हेपेटाइटिस ई क्या है – जानिए हेपेटाइटिस ई के लक्षण, कारण और इलाज? | What is Hepatitis E in Hindi its causes, Symptoms and Best Treatments

Must Read

Dr. Pranav Bhardwaj
Dr. Pranav Bhardwajhttp://goodswasthya.com
Pranav Bhardwaj has been in health blogging for the last couple of years with writeups for different magazines and articles. He holds a Doctor of Pharmacy ( PharmD ) degree and having experience in drug administration and control drug delivery system. His hobbies include Reading magazines, Netflixing. Pranav is a very calming person and you will always enjoy his company and is a charm to talk to.

हेपेटाइटिस ई क्या है – जानिए हेपेटाइटिस ई के लक्षण, कारण और इलाज? | What is Hepatitis E in Hindi its causes, Symptoms and Best Treatments

आपने लीवर की बहुत सी बीमारियों के बारे में सुना होगा अक्सर जब हम अपनी सेहत का अच्छा ध्यान नहीं रखते तो फिर हमें बहुत सी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है जिनमें से लीवर भी एक है लीवर हमारे शरीर का मुख्य भाग होता है यह है हमारे शरीर में खून को फिल्टर करता है यदि हमारे शरीर में लीवर ही सही ढंग से काम ना करें तो फिर इसके कारण हमें बहुत सी बीमारियां भी हो सकती हैं

आज हम आपको एक ऐसी बीमारी के बारे में बताएंगे जिसका नाम है हेपेटाइटिस ई।  यह एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है किस बीमारी के कारण मृत्यु भी आसानी से हो सकती है आज की इस आर्टिकल में हम यही जानेंगे कि

  • Hepatitis E Kya Hota Hai?
  • Hepatitis E Ke Lakshan?
  • Hepatitis E Ke Karan?
  • Hepatitis E Se Bachne Ke Upay?
  • Hepatitis E ka Diagnosis?
  • Hepatitis E Ka ilaj?
  • Hepatitis E Ki Roktham?

Hepatitis E Kya Hai – What Is Hepatitis E In Hindi?

हेपेटाइटिस लीवर संक्रमण से संबंधित एक रोग होता है, यह संक्रमण मुख्य तौर पर हेपेटाइटिस ई वायरस ( एचआईवी ) के कारण होता है, इस संक्रमण के कारण हमारे लिवर में बहुत ज्यादा सूजन हो जाती है, परंतु हेपेटाइटिस ई के कुछ रोगी तो कुछ ही महीनों में ठीक हो जाते हैं यह बीमारी अन्य हेपेटाइटिस रोग की तरह नहीं हैष यह काफी लंबे समय तक नहीं चलती और ना ही इसके कारण हमारे शरीर में लीवर को कुछ ज्यादा नुकसान पहुंचता है, हालांकि गर्भवती महिलाओं तथा उम्रदराज लोगों के लिए यह रोग खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि उम्रदराज लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिसके कारण उनका शरीर रोगों से नहीं लड़ पाता।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार प्रत्येक वर्ष दुनिया भर में हेपेटाइटिस ई के संक्रमण के लगभग 20 मिलियन मतलब कि 2 करोड मामले सामने आते हैं, और साल 2015 के आंकड़ों के अनुसार हेपेटाइटिस ई के कारण ही 44000 लोगों की मौत हुई थी। यह वायरस लोगों को दूषित पेयजल के माध्यम से संक्रमित कर सकता है, और यह वायरस से संक्रमित व्यक्तियों के माल में भी पाया जाता है।

Hepatitis E symptoms in Hindi

Hepatitis E Ke Lakshsn – Symptoms of Hepatitis E In Hindi?

जब हम एचआईवी के संपर्क में आते हैं, तो उसके पश्चात इनक्यूबेशन की अवधि सामान्य तौर पर 5 से 6 हफ्तों की होती हैं और इनक्यूबेशन का मतलब यह है, कि वायरस के संपर्क में आने के पश्चात पहली बार लक्षण दिखाई देना ज्यादातर 15 से 40 वर्ष की आयु के लोगों पर इस संक्रमण का खतरा ज्यादा बना रहता है, या फिर जिन लोगों की शिक्षा प्रणाली काफी खराब होती है उन लोगों में भी इस प्रकार की बीमारी का खतरा बना रहता है, चलिए अब हम आपको Hepatitis E Ke Lakshan In Hindi बता देते हैं, ताकि आप इस प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत ही किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह ले सके :-

  • यदि आपकी शरीर की त्वचा पीली पड़ जाती है, तो यह भी Hepatitis E के ही लक्षण है क्योंकि Hepatitis E में भी आपकी त्वचा पीली पड़ती है, और आंखें भी पीली पड़ जाती हैं जैसे कि पीलिया रोग में होती है।
  • इस रोग के लक्षण के रूप में आप के पेशाब का रंग गहरा पीला भी हो सकता है। और इसके साथ साथ आप को पेशाब करते समय बहुत ज्यादा जलन भी हो सकती है।
  • यदि आपके जोड़ों में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है या फिर बहुत ज्यादा थकान महसूस हो रही है, और मांसपेशियों में भी बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है तो यह भी इसी बीमारी के लक्षण है, इसलिए इस प्रकार के लक्षण करने पर तुरंत ही चेकअप कराएं।
  • इस बीमारी के लक्षण के रूप में आपको भूख ना लगना पेट में दर्द होना तथा जी मचलना या फिर उल्टी आना ऐसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
  • यदि इस बीमारी के लक्षणों पर आप ध्यान नहीं देते हैं, तो उसके कारण आपका लीवर फेल भी हो सकता है और लीवर बढ़ना भी इसी बीमारी का लक्षण है, इसीलिए यदि आपको इस बीमारी का कोई भी लक्षण अपनी शरीर में दिखता है, तो आपको तुरंत ही जांच करा लेनी चाहिए।

Hepatitis E Ke Karan – Causes Of Hepatitis E In Hindi?

इस बीमारी के बहुत से कारण हो सकते हैं जो कि इस प्रकार हैं :-

इस बीमारी का संक्रमण मुख्य रूप से मल के माध्यम से ही फैलता है, यदि संक्रमित व्यक्ति के मल के संपर्क में आने वाली चीजों को खाने-पीने से यह संक्रमण दूसरे लोगों में भी आसानी से फैल सकता है, ज्यादातर जो लोग खाना खाने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह नहीं होते तो इस प्रकार के लोगों में इस बीमारी का मुख्य कारण यही होता है, कि वह स्वच्छ नहीं रहते।

कुछ लोग अक्सर रेलवे स्टेशन तथा बस स्टैंड पर पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करते हैं, परंतु वह पब्लिक टॉयलेट में दरवाजों को हाथ लगाते हैं, परंतु उसके पश्चात वह अच्छे से हाथ नहीं होते हैं जिसके कारण आप इस वायरस के संक्रमण में आ जाते हैं।

इसके अतिरिक्त यदि किसी जानवर का सेवन करते हैं, और वह अच्छे से नहीं पका हुआ तो इस प्रकार भी आप इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।

इसके अलावा यदि आपके शरीर में कभी भी खून की कमी हो जाती है, या फिर आप के एक्सीडेंट के कारण खून बह जाता है, तो उस परिस्थिति में डॉक्टर आपको अलग से खून चढ़ाता है यदि संक्रमित व्यक्ति के खून आपके शरीर में चढ़ा दिया जाए, तो इस कारण भी आप इस बीमारी से संक्रमित हो सकते हैं और यदि किसी गर्भवती महिला को यह रोग है, तो फिर उस महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे को भी यह रोग हो सकता है।

यह भी पढ़े Jaundice या पीलिया क्या होती है ? जानिए इसके कारण , लक्षण , निदान , इलाज, बचाव और 3 घरेलु टिप्स ? | What is Jaundice ?

हेपेटाइटिस ई का निदान – Diagnosis Of Hepatitis E ?

यदि आप इस बीमारी के निदान के लिए डॉक्टर के पास जाते हैं, तो डॉक्टर पहले आपसे आपकी मेडिकल हिस्ट्री तथा रोगों के लक्षण के बारे में भी पूछते हैं, क्योंकि इस प्रकार की बीमारी के विभिन्न रोबो में अंतर कर पाना बहुत ही मुश्किल होता है और यही कारण है, कि डॉक्टर के द्वारा इस बीमारी का निदान करना काफी कठिन हो जाता है।

हेपेटाइटिस के संक्रमण की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर आपका ब्लड टेस्ट तथा यूरीन टेस्ट कराने की सलाह देता है, क्योंकि खून की जांच के द्वारा ही रक्त में मौजूद वायरस का पता लगाया जा सकता है क्योंकि जितने भी तरह के वायरस हैं, वह हमारे खून के माध्यम से ही शरीर में रहते हैं।

Hepatitis E causes in Hindi
image sources: https://www.canva.com/

Hepatitis E Ka ilaj – Treatment Of Hepatitis E In Hindi?

कुछ मामलों में तो यह देखने को मिलता है, कि Hepatitis E का संक्रमण लगभग 4 से 6 हफ्तों में खुद ही ठीक हो जाता है, परंतु संक्रमण के दौरान यदि हम कुछ उपाय का प्रयोग करें, तो हमें बहुत लाभ हो सकता है जैसे कि :-

  • यदि हमें इस बीमारी के लक्षण अपने शरीर में दिख रहे हैं। तो फिर आपको ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए क्योंकि जितना ज्यादा आप आराम करेंगे उतना ही आपके लिए अच्छा रहेगा क्योंकि आमतौर पर इस बीमारी में बहुत ज्यादा थकान होती है, जिसके कारण पूरा शरीर दर्द करता है।
  • आपको पोस्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। क्योंकि पोस्टिक आहार का सेवन करने से हमारे शरीर में सभी पोषक तत्वों की पूर्ति होती रहती है, और यदि हम जरूरी पोषक तत्वों का सेवन करते हैं तो इससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी काफी बेहतर बनती है, जिसके कारण हमारा शरीर रोगों से लड़ पाता है।
  • आपको बहुत ज्यादा पानी पीना चाहिए, ज्यादा नहीं तो 8 से 10 गिलास पानी तो आपको प्रतिदिन पीने ही चाहिए। क्योंकि प्राप्त मात्रा में पानी पीने से भी आपके शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ आपके पेशाब के माध्यम से बाहर आते हैंस या फिर पसीने के माध्यम से बाहर आ जाते हैं जिसके कारण आप बहुत सी बीमारियों से बसते हैं, और इसके साथ-साथ पानी की कमी आपके शरीर में नहीं होती जिसके कारण आप डिहाइड्रेशन जैसी समस्याओं से भी बच जाते हैं।
  • यदि आप शराब या धूम्रपान का सेवन करते हैं, तो आपको इन चीजों का सेवन करना भी छोड़ देना चाहिए क्योंकि यह एक लीवर संबंधी बीमारी है, और आपको पता होना चाहिए कि शराब अधिक मात्रा में पीने से हमारा लीवर खराब होता है, खराब ही नहीं अपितु अधिक शराब के सेवन से आपका लीवर भी फेल हो सकता है इसीलिए शराब के सेवन से बचे रहें।
  • इस प्रकार के संक्रमण में आपको कोई भी दवाई डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेनी चाहिए। क्योंकि बहुत बार दवाइयां आपको नुकसान भी पहुंचा सकती हैं इसीलिए बिल्कुल भी लापरवाही ना बरते हैं।

Hepatitis E Se Bachne Ke Upay?

Hepatitis E Treatment in Hindi

अब हम  Hepatitis E Se Bachne Ke Upay  बताएंगे क्योंकि बहुत से ऐसे उपाय हैं जिनको आप यदि अपना लेते हैं, तो फिर इस वायरस से आप बचे रहेंगे जैसे कि:-

  • सबसे पहली बात तो यह है कि जब भी आप खाना खाते हैं, तो आपको खाना खाने से पहले अपने हाथ अच्छे से धोने चाहिए क्योंकि यदि हम खाना खाने से पहले हाथ नहीं धोते, तो उसके कारण हमारे हाथों पर जमे सभी बैक्टीरिया वायरस खाने के माध्यम से हमारे शरीर में जाते हैं, और हमें संक्रमित करते हैं।
  • यदि आप इस प्रकार की बीमारियों से बचना चाहते हैं, तो आपको बिल्कुल साफ पानी का सेवन करना चाहिए। इसीलिए आपको जगह-जगह से भी पानी नहीं पीना चाहिए अभी आप कहीं पर सफर भी करते हैं, तो अपने घर से ही आपको अपने साथ पर थोड़ा पीने का पानी ले जाना चाहिए।
  • हो सके तो आप पानी को उबालकर कीजिए क्योंकि पानी को उबालने से पानी के अंदर मौजूद सभी बैक्टीरिया मर जाते हैं, जिसके कारण मैं आप को नुकसान नहीं पहुंचा पाते।
  • घटिया बाजार में कहीं से भी फल तथा सब्जियां खरीदते हैं, तो आपको घर आकर उन्हें सीधे नहीं खाना चाहिए, पहले अच्छे से उन सब्जियों को धोना चाहिए उसके बाद इनका सेवन करना चाहिए।
  • यदि आप कभी भी मांसाहारी भोजन का सेवन करते हैं, तो यह याद रखें कि वह भोजन अच्छे से पका हुआ होना चाहिए क्योंकि यदि मांसाहारी भोजन अच्छे से नहीं पकता, तो उसके अंदर मौजूद बैक्टीरिया इस प्रकार की बीमारियों का कारण बनते हैं।
  • खुले में शौच से बचें, क्योंकि खुले में सोच के पश्चात बहुत सी बीमारियां भी हो सकती हैं।

Hepatitis E Conclusion –

हम उम्मीद करते हैं, कि आपको हमारी यह पोस्ट बहुत ही पसंद आई होगी, इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको हेपेटाइटिस ई के बारे में अच्छे से जानकारी दी है कि Hepatitis E Kya Hota Hai, Hepatitis E Ke Lakshan, Hepatitis E Ke Karan, Hepatitis E Se Bachne Ke Upay, Hepatitis E ka Diagnosis, Hepatitis E Ka ilaj यदि अभी आपको इस बीमारी से संबंधित कोई भी प्रश्न पूछना हो, तो आप हमें कमेंट सेक्शन में कमेंट कर सकते हैं, हम आपको उसका जवाब जरूर देंगे। धन्यवाद

लेटेस्ट लेख

Low Ejection Fraction: लो इजेक्शन फ्रैक्शन क्या है? जानिए लो इजेक्शन फ्रैक्शन के लक्षण एवं बचाव

Low Ejection Fraction: लो इजेक्शन फ्रैक्शन क्या है? जानिए लो इजेक्शन फ्रैक्शन के लक्षण एवं बचाव

More Articles Like This