ब्लैडर इन्फेक्शन Bladder Infection क्या है – जानिए ब्लैडर इन्फेक्शन के कारण, लक्षण व इलाज? | What is Bladder Infection its Symptoms causes and Best Treatments in Hindi?

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Dr. Pranav Bhardwaj
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Bladder Infection Treatments In Hindi

ब्लैडर इन्फेक्शन Bladder Infection  क्या है – जानिए ब्लैडर इन्फेक्शन के कारण, लक्षण व इलाज ?| What is Bladder Infection its Symptoms causes and Best Treatments in Hindi?

यूरिन इन्फेक्शन भी कई तरह के होते हैं आमतौर पर तो यूरिन इन्फेक्शन व्यक्ति को ही जाता है परंतु डॉक्टर के द्वारा दी जाने वाली एंटीबैक्टीरियल दवाइयों की मदद से यह ठीक भी हो जाता है लेकिन यूरिन इन्फेक्शन यदि ज्यादा फैल जाए तो यह व्यक्ति की मृत्यु का कारण भी बन सकता है वैसे तो यूरिन इन्फेक्शन का मुख्य कारण बैक्टीरिया को माना जाता है आज हम आपको ब्लैडर इनफेक्शन ( Bladder infection ) के बारे में बताने वाले हैं जिसको मूत्राशय में संक्रमण भी कहा जाता है ब्लैडर मूत्राशय का वह खोखला अंग होता है जो मूत्राशय में स्थित होता है आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको Bladder Infection के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं कि :-

  • ब्लैडर इनफेक्शन क्या होता है – What Is Bladder Infection In Hindi ?
  • ब्लैडर इनफेक्शन के क्या लक्षण होते हैं – Symptoms Of Bladder Infection In Hindi  ?
  • ब्लैडर इनफेक्शन के क्या कारण होते हैं – Causes Of Bladder Infection in hindi ?
  • ब्लैडर इनफेक्शन के जोखिम कारक क्या है – Risk Factors Of Bladder Infection In Hindi ?
  • ब्लैडर इनफेक्शन से बचने के उपाय – Prevention For Bladder Infection In Hindi ?
  • ब्लैडर इन्फेक्शन का परीक्षण कैसे होता है – Diagnosis Of Bladder Infection In Hindi ?
  • ब्लैडर इनफेक्शन का इलाज क्या है – Treatment Of Bladder Infection In Hindi ?
ब्लैडर इनफेक्शन के क्या लक्षण होते हैं | Symptoms Of Bladder Infection In Hindi  ?

ब्लैडर इनफेक्शन क्या होता है – What Is Bladder Infection In Hindi ?

  • ब्लैडर इनफेक्शन एक प्रकार का यूरिन इन्फेक्शन होता है। ब्लेंडर मूत्राशय में स्थित मांसपेशियों का एक खोकला सा अंग होता है, जिसमें दो तरह के काम होते हैं, मूत्र संग्रह करना तथा मूत्र को शरीर से निष्कासित करना हमारे शरीर में दोनों गुर्दों से मूत्र मूत्र नली के माध्यम से मूत्राशय में प्रवेश करता है और मूत्राशय ही उसे हमारे शरीर से बाहर निकालता हैं। मूत्र को बाहर निकालते समय मूत्राशय की मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं और मूत्र मूत्र मार्ग के द्वारा शरीर से बाहर निकलता है।
  • बैक्टीरिया हमारे शरीर में मूत्र मार्ग के द्वारा ही प्रवेश करते हैं और मूत्राशय तक पहुंच जाते हैं, जिसके कारण ब्लैडर इन्फेक्शन होता है। ब्लैडर इनफेक्शन के अधिकतर मामले तो अचानक से ही सामने आते हैं और कुछ मामलों में में ब्लैडर इन्फेक्शन व्यक्ति को बार बार भी हो सकता है।
  • ब्लड इंफेक्शन से सिस्टाइटिस भी हो जाता है, जिसमें मूत्राशय में सूजन भी बढ़ जाती है आमतौर पर तो यह रोग बैक्टीरिया के कारण ही होता है, लेकिन कुछ मामलों में यह यिस्ट तथा वायरस के कारण भी हो सकता है।
  • वैसे तो ब्लैडर इनफेक्शन ज्यादातर गंभीर बीमारी नहीं होती, मगर यह गुर्दों में फैल जाती है, तो उसके कारण बीमारी गंभीर समस्याओं का कारण भी बन सकती है, ज्यादातर मामलों में तो डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन करवाकर मरीज को ठीक कर देता है।

ब्लैडर इनफेक्शन के क्या लक्षण होते हैं – Symptoms Of Bladder Infection In Hindi  ?

ब्लैडर इनफेक्शन के बहुत से लक्षण हो सकते हैं जैसे कि :-

  • जब व्यक्ति ब्लैडर इनफेक्शन से संक्रमित होता है तो व्यक्ति को पेशाब करते समय काफी ज्यादा दर्द होता है और जलन भी महसूस होती है, व्यक्ति को इतनी ज्यादा जलन महसूस होती है कि वह 6:00 से पेशाब भी नहीं कर पाता।
  • इस इंफेक्शन से संक्रमित होने के पश्चात व्यक्ति के पेशाब में खून भी आ सकता है, या फिर गहरे रंग का पेशाब भी आ सकता है।
  • ब्लैडर इंफेक्शन से संक्रमित होने पर मरीज को बार बार पेशाब आता है, खासकर रात के समय तो मरीज को काफी ज्यादा पेशाब आता है।
  • ब्लैडर इनफेक्शन से संक्रमित होने पर व्यक्ति के पेशाब से काफी ज्यादा बदबू आती है।
  • ब्लैडर इंफेक्शन से पीड़ित व्यक्ति को बार-बार ऐसा लगता है कि, उसे काफी तेज पेशाब आ रहा है लेकिन ऐसा नहीं होता अगर व्यक्ति पर क्या है।
  • इस इंफेक्शन से पीड़ित मरीजों को पेट तथा पीठ के निचले हिस्से में ऐठन तथा दबाव महसूस होता है।
  • ब्लैडर इंफेक्शन से पीड़ित होने पर और भी बहुत से लक्षण देखे जा सकते हैं, जैसे कि मरीज को बार-बार उल्टियां भी हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त काफी तेज बुखार होना, ठंड लगना आदि।

ब्लैडर इनफेक्शन के क्या कारण होते हैं – Causes Of Bladder Infection in hindi ?

ब्लड इंफेक्शन के बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे कि :-

  • यह बीमारी खासतौर पर बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण ही होती है और यह हमारे शरीर में मूत्र मार के द्वारा ही प्रवेश करती है खासतौर पर जो लोग ज्यादा साफ-सुथरे नहीं रहते, तो उन्हें इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
  • महिलाओं में तो यह बैक्टीरिया मन मार के द्वारा होकर योनि से होता वह मूत्राशय तक जाता है और संक्रमण का कारण बनता है।
  • कभी-कभी यह बैक्टीरिया हमारी आसपास की त्वचा के माध्यम से भी मूत्र मार्ग में प्रवेश कर जाता है।
  • मूत्र मार्ग की लंबाई काफी कम होने के कारण भी ब्लैडर इन्फेक्शन का जो कि महिलाओं को काफी अधिक बढ़ जाता है।
  • 1 साल तक के बच्चों में लड़कों को खासतौर पर मूत्र संक्रमण होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है।
  • कभी-कभी ब्लैडर इनफेक्शन फफूंद के कारण भी फैल सकता है।
  • इससे संक्रमण को होने का एक बड़ा कारण यह भी होता है कि जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होती है, तो उन्हें भी ब्लैडर इनफेक्शन आसानी से हो सकता है।
ब्लैडर इनफेक्शन के जोखिम कारक क्या है | Risk Factors Of Bladder Infection In Hindi ?

ब्लैडर इनफेक्शन के जोखिम कारक क्या है – Risk Factors Of Bladder Infection In Hindi ?

  • वैसे तो ब्लैडर इनफेक्शन किसी को भी हो सकता है, परंतु मूत्र मार्ग की लंबाई कम होने के कारण पुरुषों की तुलना में महिलाओं को इस का खतरा अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि मूत्राशय तक बैक्टीरिया का पहुंचना काफी आसान हो जाता है।
  • उम्र के साथ-साथ पुरुषों में पौरुष ग्रंथि का आकार भी बढ़ जाता है, जिससे कि मूत्र के प्रवाह में भी रुकावट आती है और इसी समस्या के कारण ब्लैडर इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।
  • अरे कोई महिला गर्भवती है, तो उसे भी ब्लैडर इनफेक्शन होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।
  • अगर किसी को उम्र बढ़ने के साथ-साथ डायबिटीज की समस्या है, तो उसे भी ब्लड इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • अगर किसी व्यक्ति के मूत्र मार्ग की सर्जरी हुई है, उसके कारण भी ब्लैडर इनफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
  • अगर कोई व्यक्ति बहुत ही कम चलता फिरता है, तो उसके कारण भी है बीमारी उसे हो सकती है।
  • अगर किसी बच्चे को जन्म के समय ही चोट लग जाती है, तो उसके कारण भी बीमारी हो सकती है।

ब्लैडर इनफेक्शन से बचने के उपाय – Prevention For Bladder Infection In Hindi ?

अगर हम अपनी जीवनशैली में थोड़े बहुत कुछ बदलाव करें तो उनके कारण ब्लैडर इन्फेक्शन से बचा जा सकता है जैसे कि :-

  • ब्लड इन्फेक्शन से बचने के लिए व्यक्ति को रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए क्योंकि यदि वह काफी ज्यादा पानी पिएगा तो उसके कारण उसके शरीर से गंदगी निकलती रहेगी और वह ब्लैडर इन्फेक्शन से बचा रहेगा।
  • व्यक्ति को बार बार पेशाब नहीं जाना चाहिए जब जाता है, तो उसको पेशाब करने में अधिकतर लगाना चाहिए ताकि मूत्राशय अच्छे से खाली हो जाए।
  • आपको हमेशा कॉटन का अंडरवियर डालना चाहिए और ढीले कपड़े पहनने चाहिए
  • सेक्स करने से पहले या बाद में ही पेशाब जरूर करें
  • नहाते समय व्यक्ति को अच्छे से नहाना चाहिए और यदि आप बात कभी आप बाल्टी में नहाते हैं तो उसकी जगह आपको सावर से नहाना चाहिए
  • अगर आप एक महिला हैं तो आपको पहचान करने के बाद अपने अंगो को धोना चाहिए
  • खास तौर पर रात के समय कम खाने का सेवन करना चाहिए हो सके तो पेय पदार्थों का सेवन ज्यादा करना चाहिए

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए ?

अगर आपको इस बीमारी के थोड़े बहुत भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपको तुरंत ही डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए खासतौर पर अगर आपको पेशाब में जलन होती है या आप के पेशाब से बदबू आती है या आपके पेशाब में खून आता है, तो इस प्रकार की परिस्थितियों में बिल्कुल भी देर किए बिना डॉक्टर को तुरंत ही दिखाना चाहिए, ताकि डॉक्टर आपके लक्षणों के हिसाब से तुरंत ही आपका इलाज शुरू कर सके।

ब्लैडर इन्फेक्शन का परीक्षण कैसे होता है – Diagnosis Of Bladder Infection In Hindi ?

  • ब्लैडर इन्फेक्शन की जांच डॉक्टर बहुत के तरीकों से कर सकता है, अगर आपके पेशाब में खून आ रहा है या फिर पेशाब में जलन हो रही है, तो इस परिस्थिति में डॉक्टर आपका Urine test तथा Urine test भी कर सकता है।
  • अगर किसी व्यक्ति को पेशाब से संबंधित कोई दूसरा लक्षण दिख रहा है तो भी डॉक्टर उसका यूरीन टेस्ट ही करता है।

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ब्लैडर इनफेक्शन का इलाज क्या है | Treatment Of Bladder Infection In Hindi ?
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ब्लैडर इनफेक्शन का इलाज क्या है – Treatment Of Bladder Infection In Hindi ?

  • डॉक्टर आपकी परिस्थिति को देखता है शुरुआत में तो इस बीमारी के इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाइयां देता हैं,  इनके माध्यम से इस बीमारी को आसानी से ठीक किया जा सकता है।
  • अगर आपको शुगर जैसी कोई समस्या नहीं है तो फिर तो एंटीबायोटिक दवाइयां ( Antibiotics Medicine ) आपके ऊपर आसानी से असर कर जाती हैं यदि आपको डायबिटीज है, तो फिर डॉक्टर दूसरी दवाइयां देकर इस बीमारी का इलाज करता है।
  • ब्लैडर इन्फेक्शन से ग्रसित पुरुषों को कुछ हफ्तों तक के लिए तो एंटीबायोटिक दवाइयां भी दी जाती हैं, मरीज की परिस्थिति को देखकर दूसरी दवाइयां शुरू की जाती है।
  • इलाज के रूप में आप बहुत से प्राकृतिक उपचार भी अपना सकते हैं जैसे कि :-
  • ब्लैडर इनफेक्शन होने पर अधिक मसालेदार खाने का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • पानी का सेवन अधिक करना चाहिए और शराब तथा सिगरेट और कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • आपको ब्लैडर इंफेक्शन होने पर रोजाना गर्म पानी से नहाना चाहिए और रात को थोड़ी देर पेट की निकली तरफ र्म पानी से सिकाई करनी चाहिए।
  • आपको पोषक आहार का सेवन अधिक करना चाहिए खासतौर पर ताजे फलों तथा उन फलों का सेवन भी करना चाहिए जिनमें पानी की भरपूर मात्रा होती है जैसे कि तरबूज, संतरा, खीरा आदि।

Bladder Infection Conclusion :-

हम उम्मीद करते हैं कि इस आर्टिकल के माध्यम से आपको Causes Of Bladder Infection in hindi के बारे में विस्तार से बताया है। इसी के साथ-साथ हमने आपको Symptoms Of Bladder Infection In Hindi तथा Treatment Of Bladder Infection In Hindi के बारे में भी बताया है, इसी के साथ साथ हमने आपको  Prevention Tips For Bladder Infection In Hindi के बारे में भी बताया है, अगर अभी भी आपको हमसे Home Remedies For Bladder Infection In Hindi के विषय में कोई भी प्रश्न पूछना हो, तो कमेंट बॉक्स में कमेंट कर दें। धन्यवाद

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