कलर ब्लाइंडनेस या वर्णान्धता क्या है – जानिए कलर ब्लाइंडनेस के कारण, लक्षण, बचाव तथा घरेलू इलाज? | What is Color blindness Its Causes, Symptoms, Prevention, Diagnosis, Home Remedies and Best Treatments in Hindi

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Dr. Arti Sharma
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Dr. Arti Sharma is a certified BAMS doctor with at least 2 years of article writing experience on various medication and therapeutic lines. She is known for her best work in ayurvedic medication knowledge and there uses. Her hobbies including reading books and writing articles. With a good grip in sports, she uses to play for her university cricket team as a captain. Her work for ayurvedic is well known.डॉ आरती शर्मा एक प्रमाणित BAMS डॉक्टर है जिन्हे कम से कम 2 साल का विभिन्न दवाइयों और चिकित्सीय रेखाओं पर लेखन का अनुभव है। वह आयुर्वेदिक दवाओं के ज्ञान और उनके उपयोग में अपने बेहतरीन काम के लिए जानी जाती हैं। उनका शौक किताबें पढ़ना और लिखना है। खेलों में अच्छी पकड़ के साथ, वह एक कप्तान के रूप में अपनी विश्वविद्यालय क्रिकेट टीम के लिए खेल चुकी हैं। आयुर्वेद के क्षेत्र में उनका काम अच्छी तरह से जाना जाता है।
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कलर ब्लाइंडनेस या वर्णान्धता क्या है – जानिए कलर ब्लाइंडनेस के कारण, लक्षण, बचाव तथा घरेलू इलाज? | What is Color blindness Its Causes, Symptoms, Prevention, Diagnosis, Home Remedies and Best Treatments in Hindi

आंखें हमारे शरीर का सबसे ज्यादा नाजुक हिस्सा होता है, इसीलिए हमें हमेशा आंखों की सबसे ज्यादा देखभाल करनी पड़ती है, क्योंकि जरा सी भी लापरवाही के कारण हमारी आंखों की रोशनी तक जा सकती है। इसीलिए आंखों से संबंधित किसी भी समस्या को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

वैसे तो बढ़ती उम्र के कारण आंखों से संबंधित बहुत ही समस्याएं देखी जाती हैं जैसे कि मोतियाबिंद होना,आंखों में सूजन रहना या फिर आंखों की दृष्टि कम होना बहुत ही बीमारियां हो सकती है परंतु कुछ बीमारियां ऐसी होती है, जो बहुत ही कम लोगों को होती है, परंतु यह बीमारियां बहुत ही खतरनाक होती है। जैसे कि  कलर ब्लाइंडनेस ( Color blindness ) हैं। यह बीमारी महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादातर होती है।

हम आपको बता दें यदि किसी भी व्यक्ति को यह बीमारी होती है, तो उस व्यक्ति को दिखाई देने वाले रंग बाकी आप लोगों के दिखने में काफी अलग होते हैं और बहुत बार तो इस बीमारी से जूझ रहा व्यक्ति कलर की पहचान ही नहीं कर पाता। आज हम इसी बीमारी के विषय में डिटेल में बात करेंगे कि :-

  • कलर ब्लाइंडनेस क्या है – What Is  Color blindness In Hindi ?
  • आंखों में कलर ब्लाइंडनेस के क्या लक्षण होते हैं –  Symptoms Of Color Blindness In Hindi ?
  • आंखों में कलर ब्लाइंडनेस किन कारणों से होती है – Causes Of Color blindness In Hindi ?
  • कलर ब्लाइंडनेस से बचने के लिए क्या करें – Prevention Of Color blindness In Hindi ?
  • कलर ब्लाइंडनेस का निदान – Diagnosis Of Color Blindness In Hindi ?
  • कलर ब्लाइंडनेस के घरेलू उपचार – Home Remedies For Color blindness In Hindi ?
  • कलर ब्लाइंडनेस के जोखिम कारक क्या है – What Are the Risk Factors Of Color Blindness ?
Color blindness kya hai | what is color blindness in hindi |

कलर ब्लाइंडनेस क्या है – What Is  Color blindness In Hindi ?

कलर ब्लाइंडनेस को हिंदी में रंग अंधापन भी कहा जाता है, लेकिन आमतौर की भाषा में लोग इसे कलर ब्लाइंडनेस ही कहते हैं। यदि यह रोग किसी भी व्यक्ति को हो जाता है, तो उस व्यक्ति को रंगों की पहचान करने में बहुत ही दिक्कत होती है। दूसरे लोगों की अपेक्षा वह व्यक्ति रंगों की पहचान बिल्कुल भी नहीं कर पाता, वैसे यह एक घातक बीमारी तो नहीं है, परंतु इस बीमारी के कारण व्यक्ति की जीवन शैली पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है। क्योंकि वह कोई भी रंग नहीं पहचान पाता। कलर ब्लाइंडनेस से पीड़ित लोग रंगों के बीच का अंतर बिल्कुल भी नहीं समझ पाते, उन्हें सब रंग एक समान ही दिखते हैं।

ज्यादातर जो भी व्यक्ति इस बीमारी का शिकार होता है, तो उसे सभी रंग काले या सफेद ही दिखाई देते हैं यह कैसी बीमारी है जो महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक पाई जाती है। जिन लोगों को यह बीमारी गंभीर रूप से हो चुकी होती है, तो उन्हें इस बीमारी में ज्यादातर लाल तथा हरे रंग को तो बिल्कुल भी नहीं पहचान पाते इसके अतिरिक्त यदि इस बीमारी का असर थोड़ा है, तो व्यक्ति मिले तथा पीले रंगों के बीच का अंतर बिल्कुल भी नहीं समझ पाता।

आंखों में कलर ब्लाइंडनेस के क्या लक्षण होते हैं –  Symptoms Of Color Blindness In Hindi ?

आंखों में कलर ब्लाइंडनेस के लक्षण ज्यादातर तो इतने हल्के होते हैं, कि आप उन्हें शुरुआती लक्षणों में तो आसानी से नहीं पहचान सकते जैसे कि :-

  • शुरुआती लक्षणों में आपको जल्दी जल्दी आकर ही लाने तथा प्रकाश में जाने से आंखें मिचलाना जैसी समस्या हो सकती है, अगर आप को प्रकाश में जाते ही रंगों की पहचान करने में परेशानी हो रही है, तो वह भी इसी बीमारी का लक्षण है।
  • यदि आपको नीले और पीले रंग को पहचानने में दिक्कत हो रही है, तो भी आपको यह बीमारी हो सकती है, क्योंकि यह बीमारी का शुरुआती लक्षण है।
  • यदि आप लाल तथा हरे रंग को बिल्कुल भी नहीं पहचान पा रहे हैं तो हम आपको बता दें, कि इस बीमारी का मुख्य लक्षण है इस परिस्थिति में आपको तुरंत ही जांच करानी चाहिए।
  • जब इस बीमारी की शुरुआत होती है तो व्यक्ति धीरे-धीरे रंगों की पहचान होने लगता है और एक समय ऐसा आता है कि उसे सभी रंग सिर्फ सफेद तथा काले रंग के ही नजर आते हैं। इसीलिए अगर आंखों की समय-समय पर जांच होती रहे तो इस बीमारी से बचा भी जा सकता है, क्योंकि शुरुआत में यदि हमें रंगों के बीच में फर्क दिख रहा है, तो हमें उसकी आदत भी हो जाती है और इस बीमारी के बारे में पता भी नहीं लगता।

आंखों में कलर ब्लाइंडनेस किन कारणों से होती है – Causes Of Color blindness In Hindi ?

इस बीमारी के बहुत से कारण होते हैं जैसे कि :-

  • हम आपको बता दें कि, यह एक अनुवांशिक ( Genetic ) रोग भी हो सकता है। क्योंकि बहुत बीमारियां ऐसी होती हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है। मतलब कि यदि आपके पूर्वजों को यह बीमारी होती आ रही है, तो हो सकता है कि यह बीमारी आपको भी हो इसीलिए यह भी इस बीमारी का मुख्य कारण है।
  • इस बीमारी का दूसरा कारण यह भी हो सकता है कि, अगर आपको कभी आंखों के ऊपर चोट लगी है, जिससे आपकी आंखों या मस्तिष्क को गहरा नुकसान पहुंचा है तो इसके कारण भी यह बीमारी आपको हो सकती है।
  • यदि आपको अल्जाइमर डायबिटीज एनीमिया या फिर कोई गंभीर बीमारी है, तो उसके कारण भी यह रोग आपको आसानी से हो सकता है।
  • यदि कोई व्यक्ति मस्तिष्क से संबंधित किसी भी मारी की कोई दवाई खाता है और वह यदि इस दवाई की ओवरडोज खा लेता है, तो उसके कारण भी उस व्यक्ति को यह बीमारी हो सकती है।
  • उम्र बढ़ने के साथ-साथ भी यह बीमारी व्यक्ति को हो सकती है। क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ-साथ व्यक्ति के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है और इसके अतिरिक्त बुढ़ापे में व्यक्ति की आंखें कमजोर हो जाती है, जिसकी वजह से यह रोग हो सकता है।
  • यदि कभी कोई व्यक्ति किसी रसायन के संपर्क में आता है, तो रसायन के दुष्प्रभाव के कारण भी यह रोग व्यक्ति को हो सकता है।
Color blindness symptoms | आंखों में कलर ब्लाइंडनेस किन कारणों से होती है - Causes Of Color blindness In Hindi ?

कलर ब्लाइंडनेस से बचने के लिए क्या करें – Prevention Of Color blindness In Hindi ?

  • वैसे तो Color blindness बीमारी से बचने के लिए कोई खास तरीका नहीं है, फिर भी हम आपको बता दें कि, अगर आपको कलर पहचानने से संबंधित कोई भी लक्षण दिखता है या फिर जो लक्षण हमने आपको बताए हैं उनमें से कोई लक्षण आपको दिखता है, तो आप तुरंत ही डॉक्टर के पास जाकर इस बीमारी की जांच करवा सकते हैं।
  • इसके अतिरिक्त हम आपको बता दें कि, इस बीमारी से बचने के लिए आपको समय-समय पर अपनी आंखों का चेकअप कराते रहना चाहिए। क्योंकि अगर हम समय-समय पर आंखों की जांच कराते रहते हैं, तो इसके कारण आंखों से संबंधित होने वाली बीमारियों के बारे में तुरंत ही पता लगाया जा सकता है।
  • हम आपको बता दें कि जरूरी नहीं है कि यह बीमारी अधिक उम्र के लोगों को ही होती है हम आपको बता दें कि, यह बीमारी किसी को भी हो सकती है आज के समय में तो बच्चों में भी इस बीमारी के लक्षण दिखने लगे हैं, इसीलिए अपनी तथा बच्चों की आंखों को हर 2 से 3 महीने में एक बार जरूर चेक कराएं।
  • यदि आपको कभी भी आंखों में दर्द होता है या फिर आंखों में सूजन होती है या आंखों से संबंधित कोई और बीमारी महसूस होती है तो बिल्कुल भी अनदेखा ना करें और तुरंत ही डॉक्टर की सलाह ले।

कलर ब्लाइंडनेस का निदान – Diagnosis Of Color Blindness In Hindi ?

अगर आपको रंगों को देखने में परेशानी होती है, तो आपको तुरंत ही नेत्र चिकित्सक के पास जाना चाहिए और अपनी परिस्थिति के बारे में बताना चाहिए, फिर नेत्र चिकित्सक आपकी आंखों का तुरंत ही परीक्षण करेगा और उस परीक्षण के दौरान वह आपको अलग-अलग रंगीन डॉट्स ( Dot’s ) से बने बहुत से डिजाइन ( Design ) भी दिखाएगा, जिनमें से एक अलग रंग में नंबर या आकार छिपा होगा जिसे आपको पहचानना होगा। यदि आप उसे पहचानने में असफल हो जाते हैं, तो फिर उसके पश्चात डॉक्टर आपको इलाज की सलाह देगा और तुरंत ही इलाज के बारे में भी बताएगा।

कलर ब्लाइंडनेस का इलाज – Treatment Of Color Blindness ?

वैसे तो ज्यादातर कलर ब्लाइंडनेस हो जाने वाले लोगों का इलाज निश्चित नहीं किया गया है परंतु यदि आपको कलर ब्लाइंडनेस किसी दवाई के साइड इफेक्ट या फिर किसी चोट लगने के कारण हुआ है तो इसका इलाज किया जा सकता है, हम आपको बता दें की Color blindness के इलाज में डॉक्टर के द्वारा आपको चश्मा या रंगीन कांटेक्ट लेंस के ऊपर रंगीन फिल्टर पहनने को कहा जाता है। जिसकी सहायता से आप सही रंगों की पहचान करने में सक्षम हो सकते हैं परंतु हम आपको एक बात बता दें, कि आप लेंस या चश्मे की सहायता से रंगों को तो अच्छी तरह देख पाएंगे, परंतु इनकी सहायता से आपकी देखने की क्षमता में बिल्कुल भी सुधार नहीं होगा।

कलर ब्लाइंडनेस के घरेलू उपचार – Home Remedies For Color blindness In Hindi ?

कलर ब्लाइंडनेस होने पर आप बहुत से घरेलू उपाय भी आजमा सकते हैं, जो कि आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकते हैं जैसे कि :-

  • घरेलू इलाज के तौर पर आप रंगीन वस्तुओं को क्रम में याद करके भी रख सकते हैं जैसे कि ट्रैफिक लाइट भी क्रम में याद कर सकते हैं, रंगीन वस्तुओं को लेबल करें, जिनको आप अन्य वस्तुओं के साथ मेल खाना चाहते हो।
Color blindness ka ilaz kya hai ? | कलर ब्लाइंडनेस के घरेलू उपचार - Home Remedies For Color blindness In Hindi ?
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  • घरेलू इलाज के तौर पर Color blindness के मरीज अपने कपड़ों का चयन करने के लिए अच्छी दृष्टि वाले व्यक्ति की सहायता ले और उसको लेबल करने में मदद करें और आप अपने कपड़ों को अपनी अलमारी या दराज में व्यवस्थित ढंग से ही रखें , जिससे कि आप अपने कपड़ों की सहायता से रंगों की पहचान कर सकें।
  • इसके अतिरिक्त यदि आप एंड्रॉयड मोबाइल फोन इस्तेमाल करते हैं, तो डिजिटल उपकरणों के लिए बहुत सी एप्लीकेशन है, जिन्हें आप अपने मोबाइल में डाउनलोड कर सकते हैं और इन की सहायता से भी आपको रंगों की पहचान करने में काफी सहायता मिलेगी।

यह भी पढ़े :- Black Fungus ब्लैक फंगस क्या है जानिए ब्लैक फंगस के लक्षण कारण तथा उपचार ?

कलर ब्लाइंडनेस के जोखिम कारक क्या है – What Are the Risk Factors Of Color Blindness ?

यह एक ऐसी बीमारी है जो आमतौर पर महिलाओं की अपेक्षा में पुरुषों को काफी ज्यादा होती है। इस बीमारी का सबसे अधिक खतरा पुरुषों को ही होता है परंतु हम आपको बता दें, कि यह बीमारी ज्यादातर पुरुषों को नहीं होती, आप मान कर चलिए कि 10 पुरुषों में से किसी एक पुरुष को यह बीमारी हो सकती है, परंतु हम आपको बता दें की इसमें आपको बहुत से जोखिमों का सामना भी करना पड़ सकता है जैसे कि :-

  • अल्जाइमर रोग
  • मधुमेह
  • आंख का रोग
  • पार्किंसंस बीमारी
  • ल्यूकेमिया

Color Blindness Conclusion :-

आशा है कि आप को कलर ब्लाइंडनेस की बीमारी से संबंधित हमारी यह पोस्ट काफी पसंद आई होगी इस पोस्ट के द्वारा हमने आपको Causes Of Color Blindness In Hindi तथा Symptoms Of Color Blindness In Hindi के बारे में बताया है। ईसी के साथ-साथ हमने आपको Color Blindness Ke Gharelu Upay भी बताए हैं जिनसे कि आप इसका घर पर भी थोड़ा बहुत इलाज कर सकते हैं। अगर कलर ब्लाइंडनेस बीमारी से संबंधित कोई भी प्रश्न आपको अभी हम से पूछना है, तो कमेंट सेक्शन में कमेंट करके आप पूछ सकते हैं। धन्यवाद

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