracts In Hindi?

  • वैसे Motiyabind Kyu Hota Hai इसके बारे में कोई भी डॉक्टर बिल्कुल साफ आपको नहीं कह सकता कि सिर्फ एक यही वजह है जिसके कारण मोतियाबिंद होता है।
  • परंतु कुछ कारण ऐसे हैं, जिनकी वजह से मोतियाबिंद होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है, अब हम नीचे आपको वही कुछ कारण बताने जा रहे हैं :-

1. उम्र का बढ़ना

  • जब हमारी उम्र 45 से 50 साल के आसपास होने लगती है तो हमारे शरीर को पोषक तत्व ना मिलने के कारण हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है इसीलिए जब रोग प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है तो हमारी आंखों में भी कमी आने लगती है।
  • ज्यादातर लोग बढ़ती उम्र में अपना ख्याल रखना छोड़ देते हैं जिसके कारण उन्हें ऐसी बीमारियों का सामना करना पड़ता है, यदि आप मोतियाबिंद की बीमारी से अपनी आंखों को बचाना चाहते हैं तो आपको बुढ़ापे में भी पौष्टिक आहार का सेवन करना होता है, जो कि हमारे शरीर में सभी पोषक तत्वों की कमी को पूरा करें।

2. डायबिटीज

जब हमें मधुमेह रोग हो जाता है, तो उसके पश्चात भी हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर बहुत फर्क पड़ता है, और हमारे जिसके कारण हमारा शरीर बीमारियों से नहीं लड़ पाता और हमें मोतियाबिंद जैसी बीमारी का सामना करना पड़ जाता है।

3. शराब का सेवन

जब आप शराब का सेवन अत्याधिक मात्रा में करते हैं तो तब भी मोतियाबिंद होने की संभावना ज्यादा रहती हैष क्योंकि शराब में अल्कोहल होता है और अल्कोहल का ज्यादा सेवन हमारे शरीर के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता।

4. Genetic

मोतियाबिंद की बीमारी एक जेनेटिक बीमारी भी हो सकती है।

5. मोटापा

यदि आपके शरीर का वजन अनियंत्रित है तो भी मोतियाबिंद की संभावनाएं काफी अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि मोटापे के कारण हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाती है और जब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा मेरे शरीर में बढ़ती है, तो वह हमारे शरीर में सिर्फ नुकसान ही करती है, इसीलिए मोटापे के कारण भी मोतियाबिंद हो सकता है।

6. आंख में चोट लगना

यदि बचपन में हमारी आंख पर चोट लग जाए तो उसके कारण भी हमें मोतियाबिंद हो सकता है, क्योंकि आंखों पर चोट लगने के कारण भी आंखों को बहुत क्षति पहुंचती है, जिसके कारण मोतियाबिंद होना आम बात है।

7. High Blood Pressure

यदि आपके शरीर में रक्तचाप ( Blood Pressure ) अनियंत्रित हो जाता है, तो उसके पश्चात भी आपको मोतियाबिंद की समस्या का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि यदि आपका ब्लड प्रेशर ज्यादा रहता है तो आपको मोतियाबिंद होने की संभावना ज्यादा रहती है।

8. धूम्रपान

यदि आप धूम्रपान का सेवन कुछ ज्यादा ही करते हैं तो भी आपको मोतियाबिंद हो सकता है  क्योंकि धूम्रपान करने से भी हमारी आंखों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचता है जिसके कारण मोतियाबिंद होना आम बात है, परंतु ऐसा नहीं है की धूम्रपान करने के साथ-साथ ही आपको मोतियाबिंद हो जाएगा यदि आप धूम्रपान का ज्यादा सेवन करते हैं, तो जब आप 35 से 40 साल की उम्र में आएंगे तो आपको उस समय मोतियाबिंद होने की संभावना 95% है।

मोतियाबिंद के लक्षण – Symptoms of cataract?

  • वैसे तो जब मोतियाबिंद की शुरुआत होती है, तो शुरुआत में इतना कुछ ज्यादा असर हमारी आंखों पर नहीं पड़ता, परंतु समय के साथ साथ यह हमारी आंखों पर अपना पूरा असर दिखाना शुरू कर देता है जैसे कि :-
  • यदि आपको ज्यादातर सभी चीजें ढूंढ ली दिखाई देती हैं, और यदि रात में वह और भी ज्यादा दुबली हो जाती है, तो भी यह मोतियाबिंद का लक्षण हो सकता है।
  • यदि किसी बुजुर्ग व्यक्ति की पास की दृष्टि लगातार कम होती जा रही है, तो उस व्यक्ति को मोतियाबिंद हो सकता है, क्योंकि ज्यादातर  बुजुर्ग लोगों में  मोतियाबिंद के यही लक्षण देखे जाते हैं।
  • हमारी आंखों का लेंस 1 फिल्टर की तरह काम करता है, यदि आपकी आंखों के रंगों को देखने की क्षमता कम हो रही है तो यह भी मोतियाबिंद का लक्षण हो सकता है।
  • रात में ड्राइविंग करने में परेशानी आना जैसे कि दूसरी गाड़ियों की रोशनी के कारण हमारी आंखें चैंधिया जाना।
  • यदि आपके चश्मे के नंबर में कुछ ज्यादा ही बढ़ोतरी हो रही है, तो भी  ऐसा हो सकता है, कि आपको मोतियाबिंद हो गया हो क्योंकि मोतियाबिंद में भी हमारी आंखों का नंबर  काफी जल्दी बढ़ता रहता है।

MotiyaBind Se Bachne Ke Upay?

  • यदि आप मोतियाबिंद की बीमारी से बचना चाहते हैं, तो आपको अपनी आंखों का बहुत ज्यादा ध्यान रखना होता है क्योंकि मोतियाबिंद की बीमारी आंखों का ध्यान ना रखने के कारण ही होती है, इसीलिए आपको समय-समय पर अपनी आंखों की जांच करवानी चाहिए।
  • यदि आपको चश्मा लगा हुआ है तो आपको हर महीने अपनी आंखों की जांच अवश्य करानी चाहिए, क्योंकि इसके कारण आपको यह पता लगता रहता है कि आपकी आंख का कितनी दृष्टि कम है, और आप ऐसे में सही उपचार भी कर पाते हैं जिससे मोतियाबिंद की बीमारी का खतरा कम हो जाता है।
  • यदि आपको डायबिटीज या फिर कोई और स्वास्थ्य से संबंधित बीमारी है, तो आपको उसका उपचार ठीक ढंग से कराना चाहिए, क्योंकि बीमारी का सही उपचार ना होने के कारण, वह बीमारी हमारे शरीर में समस्याएं पैदा करती है जिनमें से एक मोतियाबिंद है।
  • धूम्रपान तथा शराब का सेवन आपको ज्यादा नहीं करना चाहिए, क्योंकि तंबाकू का ज्यादा सेवन आपके लिए हानिकारक होता है।
  • यदि आप अपनी आंखों का ठीक ढंग से देखभाल रखना चाहते हैं, तो आपको हरी सब्जियों का उपयोग खाने में ज्यादा करना चाहिए क्योंकि हरी सब्जियों में वह सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कि हमारे शरीर को चाहिए।

मोतियाबिंद होने पर किन बातों का ध्यान रखें? -Things to Take Care in Cataract

यदि आपके घर में किसी को मोतियाबिंद है, या फिर आपको हैं तो जब तक डॉक्टर आपको ऑपरेशन करने का नहीं बोल रहा है, तो तब तक आपको कुछ बातों का नियमित रूप से ध्यान रखना चाहिए जिनसे की मोतियाबिंद नियंत्रण में रहेगा :-

  • सबसे पहले तो यदि आपको चश्मा लगा हुआ है, तो आपको बिल्कुल सही नंबर का चश्मा लगाना चाहिए जिसके कारण मोतियाबिंद नियंत्रण में रहता है।
  • यदि आप कुछ पढ़ रहे हैं और आपको वह पढ़ने के लिए कुछ ज्यादा ही प्रकाश की आवश्यकता है, तो आपको Magnifying Glass का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए, क्योंकि मोतियाबिंद के समय आंखों पर ज्यादा प्रकाश पड़ने के कारण मोतियाबिंद की बीमारी और भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है, इसलिए जितना हो सके उतना प्रकाश से बचें।
  • आप रात में कभी भी ड्राइविंग ना करें, क्योंकि मोतियाबिंद के रोगियों को रात में ड्राइविंग करने से और भी ज्यादा दिक्कत हो सकती है, इसके अतिरिक्त दिन में जब भी आप बाहर जाएं तो Sun Glasses का इस्तेमाल जरूर करें, क्योंकि इसके कारण आपकी आंखों पर ज्यादा असर नहीं पड़ता।

मोतियाबिंद का ऑपरेशन कब करवाएं – When to get the Surgery of Cataract Done ?

  • जब मोतियाबिंद के कारण आपको परेशानियों का सामना करना पड़ता है तो फिर आपको जल्द से जल्द मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवा लेना चाहिए, आपको बिल्कुल भी इंतजार नहीं करना चाहिए कि जब मोतियाबिंद पके का तो हम तब इसका इलाज करवाएंगे क्योंकि मोतियाबिंद के पकने पर हमें और भी ज्यादा बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
  • ज्यादा तोहर दोनों आंखों की सर्जरी कभी भी एक साथ नहीं की जाती, इसलिए आप एक-एक करके भी अपनी आंखों का Motiyabind Ka Operation करवा सकते हैं।

Motiyabind or Cataract Conclusion

हम आशा करते हैं कि आपको Motiyabind Ke Baare Me Jankari मिल गई होगी, हमने आपको इस पोस्ट के माध्यम से मोतियाबिंद के बारे में विस्तार से सभी जानकारियां दी है, जैसे कि Motiyabind Kyu Hota Hai तथा Motiyabind Se Bachne Ke Upay यदि अब भी मोतियाबिंद से संबंधित कोई भी प्रश्न आपके मन में है, तो आप हमसे कमेंट सेक्शन में इस प्रश्न को अवश्य पूछे हम आपको उसका जवाब जरूर देंगे। धन्यवाद

लेटेस्ट लेख

Low Ejection Fraction: लो इजेक्शन फ्रैक्शन क्या है? जानिए लो इजेक्शन फ्रैक्शन के लक्षण एवं बचाव

Low Ejection Fraction: लो इजेक्शन फ्रैक्शन क्या है? जानिए लो इजेक्शन फ्रैक्शन के लक्षण एवं बचाव

More Articles Like This