Baby Burn Skin Treatment: बच्चों को ज्वलनशील पदार्थों से कैसे बचाएं – जानिए बच्चों की हाथ या पैर जल जाने पर किस प्रकार उपचार करें ? | How to protect children from flammable materials – Know how to treat children with burns on their hands or feet?

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Dr. Arti Sharma
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Dr. Arti Sharma is a certified BAMS doctor with at least 2 years of article writing experience on various medication and therapeutic lines. She is known for her best work in ayurvedic medication knowledge and there uses. Her hobbies including reading books and writing articles. With a good grip in sports, she uses to play for her university cricket team as a captain. Her work for ayurvedic is well known.डॉ आरती शर्मा एक प्रमाणित BAMS डॉक्टर है जिन्हे कम से कम 2 साल का विभिन्न दवाइयों और चिकित्सीय रेखाओं पर लेखन का अनुभव है। वह आयुर्वेदिक दवाओं के ज्ञान और उनके उपयोग में अपने बेहतरीन काम के लिए जानी जाती हैं। उनका शौक किताबें पढ़ना और लिखना है। खेलों में अच्छी पकड़ के साथ, वह एक कप्तान के रूप में अपनी विश्वविद्यालय क्रिकेट टीम के लिए खेल चुकी हैं। आयुर्वेद के क्षेत्र में उनका काम अच्छी तरह से जाना जाता है।
Baby Burn Skin Treatment in Hindi Table Content:-

Baby Burn Skin Treatment: बच्चों को ज्वलनशील पदार्थों से कैसे बचाएं – जानिए बच्चों की हाथ या पैर जल जाने पर किस प्रकार उपचार करें ?

बचपन में बहुत से बच्चे काफी ज्यादा शरारती होते हैं और उनका एक जगह पर बैठकर कभी भी मन नहीं लगता। इसीलिए वह कुछ ऐसी हरकतें करते रहते हैं जिनकी वजह से माता-पिता को काफी परेशानी हो सकती हैं, इस प्रकार के बच्चों का ख्याल रखना काफी जरूरी हो जाता है। कुछ बच्चे शरारती भी नहीं होते लेकिन फिर भी उन्हें चोट लग सकती है खासतौर पर सबसे ज्यादा डर तो आग या गर्म चीजों से लगता है। बहुत बार आपके बच्चे गर्म चीजों के संपर्क में भी आ जाते हैं या आप के संपर्क में आ जाते हैं जिससे उनके हाथ या पैर जल जाते हैं या फिर उनके शरीर के किसी दूसरे अंग पर गर्म चीज गिर जाती हैं, जिसकी वजह से उनकी त्वचा तुरंत ही झुलस जाती है।

 अब ऐसे में माता-पिता काफी परेशान हो जाते हैं और वह बच्चों को तुरंत ही उठाकर डॉक्टर के पास लेकर जाते हैं, लेकिन हम आपको बता दें कि जब बच्चा गर्म चीजों के संपर्क में आता हैं, तो उस समय आपको पहले घर पर ही बच्चे की त्वचा को बचाने के लिए कुछ घरेलू तरीके आजमाने होते हैं उसके पश्चात ही आपको अपने बच्चों को डॉक्टर के पास ले जाना होता हैं।

इसलिए आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको Bacho Ki Skin Jalne Par Kya kare तथा Treatment Of Burn Skin In Hindi इसी के साथ-साथ हम आपको Bacho Ki Skin Jalne Par Kya Kare तथा Bacho ko Jalne Se Kaise Bachaye इसके बारे में भी बताएंगे ताकि आप अपने बच्चों को आसानी से बचा सकें।

अगर बच्चा आग या किसी गरम चीज के संपर्क में आ जाए तो क्या करना चाहिए ?

अगर बच्चा आग या किसी गरम चीज के संपर्क में आ जाए तो क्या करना चाहिए ?

अगर आपका बच्चा किसी गर्म चीज या फिर आग के संपर्क में आ जाता हैं, तो उसमें आपको बहुत सी चीजें सबसे पहले करनी होंगी जैसे कि :-

1. बच्चे को खतरे वाली जगह से दूर ले जाएं

अगर आपका बच्चा किसी गर्म पदार्थ या आग की चपेट में आ जाता हैं, तो आपको सबसे पहले अपने बच्चे को उसी स्थान से दूर ले जाना चाहिए। जहां पर वह गर्म चीज या आग से प्रभावित हुआ है और फिर आपको अपने बच्चे को दूर बिठाकर पहले उस गर्म चीज को या आग को बुझाना चाहिए।

2. इस बात की पुष्टि करें कि शिशु कितना जला है

शिशु के जलने पर आपको सबसे पहले इस बात की पुष्टि कर लेनी चाहिए कि शिशु का कितना हिस्सा आग से प्रभावित हुआ हैं। अगर शिशु का 5% से ज्यादा हिस्सा आग से झुलस गया हैं, तो आपको तुरंत ही बच्चे की त्वचा पर ठंडी चीज लगानी चाहिए और फिर उसे डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए  मगर बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाने से पहले आपको बच्चे की तो अच्छा था घर पर ही थोड़ा सा शुरुआती इलाज कर देना चाहिए, क्योंकि डॉक्टर के पास जाने पर आपको देर भी हो सकती है जिसकी वजह से बच्चे की त्वचा पर जलने के निशान भी रह सकते हैं।

3. जली हुई त्वचा को ठंडा करें

जब आपके बच्चे की त्वचा आ गया गर्म चीज के कारण झुलस जाती हैं, तो आपको सबसे पहले तो बच्चे की त्वचा पर 10 से 15 मिनट तक बर्फ रखनी चाहिए, क्योंकि बर्फ रखने से बच्चे की बाहरी त्वचा को काफी आराम पहुंचेगा और उसकी त्वचा नुकसान से बच जाएगी। जब बच्चे की त्वचा पर ठंडा पानी है बर्फ लगाया जाता है तो बच्चे को त्वचा में जलन होना बंद हो जाती है और उसे बेहद ही अच्छा महसूस होता हैं। इसीलिए बच्चे की त्वचा जलने पर आपको सबसे पहले किसी ठंडी चीज से बच्चे की त्वचा को ठंडा करना चाहिए, ताकि उसकी त्वचा पर इंफेक्शन होने का खतरा भी ना रहे और घाव भी ज्यादा ना फैले।

4. खुले कपड़े पहना दे

जब शिशु की त्वचा झुलस जाती है तो उस समय आपको अपने शिशु को बिल्कुल पतले और खुले कपड़े पहना देनी चाहिए। जैसे कि मान लीजिए आपके शिशु के हाथ का थोड़ा सा हिस्सा जला है और उस समय शिशु ने काफी टाइट कपड़े पहने हुए हैं, तो आपको शिशु की त्वचा को ठंडी करने के पश्चात उसे खुले कपड़े पहना देनी चाहिए और जब तक शिशु का घाव पूरी तरह ठीक नहीं हो जाता तब तक उसको खुले कपड़े ही पहनाने चाहिए, क्योंकि टाइट कपड़ों में घाव और भी ज्यादा फैल सकता है और बच्चे की त्वचा को नुकसान पहुंच सकता हैं। अगर त्वचा जलने के पश्चात आप अपने बच्चों को टाइट कपड़े पहना कर रखते हैं, तो उसके कारण उनकी त्वचा के जले हुए हिस्से पर सूजन भी आ सकती हैं।

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5. जली हुई त्वचा पर पट्टी बांधे

बच्चे की त्वचा जलने के पश्चात आपको बच्चे के घाव पर पट्टी बांधकर रखनी चाहिए क्योंकि बच्चे के घाव को ढककर नहीं रखेंगे, तो उसी स्थान पर मक्खी मच्छर बैठते हैं और अनेकों बीमारियां फैलाते हैं इसलिए आपको अपने बच्चे की त्वचा पर हल्की सी पट्टी बांधे नहीं चाहिए। अगर जलने के कारण आपके बच्चे की त्वचा पर फफोले हो गए हैं तो आपको इस प्रकार खुली पट्टी बांधनी चाहिए कि उन फूलों को नुकसान ना पहुंचें, क्योंकि जब तक त्वचा के फफोले खुद ठीक नहीं होते तो तब तक उन्हें खुद ही नहीं त्वचा के फफोले खुद ठीक नहीं होते तो तब तक उन्हें खुद ही नहीं फोड़ना चाहिए। अगर हम बच्चे की त्वचा पर उपस्थित हो फफोलों को खुद ही छोड़ देंगे, तो इसके कारण बच्चे की त्वचा पर जीवन भर के लिए दाग भी पढ़ सकते हैं।

6. बच्चे की त्वचा पर टूथपेस्ट लगाएं

ग्रामीण इलाकों में बच्चे की त्वचा जल जाने के पश्चात तुरंत ही जली हुई त्वचा पर Mint Toothpaste लगा दिया जाता है क्योंकि यह टूथपेस्ट ठंडा होता है और जब बच्चे की जली हुई त्वचा पर इसे लगाया जाता हैं, तो संक्रमण वहीं का वहीं रुक जाता है और बच्चे की जली हुई त्वचा के कारण बच्चे को जो दर्द हो रहा होता है वह दर्द तुरंत ही शांत हो जाता हैं, इसीलिए बच्चों की त्वचा जल जाने पर त्वचा पर तुरंत ही टूथपेस्ट लगाना चाहिए। आज भी यह नुस्खा 100 में से 95 ग्रामीण इलाकों में आजमाया जाता है और यह नुस्खा बिल्कुल सुरक्षित हैं।

इस बात का कैसे पता लगेगा कि शिशु की त्वचा कितनी गंभीर रूप से जली हैं ?

अगर बच्चे की त्वचा जल जाती हैं, तो आप त्वचा को देखकर आसानी से इस बात का पता लगा सकते हैं कि बच्चे की त्वचा कितने गंभीर रूप से जली हैं।

1. फर्स्ट डिग्री बर्न ( First Degree Burn )

जब बच्चे की त्वचा बिल्कुल हल्की सी जलती हैं, तो उस अवस्था को First Degree Burn कहते हैं। इस अवस्था में बच्चे की त्वचा कि सिर्फ ऊपरी सतह ही प्रभावित होती है जिसके कारण नसों में जलन तथा असहजता महसूस हो सकती हैं। इस प्रकार के जलने पर बच्चों को दर्द तो होता है लेकिन गंभीर रूप से दर्द नहीं होता और बच्चे का जलने वाला हिस्सा लाल हो जाता हैं। कई बार जलने वाले हिस्से पर सूजन भी आ जाती हैं। First Degree Burn में बच्चे की त्वचा ऐसी लगती है जैसे मानो त्वचा धूप में झुलस गई हों।

इस बात का कैसे पता लगेगा कि शिशु की त्वचा कितनी गंभीर रूप से जली हैं ?

2. सेकंड डिग्री बर्न ( Second Degree Burn )

जब बच्चे की त्वचा की दूसरी परत को जलने के कारण क्षति पहुंचती हैं, तो उस स्थिति को सेकंड डिग्री बर्न कहा जाता है लेकिन इस प्रकार की अवस्था बहुत ज्यादा गर्म चीज या ज्यादा तेज आप के संपर्क में आने से उत्पन्न होती है। Second Degree Burn उस अवस्था को कहते हैं जिसमें बच्चे की त्वचा पर जलने के कारण फफोले और सूजन तक हो जाती है और इसमें बच्चे को इतना ज्यादा दर्द होता है, जो कि वह बर्दाश्त भी नहीं कर पाता और बार बार रोता हैं।

3. थर्ड डिग्री बर्न ( Third Degree Burn )

यह स्थिति सबसे ज्यादा गंभीर होती है और इसमें बच्चे की त्वचा जलने के कारण काली और सफेद दिखाई देने लगती है यह स्थिति बहुत ही ज्यादा गंभीर होती हैं। कई बार तो इस स्थिति में त्वचा जलने के कारण काफी नीचे तक पहुंच जाती है जिसके कारण बच्चे की त्वचा कि नसें भी क्षति ग्रस्त हो जाती है और इसी वजह से यह भी हो सकता है कि आपको जलने पर दर्द ही ना हो, क्योंकि जलने के कारण नसों को तो नुकसान पहुंचा चुका होता है। Third Degree Burn स्थिति बिल्कुल Medical Emergency स्थिति होती हैं।

बच्चे की त्वचा जलने पर बच्चे को डॉक्टर के पास कब ले जाना चाहिए ?

  • जब आपके बच्चे की त्वचा जल जाती है, तो सबसे पहले तो आपको अपने बच्चे की त्वचा पर ठंडा पानी डालना चाहिए या फिर बर्फ से ठंडी करनी चाहिए। उसके पश्चात अगर आपके बच्चे बच्चे को काफी ज्यादा दर्द हो रहा हैं, तो उसमें आपको उसे Paracetamol देनी चाहिए।
  • अगर आपके बच्चे की बिल्कुल मामूली त्वचा जली हैं, तो फिर तो आपको उसे डॉक्टर के पास ले जाने की आवश्यकता नहीं है जवाब एक दो बार उसकी त्वचा पर बर्फ लगाएंगे तो फिर खुद ही उसकी त्वचा ठीक हो जाएगी क्योंकि First Degree Burn में बच्चे को डॉक्टरी इलाज की आवश्यकता नहीं पड़ती।
  • अगर आपके बच्चे की त्वचा Second Degree Burn अवस्था में जली है या फिर Third Degree Burn अवस्था में जली हैं, तो इस परिस्थिति में आपको अपने बच्चे को डॉक्टर के पास तुरंत ही ले जाना होगा, क्योंकि आपके बच्चे की त्वचा सेकंड और थर्ड डिग्री बर्न अवस्था में काफी ज्यादा जल जाती है जिससे उन्हें काफी नुकसान भी पहुंचता हैं।
  • अगर जलने के कारण बच्चे की त्वचा पर काफी ज्यादा सूजन आ जाती है और बच्चे को काफी ज्यादा दर्द हो रहा हैं, तो उस स्थिति में आपको अपने बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाना ही होगा।
  • अगर बच्चे की त्वचा जलने के कारण उस पर फफोले हो गए हैं और उनमें से मवाद या तरल पदार्थ निकल रहा हैं, तो इस स्थिति में बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाना आवश्यक होता हैं, क्योंकि धीरे-धीरे यह स्थिति और भी ज्यादा गंभीर हो जाती हैं।
  • अगर बच्चे की त्वचा जलने के कारण बच्चे को बुखार चढ़ गया हैं, तो इस स्थिति में भी डॉक्टर के पास जाना बहुत आवश्यक होता हैं, क्योंकि अगर हम अपने छोटे बच्चों को इस परिस्थिति में डॉक्टर के पास लेकर नहीं जाएंगे तो बच्चे की स्थिति और भी ज्यादा खराब हो जाएगी।
  • अगर बच्चे की त्वचा ज्यादा जलती है और उसके कारण तुरंत ही बच्चा बेहोश हो जाता हैं, तो इस स्थिति में आपको बिल्कुल भी देर नहीं करनी चाहिए और तुरंत ही अपने बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए, क्योंकि बेहोशी की वजह से बच्चे का दम भी घुट सकता है इसीलिए तुरंत ही उसे डॉक्टर के पास ले जाने की आवश्यकता होती हैं।

बच्चे की त्वचा को जलने से कैसे बचाएं – How to Protect Baby’s Skin From Burns In Hindi ?

अगर आप अपने बच्चे की त्वचा को जलने से बचाना चाहते हैं, तो आपको बहुत ही सावधानियां बरतनी होंगी जिनसे की आपके बच्चा की त्वचा झुलस सकती हैं।

अगर आप अपने बच्चे को जलने से बचाना चाहते हैं, तो सबसे पहले तो आपको इस बात को समझना होगा कि कभी भी अपने बच्चों के पास कोई गर्म चीज नहीं रखनी चाहिए। बहुत से माता-पिता अपने बच्चों के पास में गर्म चाय या गर्म पानी रख देते हैं और बच्चा इन्हें हाथ मार देता है जिसकी वजह से उसके हाथ जल जाते हैं। इसके अतिरिक्त आपको बेड के यहां आस-पास कोई गर्म चीज नहीं रखनी चाहिए। क्योंकि जब बच्चा किसी चीज को देखता है तो उसे पकड़ने की कोशिश करता है और ऐसे में बच्चा उस गर्म चीज के ऊपर भी गिर सकता हैं, इसीलिए बच्चे के सामने कोई भी ऐसी चीज ना रखें जिससे कि उसे नुकसान पहुंच सकता हैं।

जब आपका शिशु थोड़ा-थोड़ा चलना सीखता हैं, तो उस समय वह रसोई में भी बार-बार जाता है। इसीलिए आपको अपने घर की रसोई में हमेशा ही गर्म तवे या दूसरे गर्म बर्तनों को थोड़ा पीछे की तरफ करके रखना चाहिए या फिर अगर आप सब्जी बना रहे हैं

तो आपको पीछे की तरफ में कर के बर्तन को रखना चाहिए, क्योंकि जब बच्चे चलना सीखते हैं तो वह चलते-चलते रसोई में जाकर कढ़ाई या कुकर का हैंडल पकड़ कर भी उसे खींच सकते हैं और अपने ऊपर वह गर्म चीज गिरा सकते हैं इसीलिए आपको अपने बच्चों को रसोई में जाने ही नहीं देना चाहिए, आपको हमेशा रसोई का दरवाजा बंद करके रखना चाहिए या फिर जब आप खाना बना रहे होते तो उस समय बच्चों को घर के किसी दूसरे सदस्य के हवाले कर देना चाहिए।

जब आप सर्दियों के मौसम में घर पर हीटर का इस्तेमाल करते हैं या फिर घर पर आग जलाते हैं, तो उस समय आपको अपने बच्चों को दूर रखना चाहिए, क्योंकि आपके बच्चे धीरे धीरे चल कर ट्विटर पर भी हाथ लगा सकते हैं जिसकी वजह से उन्हें करंट लग सकता है और उनका हाथ जल भी सकता है या फिर अगर आपने घर पर आग जलाई हुई हैं, तो उस आग से अपने बच्चे को दूर रखना चाहिए।

अगर आपने घर पर फ्लाइट जाने के पश्चात मोमबत्ती या तेल का दिया जलाया हुआ है या फिर आपने मच्छर मारने की कोइल जलाई हुई है, तो उस समय आपको अपने बच्चों को इन चीजों से दूर रखना चाहिए, क्योंकि जब बच्चा कोई रोशनी देखता है तो तुरंत ही उसकी और जाने की कोशिश करता है और उसमें हाथ लगाता है और जब हाथ लगाता हैं, तो तुरंत ही उसका हाथ जल जाता है इसलिए बच्चे को इस प्रकार की चीजों से भी दूर रखें।

शिशु को नहलाते समय बाल्टी में गर्म पानी डालकर कभी भी उसे बाथरूम में अकेला नहीं छोड़ना चाहिए, क्योंकि कभी-कभी महिलाएं बाथरूम में गर्म पानी रखकर बच्चे को वहां पर छोड़कर कोई दूसरा काम करने लगती हैं और जब वह वापस लौट कर आती हैं, तो इतने में बच्चा अपने ऊपर गरम पानी गिरा लेता है जिसकी वजह से उसके हाथ पैर जल जाते हैं, इसलिए आपको इस बात का भी विशेष रूप से ध्यान रखना होगा।

अगर आप किसी बिजली उपकरण का इस्तेमाल कर रहे हैं और उसकी तार नीचे की तरफ लटक रही है, तो आपके बच्चों को उन उपकरणों की वजह से भी नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए जिस घर में छोटे बच्चे होते हैं उस घर में बिजली उपकरणों को इस्तेमाल करने के पश्चात अलग रख देना चाहिए।

जब दिवाली का दिन होता है तो उस समय आपको अपने बच्चों को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। कभी-कभी आप दूसरे बच्चों के साथ में अपने छोटे बच्चे को खेलने के लिए अकेला छोड़ देते हैं लेकिन जब बच्चे को अकेला छोड़ा जाता है, तो उस समय वह अपने हाथ पैर भी जला सकता है इसीलिए दिवाली के दिन बच्चों को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए।

बच्चे के सामने कोई भी ज्वलनशील पदार्थ नहीं रखना चाहिए, बहुत से माता-पिता यह सोचते हैं कि बच्चों को तो कुछ पता नहीं और उनके सामने ज्वलनशील पदार्थ रख देते हैं। ज्वलनशील पदार्थ जैसे कि परफ्यूम, डिओडरेंट, कीटनाशक दवाइयां या किसी दूसरे प्रकार का केमिकल बच्चों के सामने रख देते हैं और उस ज्वलनशील पदार्थ के कारण बच्चे आग की चपेट में आ सकते हैं,

क्योंकि ऐसा हो सकता है कि बच्चे इस प्रकार की चीजों को आग के सामने ले जाकर या रसोई में गैस के पास ले जाकर छिड़क दें और यह चीजें तुरंत ही आग पकड़ लें जिसकी वजह से बच्चे के हाथ भी जल्द सकते हैं इसलिए इस प्रकार की चीजों को भी बच्चों से दूर रखें।

आपको अपने बच्चे क्या पास माचिस या लाइटर नहीं रखना चाहिए। बहुत से लोग अपने बच्चों के आसपास माचिस या लाइटर रख कर छोड़ देते हैं और फिर बच्चा अपने माता-पिता की लापरवाही की वजह से इस प्रकार की चीजों का इस्तेमाल करके अपने हाथ या पैर जला लेता हैं।

जब आप कपड़ो को प्रेस कर लेते हैं तो कपड़ो को प्रेस करने के पश्चात प्रेस को किसी दूसरे सुरक्षित स्थान पर रख देना चाहिए जहां पर बच्चा उस प्रेस के पास ना पहुंच पाए। बहुत से मामले ऐसे भी सामने आते हैं कि बच्चे की माता कपड़ों पर प्रेस कर रही होती है। कपड़ों पर प्रेस करते-करते बीच में ही कोई दूसरा काम करने लग जाती है और वहां पर बच्चा भी मौजूद होता है और वह बच्चा उसे प्रेस पर हाथ लगा देता है जिसकी वजह से उसका पूरा हाथ जल जाता है। इसीलिए इस बात का ख्याल रखें और अपने बच्चे को इस प्रकार की चपेट में ना आने दे, क्योंकि जब बच्चा गर्म प्रेस को देखेगा तो हो सकता है कि वह प्रेस उसके हाथ पैर या मुंह की त्वचा पर भी लग जाए।

बच्चे की जली हुई त्वचा को ठीक करने के लिए घरेलू उपाय - Home Remedies For Babies Burn Skin In Hindi ?
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बच्चे की जली हुई त्वचा को ठीक करने के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies For Babies Burn Skin In Hindi ?

अगर बच्चे की त्वचा जल जाती हैं, तो आप कई प्रकार के घरेलू नुस्खे इस्तेमाल करके बच्चे की जली हुई त्वचा को ठीक भी कर सकते हैं।

नारियल तेल

जब बच्चे की त्वचा जल जाती है तो बच्चे की त्वचा जलने पर बच्चे की त्वचा पर काले निशान भी पड़ जाते हैं या फिर जलने का निशान पड़ जाता है अगर आप इस प्रकार के निशान पर दिन में तीन से चार बार नारियल का तेल लगाते हैं, तो बच्चे की त्वचा को बड़ा आराम मिलता है और जलने का निशान भी कुछ ही दिनों में ठीक होने लगता है इसीलिए बच्चे की जली हुई त्वचा पर नारियल का तेल जरूर लगाना चाहिए।

बर्फ की सिकाई करें

बच्चे की त्वचा के जलने पर आपको तीन-चार दिनों तक बच्चे की त्वचा पर बर्फ से ठंडी सिकाई करनी चाहिए। इसके लिए आपको एक कपड़े में बर्फ का टुकड़ा बांध लेना है और उसके बच्चे की त्वचा की सिकाई करनी हैं, अगर आप इस प्रकार बच्चे की त्वचा की सिकाई करेंगे तो बच्चे की त्वचा को काफी आराम मिलेगा और त्वचा ठीक होने लगेगी।

जैतून का तेल

जली हुई त्वचा को आराम पहुंचाने के लिए और त्वचा की रिकवरी करने के लिए जैतून का तेल बहुत अच्छा साबित होता है इसलिए जब आपके बच्चों की त्वचा जल जाती हैं, तो आपको रोजाना दो से तीन बार बच्चों की त्वचा की मालिश जैतून के तेल से करनी चाहिए। जैतून के तेल से आप बड़ी आसानी से अपने बच्चों की त्वचा को पहले जैसा कर सकते हैं, क्योंकि जैतून के तेल की मालिश से आपके बच्चे की त्वचा के ऊपर से सभी निशान भी साफ हो जाएंगे और जलन भी कम महसूस होगी।

एलोवेरा जेल

आपको अपने बच्चे की जली हुई त्वचा को ठीक करने के लिए एलोवेरा जेल का इस्तेमाल भी करना चाहिए, क्योंकि एलोवेरा जेल भी एक प्राकृतिक औषधि है जो कि अनेकों प्रकार के त्वचा संबंधित विकारों में इस्तेमाल की जाती हैं, इसीलिए बच्चे की त्वचा जब जल जाती है तो उस जली हुई त्वचा पर दिन में कम से कम 2 बार एलोवेरा जेल बच्चे की त्वचा पर लगाना चाहिए।

हो सके तो रात के समय बच्चे की त्वचा पर एलोवेरा जेल लगाकर छोड़ दें अगर आप इस प्रकार एलोवेरा जेल का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको 10 से 15 दिनों में बिल्कुल चमत्कार देखने को मिलेगा। बच्चे की त्वचा पर जलने के कारण जो कुछ भी नुकसान हुआ है आप देखेंगे कि उसकी भरपाई हो गई हैं।

हल्दी का लेप लगाएं

बच्चे की जली हुई त्वचा को बिल्कुल पहले जैसा करने के लिए और सभी निशानों को साफ करने के लिए आपको हल्दी का लेप लगाना चाहिए। हल्दी का इस्तेमाल हम अक्सर खाने में भी करते हैं। हल्दी हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद साबित होती है इसीलिए आप बच्चे की त्वचा पर हल्दी का लेप भी लगा सकते हैं। इसके लिए आपको एक कटोरी में एक चम्मच हल्दी डालकर उसमें थोड़ा सा पानी या फिर कच्चा दूध डालना होगा और फिर उसे अच्छे से मिला कर एक लेप तैयार कर लेना है और उस लेप का इस्तेमाल बच्चे की त्वचा पर करना हैं।

तुलसी का रस

जली हुई त्वचा के लिए तुलसी का रस भी बहुत फायदेमंद होता हैं, इसीलिए आपको बच्चे की जली हुई त्वचा पर तुलसी का रस लगाना चाहिए, लेकिन तुलसी का रस आपको दिन में कम से कम 2 बार अपने बच्चों की त्वचा पर लगाना है तभी आपके बच्चों को तुलसी का रस लगाने से फायदा मिलेगा, तुलसी का रस जली हुई त्वचा पर से दाग मिटाने में भी काफी फायदेमंद होता हैं।

शहद

आप अपने बच्चे की जली हुई त्वचा पर शहद भी लगा सकते हैं, क्योंकि शहद भी जली हुई त्वचा को ठीक करने के लिए बेहद फायदेमंद होता है शहद में अनेकों प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसीलिए शहद हर एक प्रकार के घाव को ठीक करने में भी फायदेमंद होता हैं। शहद में इतने चमत्कारी गुण भी मौजूद होते हैं कि इसको जली हुई त्वचा पर लगाने से दाग भी मिटने लगते हैं और त्वचा बिल्कुल पहले की तरह हो जाती हैं।

Conclusion –

बच्चों को जलने से किस प्रकार बचाया जा सकता है और उनकी त्वचा के जल जाने पर किस प्रकार हम उनकी त्वचा को बिल्कुल पहले की जैसी कर सकते हैं इन सब के बारे में हमने आपको विस्तार से बताया है। इसके अतिरिक्त हमने आपको Bacho Ki Skin Jalne Par Kya kare तथा Treatment Of Burn Skin In Hindi के बारे में बता दिया हैं। इसी के साथ-साथ हमने आपको Bacho Ki Skin Jalne Par Kya Kare तथा Bacho ko Jalne Se Kaise Bachaye इसके बारे में भी पूरी तरह से बताया है ताकि आप अपने बच्चों को जलने से बचा सकें।

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