फेफड़े का कैंसर क्या है? जानिए इसके लक्षण कारण बचाव एवं उपचार हिंदी में | What is Lung cancer know its causes, symptoms preventions and Best treatment in Hindi

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Dr. Pranav Bhardwaj
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What is Lung Cancer In Hindi Table Of Content :-

Lung Cancer – फेफड़े का कैंसर इसके लक्षण कारण बचाव एवं उपचार।

फेफड़े का कैंसर एक ऐसा रोग है जो फेफड़ों में ही शुरु होता है। हमारी छाती में दो स्पंजी अंग होते हैं। जब कोई व्यक्ति सांस ग्रहण करता है तो वह ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं एवं सांस बाहर निकालते वक्त वह कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालते हैं। यहां हम Lung Cancer से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियों जैसे फेफड़े के कैंसर के लक्षण, फेफड़े में कैंसर के प्रकार, इसके निवारण हेतु किए जाने वाले चिकित्सक इलाज आदि से अवगत करवाने वाले हैं।

पुरुषों और महिलाओं का विदेशों में होने वाली मौत का सबसे बड़ा कारण फेफड़ों का कैंसर होता है। प्रति वर्ष डिंबग्रंथि स्तन कैंसर प्रोस्टेट बृहदांत्र आदि की तुलना में फेफड़ों का कैंसर अधिक हानिकारक होता है।

Lung Cancer का पता उसके लक्षणों के आधार पर लगाया जा सकता है जिसके बारे में हम यहां बात करने वाले हैं। इसके अलावा हम यह भी जानेंगे कि लक्षणों को पहचान कर डॉक्टर किस तरह उन लक्षणों के आधार पर फेफड़ों के कैंसर का इलाज करते हैं एवं मरीजों के जीवन की रक्षा करते हैं।

आमतौर पर कैंसर उन लोगों को भी हो सकता है जो धूम्रपान के शिकार नहीं है। परंतु वे लोग जो धूम्रपान करते हैं उन्हें फेफड़ों के कैंसर का खतरा अधिक होता है। धूम्रपान करते रहने से समय के साथ साथ कैंसर का भी खतरा बढ़ता चला जाता है। यदि कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है और वह बाद में धूम्रपान करना बंद कर देता है तो फेफड़ों का कैंसर होने की संभावना कम हो जाती है।

फेफड़ों के कैंसर के लक्षण (Symptoms of lung cancer):

फेफड़ों के कैंसर के लक्षण (Symptoms of lung cancer in Hindi):

1. खांसी का दूर ना होना

2. थोड़ी मात्रा में खून की खासी

3. सांसों का उतार-चढ़ाव

4. छाती में अधिक दर्द होना

5. गले का बैठना

6. शरीर का वजन कम होना

7. हड्डियों में दर्द का होना

8. सर में दर्द

यदि किसी व्यक्ति को कोई चिंताजनक लक्षण दिखाई पड़ते हैं तो उसे जल्द से जल्द किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए जिससे कि वह आपके लक्षणों को सही तरीके से समझे एवं उसका सही उपचार कर सके। यदि कोई व्यक्ति धूम्रपान से ग्रसित है तो उसे भी डॉक्टर से संपर्क करके अपने धूम्रपान को कम करना एवं छोड़ना चाहिए। जिससे कि वह इस बीमारी का शिकार ना हो एवं उसके जीवन पर किसी भी तरह का खतरा ना हो।

फेफड़ों के कैंसर होने के प्रमुख कारण (Major causes of lung cancer in Hindi):

कैंसर होने की सबसे अधिक संभावना धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों को होती है। जो व्यक्ति धूम्रपान करते हैं या धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों के संपर्क में आते हैं उन्हें इस बीमारी का सबसे अधिक खतरा होता है। उन व्यक्तियों के लिए कोई स्पष्ट कारण नहीं दिया जा सकता जो व्यक्ति धूम्रपान नहीं करते हैं या फिर जिन लोगों ने कभी भी धूम्रपान ना किया हो।

धूम्रपान कैसे फेफड़ों के कैंसर का कारण बनता है? (How does smoking cause lung cancer in Hindi?)

अधिकांश डॉक्टरों का यह मानना है कि धूम्रपान एक ऐसा स्रोत है जो फेफड़ों में पहुंचने वाली कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा कर फेफड़ों में कैंसर का कारण बनता है। जब कोई व्यक्ति सिगरेट के धुए को सांस के जरिए लेता है तो कोशिकाओं में कार्सिनोजेंस जैसे पदार्थ के कारण धुँआ उसमें भर जाता है जिससे फेफड़ों के ऊतकों में परिवर्तन होने लगता है।

 शुरुआती दौर में कोशिकाएं काफी हद तक क्षति पहुंचाने से रोकती है परंतु बार-बार धूम्रपान करने से यह कोशिकाएं भी क्षतिग्रस्त हो जाती है जिससे फेफड़ों में धुआ प्रवेश करने लगता है। जिससे फेफड़े भी तेजी से क्षतिग्रस्त होने लगते हैं। अधिक समय तक धूम्रपान करते रहने से सभी कोशिकाएं विपरीत कार्य करनी शुरू हो जाती है जिससे फेफड़ों में कैंसर जैसी बीमारी विकसित होने लगती हैं।

फेफड़ों के कैंसर के प्रकार (Types of Lung Cancer in Hindi):

 सभी डॉक्टरों ने मिलकर माइक्रोस्कोप की सहायता से फेफड़ों की कोशिकाओं में होने वाले कैंसर की उपस्थिति के तहत फेफड़ों के कैंसर को दो भागों में विभाजित किया है।

Small cell lung cancer-

जो व्यक्ति विशेष रूप से अधिक धूम्रपान करते हैं उन्हें फेफड़ों के कैंसर की संभावना बनी रहती हैं। small cell lung cancer बड़े शहर फेफड़ों के कैंसर से कम नुकसानदायक होता है।

फेफड़ों के कैंसर के प्रकार (Types of Lung Cancer):

Non-small cell lung cancer-

सभी प्रकार के फेफड़ों के कैंसर गैर छोटे सेल फेफड़ों के कैंसर के लिए छाता शब्द की तरह होता है जो लगभग समान तरीकों से ही व्यवहार में लाया जाता है। एडिनोकार्सिनोमा स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा और बड़े सेल कार्सिनोमा यह सभी गैर छोटे सेल फेफड़ों के कैंसर में शामिल रहते हैं।

Risk factors with Lung Cancer:

कई तरह के कारणों से फेफड़ों में कैंसर होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है। जैसे कि यदि कोई व्यक्ति अचानक धूम्रपान छोड़ने की कोशिश करता है या उस पर नियंत्रण लगाता है तो भी उसे कैंसर होने की संभावना बनी रहती है।

फेफड़ों में कैंसर होने के सभी जोखिम इन कारकों में शामिल है (All the risk of getting lung cancer include these factors):

1. धूम्रपान– धूम्रपान किसी भी उम्र में छोड़ने से फेफड़ों के विकास का खतरा धूम्रपान कम करने से काफी हद तक कम हो जाता है। यदि कोई प्रतिदिन धूम्रपान करता है तो उसके धूम्रपान करने से वर्षों की संख्या के साथ साथ फेफड़ों में कैंसर का खतरा भी बढ़ता चला जाता है।

2. सेकेंड हैंड स्मोक का एक्सपोजर- यदि कोई व्यक्ति धूम्रपान नहीं करता है तो भी उसे कैंसर का खतरा बना रहता है। वह व्यक्ति यदि किसी धूम्रपान कर रहे व्यक्ति के संपर्क में आता है तो धूम्रपान के धुए से उसे कैंसर का खतरा होता है।

3. रेडॉन गैस के संपर्क में आना-  रेडॉन एक तरह का पदार्थ है जो मिट्टी चट्टान एवं पानी में प्राकृतिक यूरेनियम के टूटने से उत्पन्न हो जाता है। यह रेडडॉन कभी-कभी हमारे सांसो के जरिए आने वाले ऑक्सीजन में घोलकर या उसका हिस्सा बन जाता है। कभी-कभी घरों की इमारतों पर इस रेडॉन के स्तर जमा हो जाते हैं।

4. आगरा कॉल आने कार्सिनोजेंस के संपर्क में आना- कैंसर एवं एस्बेस्टस जैसे बीमारी को बढ़ावा देने वाले कई पदार्थ है जैसे क्रोमियम आर्सेनिक और निकल जब यह कार्य स्थल के निकट आते हैं तो फिर फेफड़ों मैं कैंसर होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है।

5. फेफड़ों के कैंसर का पारिवारिक इतिहास- यदि किसी परिवार में माता-पिता, भाई बहन को फेफड़े के कैंसर की समस्या है तो उनकी अगली पीढ़ी को भी इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

 फेफड़ों के कैंसर का निवारण (Prevention of lung cancer in Hindi):

फेफड़ों में कैंसर को रोकने का कोई सटीक उपाय नहीं है परंतु इससे कई कारणों से भी काफी हद तक कम किया जा सकता है :

धूम्रपान ना करें(Don’t do Smoking)-

यदि आप धूम्रपान नहीं करते हैं तो कृपया उसे प्रारंभ ना करें। यदि आपके घर में कोई व्यक्ति धूम्रपान करते हैं तो उन्हें भी इस बात से अवगत कराएं एवं यह भी बताएं कि उन्हें किन-किन तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

धूम्रपान बंद करें(Quit Smoking)-

यदि आप धूम्रपान करते हैं तो कृपया उसे बंद करने का प्रयास करें। धूम्रपान छोड़ने से आपके कैंसर का खतरा कम हो जाता है भले ही आप काफी समय से धूम्रपान कर रहे हो परंतु धूम्रपान बंद करने से बीमारियों के होने की संभावना कम होती है। धूम्रपान छोड़ने के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें। इसे छोड़ने के कई विकल्प जैसे निकोटीन दवाएं प्रतिस्थापन उत्पाद एवं अन्य कई तरीकों से धूम्रपान को छोड़ा जा सकता है।

सेकंड हैंड स्मोक से बचें(Don’t be a passive smoker)-

यदि आप किसी धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के साथ रहते हैं तो कृपया उन्हें धूम्रपान छोड़ने के लिए आग्रह करें या फिर उनसे दूर रहने का प्रयास करें। आप उन सभी क्षेत्रों में जाने से बचे जहां लोग धूम्रपान कर रहे हो। जैसे कि बार रास्ता एवं धूम्रपान मुक्त जगहों पर।

यह भी पढ़े :- प्रोस्टेट बढ़ना (Benign Prostatic Hyperplasia)क्या होता है जानिए प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षण कारण व इलाज ?

फल और सब्जियों से भरा आहार ले(Take Raw Fruits and Vegetables in Diet)-

ऐसी कई तरह की सब्जियां होती है जो विभिन्न तरह के विटामिन और पोषक तत्वों से भरी होती है। विभिन्न तरह की दवाइयों के रूप में यह सब्जियां एवं फल विटामिन का काम हमारे शरीर में करते हैं। हमें दवाइयों को भी कम से कम उपयोग करने से बचना चाहिए एवं उचित मात्रा में हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए। जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है एवं फेफड़ों को भी इन बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है।

चिकित्सा में फेफड़ों के कैंसर का इलाज (Treatment of lung cancer in medicine):
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चिकित्सा में फेफड़ों के कैंसर का इलाज (Treatment of lung cancer with medicine in Hindi):

आमतौर पर फेफड़ों के कैंसर का इलाज इसके चरणों पर निर्भर करता है एवं साथी यह व्यक्ति के संपूर्ण स्वास्थ्य पर भी असर डालता है। आमतौर पर लोगों के दृष्टिकोण से फेफड़ों के कैंसर के लिए सर्जरी एवं विकिरण ही एकमात्र इलाज होता है लेकिन इसके अन्य उपचार भी उपलब्ध है। जैसे कि इस इलाज में डॉक्टर कीमोथेरेपी के साथ छोटे सेल के फेफड़ों में उपस्थित कैंसर का भी उपचार करते हैं।

सर्जरी(Surgery)

कोई भी डॉक्टर सर्जरी की सहायता से कैंसर ग्रस्त फेफड़ों के उत्तर और उसके आसपास के उत्तक जहां पर भी कैंसर फैल चुका है उसे हटाने का काम करते हैं। इस सर्जरी के दौरान एक लोबेक्टोमी नामक प्रक्रिया में कभी-कभी फेफड़े के एक बड़े हिस्से या लोग को निकालना होता है।

गंभीर समस्या में कभी-कभी डॉक्टर पूर्ण रूप से फेफड़ों को ही हटा देते हैं। कोई भी व्यक्ति फेफड़े के बिना जीवन जी सकता है। परंतु फेफड़ों को हटा देने के बाद सुधार में मदद मिलती है।

कीमोथेरेपी (Chemotherapy)

इस उपचार के माध्यम से दवाओं के द्वारा कैंसर युक्त कोशिकाओं को सिकुड़ने या मिटाने में मदद मिलती है। इन दवाओं के कारण कोशिकाएं तेजी से विभाजित हो जाती है जिससे उन्हें कैंसर के इलाज में सहायता मिलती है।

कीमोथेरेपी के उपचार के द्वारा कैंसर को अच्छी तरह से हटाया जा सकता है जिन जिन जगहों पर कैंसर फैल गया है वहां से उसे हटाया जा सकता है।

विकिरण चिकित्सा(Radiation Therapy)

उच्च ऊर्जा किरणों का उपयोग करके इस दृष्टिकोण से कैंसर कोशिकाओं को मारने में मदद मिलती है। कोई भी डॉक्टर कैंसर को हटाने से पहले एक ट्यूमर को सिकुड़ने के लिए विकिरण का प्रयोग करता है। जब भी कैंसर किसी एक जगह पर ही होता है तभी इस विकिरण चिकित्सा के द्वारा कैंसर को हटाया जा सकता है।

लक्षित चिकित्सा(Targeted Therapy)

लक्षित चिकित्सा के द्वारा दवाओं के माध्यम से कैंसर को रोकने में सहायता मिलती है। यह कैंसर को बढ़ने से रोकता है। यहां बताए गए सभी चिकित्सा के इलाज के द्वारा फेफड़े के कैंसर को पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है।

हम आशा करते हैं कि आप को फेफड़े के कैंसर संबंधित सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त हो गई होगी। यदि किसी अन्य रोग विशेष से संबंधित जानकारी से अवगत होना चाहते हैं तो हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं।

Lung Cancer Conclusion in Hindi:

हम उम्मीद करते हैं की Causes Of Lung Cancer in hindi से संबंधित हमारी यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी। इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको Prevention of Lung Cancer In Hindi तथा Symptoms Of Lung Cancer In Hindi  के बारे में बताया है।

इसी के साथ-साथ हमने आपको Treatment Of Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) In Hindi के बारे में भी बताया है। यदि अभी भी आपको हमसे Risk Factors Of Benign Prostatic Hyperplasia ( BPH ) In Hindi से संबंधित कोई प्रश्न पूछना हो, तो कमेंट सेक्शन में कमेंट करें। धन्यवाद

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