हम उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कोरोना कब खत्म होगा और यह कोरोना की लहर दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है। भारत कोरोनावायरस की दूसरी लहर से परेशान है। इस खतरनाक बीमारी को दूर करने का केवल एक ही उपाय है- वैक्सीनेशन अभियान। इसी दौरान आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन ने टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए बुधवार को केंद्र सरकार को पत्र लिखा और उस से अनुरोध किया कि मैं राज्यों को टीका खरीदने की अनुमति प्रदान करें जो प्राइवेट हॉस्पिटलों द्वारा नहीं लिए गए।
उस पत्र में पीएम मोदी को संबोधित करते हुए वाईएस जगन मोहन ने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों में केवल 267075 लाभार्थियों को अब तक टीका लगाया जा चुका है। और 1771580 खुराक जुलाई में निजी अस्पतालों के लिए निर्धारित किया गया है।
आंध्र प्रदेश ने अब तक 18,392,496 लाभार्थियों को वायरल बीमारी के खिलाफ टीका लगाया है, जिनमें से 14,395,900 को पहली खुराक मिली है और शेष 3,996,596 को दोनों खुराक मिली हैं। पिछले महीने, राज्य ने 20 जून को एक दिन में 1.37 मिलियन से अधिक खुराक देने का रिकॉर्ड बनाया था।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने शुक्रवार को अपनी मांग दोहराते हुए कहा केंद्र पर प्राइवेट अस्पतालों से कोरोनावायरस बीमारी के खिलाफ प्रयुक्त टीके की खुराक के संबंध में आवश्यक कदम उठाने चाहिए। और टीकाकरण अभियान को तेज करने की ओर ध्यान देना चाहिए।
जगनमोहन रेड्डी ने अपने पत्र में यह भी लिखा कि प्राइवेट अस्पतालों में भी अधिक से अधिक वैक्सीन उपलब्ध कराए जाएं। और टीकाकरण अभियान के क्रियान्वयन में सरकार द्वारा मदद दी जाए। पिछले अनुभव से प्राइवेट अस्पतालों में टिको की मांग और अधिक बढ़ गई।
आपको यह भी बता दें कि आंध्र प्रदेश की सरकार द्वारा 13.72 लाख 20 जून को, 6.32 लाख 14 अप्रैल को और 5.79 लाख 27 मई को से अधिक टीकाकरण के लिए टीकाकरण के क्षमता का प्रदर्शन किया गया। राज्य सरकार द्वारा यह भी अनुरोध किया गया इस प्रदर्शन को आसानी से दोहराया जा सकता है। जितनी अधिक टीचर की खुराक उपलब्ध कराई जाएगी उतनी सी जल्दी हम कोरोना से लड़ने के लिए सक्षम हो सकेंगे। हमारा देश वर्तमान में दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के दौर से गुजर रहा है, इस विषय में राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जल्द ही निर्णय लेने का आग्रह किया।
केंद्र सरकार द्वारा एक नई टीकाकरण नीति तय की गई जिसके मुताबिक सभी टीको के 75% टीके को राज्यों में मुफ्त वितरित किया जाएगा। और बाकी बचे टीके को निजी अस्पतालों द्वारा खरीदा जा सकता है।।
इसके अलावा वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने प्राइवेट अस्पतालों में लिए गए टीके की खुराक से मरीजों से मनमानी कीमत वसूलने का आरोप लगाया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र में लिखते हुए कहा कि प्राइवेट अस्पताल 2000 से 25000 तक कोविड-19 की वैक्सीन की कीमत ले रहे हैं जो कि दुनिया में मिलने वाले सबसे महंगे टीके की खुराक हो में से एक हैं।
उनके द्वारा यह अनुरोध किया गया कि टीका सभी आम जनता को एक समान मूल्य पर या फिर नैतिक रूप से निशुल्क उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री द्वारा कहा गया कि जब 45 से अधिक आयु वर्ग के लिए कोरोनावायरस के टीके की आपूर्ति नहीं हो पा रही है तथा इस बात की भी कोई खास संभावना नहीं है कि अगले कुछ समय में 18 से 44 आयु वर्ग के लिए निशुल्क टीकाकरण दिया जाएगा या फिर नहीं। ऐसी स्थिति में प्राइवेट अस्पतालों को मनमानी कीमत पर सभी आयु के लोगों को टिका देना सही बात नहीं है।
रेड्डी ने स्पष्ट किया कि इसके कारण समाज में आर्थिक अब से कमजोरी तो आएगी ही साथ ही साथ पीछे की कालाबाजारी का खतरा भी बढ़ सकता है। मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया टीके की खुराक पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराए जाएं।