Baby Sleep Apnea: जानिए Baby Sleep Apnea के कारण लक्षण व इलाज ?| What is Baby Sleep Apnea know its symptoms causes and Best Treatments in Hindi

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Dr. Nick Kumar Jaiswal
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He is a professional blog writer for more than 2 years, he holds a degree in Doctorate in Pharmacy(Pharm D) with experience in medicine dispensing and medication ADRs. His interest in medicine makes him excellent in his research project. Now he prefers to write blogs about medications and diseases. His hobbies include football and watching Netflix. He loves reading novels and gain knowledge about more medication ADRs. He is very helpful in nature and you will often find him helping others in the treatment.डॉ जयसवाल 2 से अधिक वर्षों से एक पेशेवर ब्लॉग लेखक है, ये दवा वितरण और दवा एडीआर में अनुभव के साथ एक फार्म डी डिग्री होल्डर है। चिकित्सा में उनकी रुचि उन्हें अपनी शोध परियोजना में उत्कृष्ट बनाती है। अब वह दवाओं और बीमारियों के बारे में ब्लॉग लिखना पसंद करते हैं। उनके शौक में फुटबॉल और नेटफ्लिक्सिंग, उपन्यास पढ़ना और अधिक दवा एडीआर के बारे में ज्ञान प्राप्त करना शामिल है। वह प्रकृति में बहुत मददगार है और अक्सर आप इन्हे दूसरों की इलाज में मदद करते हुए देख पाएंगे ।
Baby Sleep Apnea in Hindi Table Of Content:-

Baby Sleep Apnea क्या है – जानिए Baby Sleep Apnea के कारण लक्षण व इलाज ?

जब बच्चे जन्म लेते हैं तो जन्म के पश्चात उन्हें 14 से 17 घंटे की नींद तो बहुत ही ज्यादा आवश्यक होती हैं, क्योंकि बच्चा जितना ज्यादा आराम करता है उतना ही वे स्वस्थ रहता है और उसके शरीर का विकास भी अच्छे से होता रहता हैं, अगर आप का शिशु 18 से 19 घंटे भी सोता है तो भी दिक्कत वाली बात नहीं है लेकिन सोने से ही संबंधित बहुत सी ऐसी समस्याएं होती हैं। जिनके बारे में माता-पिता को पता होना काफी आवश्यक होता हैं।

बहुत से बच्चे तो ऐसे होते हैं जिन्हें नींद ही नहीं आती और वह सारा दिन रोते ही रहते हैं या फिर कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जिन्हें ज्यादा नींद आती है नींद आने से संबंधित अलग-अलग बीमारियां होती हैं, जिस बीमारी के बारे में आज हम आपको बताएंगे उस बीमारी का नाम Sleep Apnea हैं। यह बीमारी बच्चों की नींद से जुड़ी हुई बीमारी है इस बीमारी में जब बच्चे सो रहे होते हैं तो सोते समय बच्चों को सांस लेने में बहुत ज्यादा तकलीफ होती है।

यहां तक कि इस बीमारी के कारण उनकी सांसे रुक भी सकती हैं। यदि आपके बच्चों के मस्तिष्क व हृदय में किसी भी प्रकार की कोई समस्या होती है, तो भी यह बीमारी बच्चों को हो जाती है। आज हम इसी के बारे में विस्तार से जानेंगे कि Sleep Apnea Kya Hai तथा Causes Of Sleep Apnea In Hindi इसी के साथ-साथ हम आपको Home Remedies For Sleep Apnea Disease In Hindi तथा Symptoms Of Sleep Apnea Disease In Hindi के बारे में भी विस्तार से बताएंगे, ताकि आप अपने बच्चे का रेडियम से ख्याल रख सके और यदि आप इस बीमारी के लक्षण को अपने बच्चे में देते हैं तो उसका इलाज तुरंत ही शुरू करवा सके।

Baby Sleep Apnea

Sleep Apnea बीमारी क्या हैं – What Is Sleep Apnea Disease In Hindi ?

यह एक ऐसी बीमारी होती है जो बच्चों को सोने के पश्चात उनकी जान भी ले सकती हैं। इस बीमारी में बच्चे जब सांस लेते हैं, तो वायु मार्ग संकुचित हो जाता है या फिर कहीं तो आंशिक रूप से ब्लॉक हो जाता है और ब्लॉक होने के कारण सोते समय बच्चों को सांस लेने में भी काफी तकलीफ होती हैं, यहां तक की धीरे-धीरे उनकी सांसे रुक भी सकती हैं।

इसी बीमारी को हम क्लिप एपनिया के नाम से जानते हैं। ज्यादातर तो यह बीमारी उन बच्चों में देखी जाती है जो समय से काफी पहले जन्म ले लेते हैं। अगर आपके बच्चे को मस्तिष्क व हृदय से संबंधित कोई बीमारी हैं, तो उसके कारण भी यह बीमारी आपके बच्चे को हो सकती है इस बीमारी के अनेकों प्रकार होते हैं।

स्लीप एपनिया कितनी तरह के होते हैं – Types Of Sleep Apnea In Hindi ?

स्लीप एपनिया तीन तरह के होते हैं जैसे कि :-

1. ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया ( Obstructive Sleep Apnea )

यह बीमारी अनुवांशिक भी हो सकती है जैसे कि अगर यह बीमारी आपके परिवार में किसी को हुई थी तो यह बीमारी आपको भी हो सकती है यह बीमारी तब होती है जब वायु मार्ग में रुकावट आ जाती है और वेंटीलेशन बनाए रखने के लिए जब बच्चा सांस लेने की कोशिश करता है तो वह सांस नहीं ले पाता यह बीमारी कभी-कभी शरीर का वजन अधिक बढ़ने के कारण भी हो सकती है ऐसे बहुत से बच्चे होते हैं जो बचपन में भी काफी ज्यादा मोटे होते हैं और मोटे होने के कारण ही उनको साथ संबंधित बीमारियां हो जाती हैं

2. सैंट्रल स्लीप एपनिया ( Central Sleep Apnea )

Central Sleep Apnea बच्चों को तब होता है जब उनके मस्तिष्क में सांस लेने की प्रक्रिया को नियंत्रित करने वाला हिस्सा उनकी मांसपेशियों को संकेत भेजना बंद कर देता हैं।  आपको जानकर हैरानी होगी कि इस बीमारी में व्यक्ति की सांसे तब तक बंद रहती हैं। जब तक कि वह नींद से जाग ना जाए या फिर जब तक उसका मस्तिष्क फिर से मांसपेशियों को संदेश भेजना ना शुरू कर दें।

इस प्रकार की बीमारी में ऐसा लगता है कि व्यक्ति की जान जा चुकी हैं, लेकिन व्यक्ति सिर्फ नींद में होता है और जैसे ही जागता है तो पहले की तरह हो जाता हैं। इस बीमारी का शिकार भी ज्यादातर बच्चे होते हैं लेकिन इस बीमारी का शिकार होने का मुख्य कारण मस्तिष्क को क्षति पहुंचना माना जाता हैं। यदि बचपन में किसी बच्चे को कोई गहरी चोट लग जाए जिसके कारण उसके मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा हैं, तो उसके कारण Central Sleep Apnea बच्चों को हो सकती है।

3. मिक्स्ड एपनिया ( Mixed Apnea )

एपनिया का यह प्रकार व्यक्ति को तब होता है जब Obstructive Sleep Apnea तथा Central Sleep Apnea एक साथ ही व्यक्ति को हो जाते हैं। जब इन दोनों प्रकारों के लक्षण व्यक्ति के शरीर में दिखते हैं, तो इसी को हम मिक्स्ड एपनिया के नाम से जानते हैं। यह बीमारी जब किसी व्यक्ति को हो जाती है तो यह काफी गंभीर रूप से होती हैं।

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स्लीप एपनिया बीमारी होने का खतरा किन बच्चों को होता है – Which Children are At Risk of Getting Sleep Apnea In Hindi ?

ऐसे बहुत से बच्चे होते हैं जिनमें इस बीमारी के होने का खतरा काफी हद तक बना रहता है जैसे की :-

  • अगर कोई बच्चा समय से पहले ही जन्म ले लेता है, तो इस प्रकार के प्रीमेच्योर बच्चों में केंद्रीय तंत्रिका तंत्र अच्छी तरह से विकसित नहीं होता केंद्रीय तंत्रिका तंत्र वह हिस्सा होता हैं, जो सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता हैं। अगर बच्चे के शरीर में यही विकसित नहीं हो पाएगा तो उसे इस प्रकार की बीमारी होने की संभावनाएं काफी हद तक बढ़ जाती हैं।
  • अगर किसी बच्चे को बचपन में कोई चोट लगी है जिसके कारण उसके मस्तिष्क का वह हिस्सा प्रभावित हुआ हैं जो कि मांसपेशियों को संकेत भेजता हैं, तो इसके कारण भी बच्चों में यह बीमारी देखी गई हैं।
  • अगर माता के गर्भ में बच्चों को किसी प्रकार का कोई नुकसान पहुंचा है जिससे कि मस्तिष्क प्रभावित हुआ हैं, तो उसके कारण भी बच्चों को स्लीप एपनिया बीमारी हो सकती हैं।
Baby Sleep Apnea

बच्चों में Sleep Apnea बीमारी के लक्षण – Symptoms Of Sleep Apnea Disease In Hindi ?

अगर बच्चों को यह बीमारी हो गई हैं, तो उनमें इस बीमारी के बहुत से लक्षण दिखाई दे सकते हैं जैसे कि :-

  • जिन बच्चों को Sleep Apnea Disease हो जाती हैं, तो वह बच्चे नींद में अक्सर काफी तेज तेज खराटे लेते हैं। ऐसा नहीं है कि जो बच्चे नींद में खर्राटे ले रहे हैं, उन्हें स्लीप एपनिया हो लेकिन जो बच्चे थोड़े अलग तरीके से खर्राटे ले रहे हों, तो वह Sleep Apnea Disease का ही लक्षण होता हैं।
  • जब छोटे बच्चों को यह बीमारी हो जाती है तो वह अक्सर मुंह से सांस लेते हैं और वह मुंह से काफी लंबी लंबी सांसे लेते हैं। जब आपका बच्चा मुंह से लंबी लंबी सांसे ले रहा हों, तो इस लक्षण को देखकर आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि बच्चे को Sleep Apnea Disease हो सकता हैं।
  • जिन बच्चों को हुई है बीमारी होती है तो वह बच्चे नींद के दौरान जब सांसे लेते हैं, तो सांस लेने के दौरान वह काफी लंबे समय तक रुकावट के साथ सांस लेते हैं और हांफते भी हैं।
  • जब बच्चे नींद में सो रहे होते हैं, तों वह अचानक से ही नींद से उठ कर रोने लगते हैं और बहुत ज्यादा बेचैनी महसूस करते हैं, तो यह भी स्लीप एपनिया बीमारी का ही लक्षण हैं।
  • अगर आपके छोटे बच्चों को ठीक से नींद नहीं आती तो ठीक से नींद ना आने का कारण भी Sleep Apnea Disease को ही माना जाता हैं।
  • अगर आपके बच्चे इस बीमारी से ग्रसित हैं तो उन्हें अक्सर बिस्तर गिला करने की भी आदत होती है, क्योंकि रात को बेचैनी के कारण उनका पेशाब बिस्तर पर ही निकल जाता है।
  • स्लीप एपनिया बीमारी के मरीजों को नींद में बहुत ज्यादा पसीना आता है और पसीना उन्हें इतना ज्यादा आता है कि उनके कपड़े बुरी तरह भीग जाते हैं। अगर सर्दियों का मौसम भी है तो भी उन्हें इसी प्रकार पसीना आता हैं।
  • स्लीप एपनिया के शिकार हो जाने के पश्चात बच्चों को पूरा दिन नींद आने जैसा महसूस होता है और उन्हें काफी ज्यादा सुस्ती भी महसूस होती हैं।
  • स्लीप एपनिया बीमारी हो जाने पर बच्चे काफी ज्यादा चिड़चिडें रहने लगते हैं और उन्हें दूसरे बच्चों की अपेक्षा काफी ज्यादा गुस्सा भी आने लगता है जिसकी वजह से वह कभी-कभी अपना आपा भी खो देते हैं।

स्लीप एपनिया बीमारी के कारण – Causes Of Sleep Apnea In Hindi ?

इस बीमारी के कारण इसके प्रकार के ऊपर निर्भर करते हैं जैसे कि हमने आपको बताया ही था कि, स्लीप एपनिया बीमारी के तीन प्रकार हैं और इन तीनों प्रकार में इस बीमारी के कारण अलग-अलग होते हैं जैसे कि :-

1. ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया ( Obstructive Sleep Apnea )

  • अगर किसी बच्चे के शरीर का वजन काफी ज्यादा हैं, तो उसे यह बीमारी आसानी से हो सकती हैं, क्योंकि शरीर का वजन बढ़ने के कारण शरीर के सभी अंग अच्छे से काम करना बंद कर देते हैं।
  • यह बीमारी अनुवांशिक भी हो सकती है आपके पहले से ही यह बीमारी किसी को हुई थी, तो आपको भी इस बीमारी के होने का खतरा बना रहता हैं।
  • अगर किसी बच्चे के मुंह में गले में या फिर जबड़े में किसी प्रकार की कोई समस्या हैं, तो उसके कारण भी यह बीमारी बच्चे को हो सकती हैं।
  • अगर किसी बच्चे की जीभ दूसरे बच्चों की अपेक्षा काफी बड़ी हैं, तो उसके कारण भी यह बीमारी हो सकती हैं, क्योंकि नींद के दौरान जीव वायु मार्ग को अवरुद्ध कर सकती है जिसकी वजह से उसे सांस लेने में तकलीफ हो सकती हैं।

2. सैंट्रल स्लीप एपनिया ( Central Sleep Apnea )

  • अगर किसी बच्चे को केंद्रीय तंत्रिका तंत्र ( Central Nervous System ) से जुड़ा कोई संक्रमण हैं, तो उसके कारण भी यह बीमारी बच्चे को आसानी से हो सकती हैं।
  • अगर किसी बच्चे को मस्तिष्क तथा रीड की हड्डी से जुड़ा कोई संक्रमण हैं, तो उसके कारण भी Central Sleep Apnea बीमारी बच्चों को आसानी से हो सकती हैं।
  • सिर पर गहरी चोट लगने के कारण भी बच्चों को Central Sleep Apnea बीमारी हो सकती हैं।
  • अगर बचपन में कोई बच्चा किसी विषाक्त पदार्थ के संपर्क में आ जाता हैं, तो उसके कारण भी Central Sleep Apnea बीमारी उस बच्चे को आसानी से हो सकती हैं।
  • अगर किसी बच्चे के शरीर की कोशिकाओं में glycogen नामक शुगर का जमाव ज्यादा हो जाता हैं, तो उसके कारण बाकी अंग भी प्रभावित होते हैं जिसकी वजह से सेंट्रल स्लीप एपनिया बीमारी हो सकती हैं।
  • अगर किसी बच्चे को सांस संबंधित विकार हैं, तो उसके कारण भी सेंट्रल स्लीप एपनिया बीमारी बच्चे को हो सकती है और उसे काफी हद तक प्रभावित कर सकती हैं।
  • अगर किसी बच्चे में Down Syndrome की समस्या हैं,तो उसके कारण भी Central Sleep Apnea बीमारी बच्चे को अपना शिकार बना सकती हैं।

3. मिक्स्ड एपनिया ( Mixed Apnea )

इस प्रकार की बीमारी के लक्षण उन बच्चों में भी काफी ज्यादा दिखते हैं जो कि जन्म से पहले ही जन्म ले लेते हैं, क्योंकि जन्म से पहले पैदा हो जाने वाले बच्चों के शरीर का काफी विकास अधूरा रह जाता है जिसकी वजह से उन्हें कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

स्लीप एपनिया बीमारी का निदान कैसे किया जाता हैं – How is Sleep Apnea Diagnosed In Hindi ?

अगर किसी बच्चे को इस बीमारी के लक्षण दिखते हैं, तो आप उसे डॉक्टर के पास लेकर जा सकते हैं। डॉक्टर बहुत से तरीकों से इस बीमारी के बारे में पता लगा सकता है जैसे कि :-

  • पहले तो डॉक्टर आपसे बच्चे की पूरी मेडिकल हिस्ट्री ( medical history ) के बारे में पूछेगा और आप से पूछेगा कि कौन-कौन से लक्षण आपके बच्चे के शरीर में दिखाई दे रहे हैं, आपको उन सभी के बारे में डॉक्टर को बताना होगा।
  • डॉक्टर बच्चे के मुंह की तथा गर्दन और गले की जांच भी कर सकते हैं, जिसके माध्यम से Sleep Apnea Disease के बारे में पता लगाया जाएगा।
  • डॉक्टर के द्वारा बच्चे के माता-पिता से बच्चे के सोने के तरीके , सोने की आदत तो और उसकी नींद के बारे में भी पूछा जाएगा, ताकि इस बीमारी के लक्षणों के बारे में भी जाना जा सके।
  • बच्चों में स्लीप एपनिया बीमारी की सही से पुष्टि करने के लिए पॉलीसोम्नोग्राफी ( Polysomnography ) नामक टेस्ट भी करवाया जाएगा। जिसके माध्यम से बच्चे के सोते वक्त या फिर सोने की कोशिश करते वक्त उसके पूरे शरीर के फंक्शन को टेस्ट किया जाएगा और देखा जाएगा कि उसके शरीर का फंक्शन किस प्रकार कार्य करता हैं।
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स्लीप एपनिया बीमारी का उपचार – Sleep Apnea Disease Treatment In Hindi?

इस बीमारी का इलाज बहुत से तरीकों से किया जा सकता है जैसे कि :-

  • इस बीमारी का सही इलाज करने के लिए बच्चे की सर्जरी भी की जा सकती है और सर्जरी के माध्यम से बच्चे के गले के पीछे अतिरिक्त उत्तक को भी निकाला जा सकता है।
  • यदि बच्चे को शारीरिक समस्याएं हैं, तो अवरुद्ध भाइयों मार्ग को भी बायपास करने के लिए wind pipe में सुराख किया जा सकता है जिसके माध्यम से बच्चे को बचाने की पूरी कोशिश की जाएगी।
  • ज्यादातर नवजात बच्चों को तो इस बीमारी के इलाज के लिए surgery की भी आवश्यकता नहीं पड़ती, क्योंकि उन्हें कंटीन्यूअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर ( Continuous Positive Airway Pressure ) नाम का एक Device दे दिया जाता है और इस डिवाइस के जरिए वह काफी आसानी से सोते वक्त सही तरीके से सांस ले सकते हैं।
  • इस बीमारी का इलाज करने के लिए डॉक्टर के द्वारा नाक के माध्यम से कुछ स्टेरॉयड या फिर दूसरी दवाइयां भी सोमनी के लिए दी जा सकती हैं, जो कि बच्चे की सांस लेने में मदद करेंगी।
  • अगर आपके बच्चे के शरीर का वजन काफी ज्यादा बढ़ा हुआ हैं, तो डॉक्टर के द्वारा भी आपको यही सलाह दी जाती है कि बच्चे के वजन को कम करने के ऊपर पूरा ध्यान दें और बच्चे को पतला करने के लिए खुद भी उसके साथ एक्सरसाइज करें, क्योंकि आपको देखकर बच्चा जल्दी से एक्सरसाइज कर लेगा।
  • अगर किसी बच्चे का जबड़ा छोटा है , तो उसें खास प्रकार का dental device भी दिया जा सकता हैं, जो कि जबड़े को आगे तथा वायु मार्ग को नींद के दौरान खुला रखने में भी मदद करता हैं।

Conclusion –

स्लीप एपनिया बीमारी के बारे में हमने आपको विस्तार से सभी जानकारी दे दी है ताकि इस बीमारी के लक्षण दिखने पर आप तुरंत ही अपने बच्चे का इलाज शुरु करवा सकें। इसी के साथ साथ आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको Sleep Apnea Kya Hai तथा Causes Of Sleep Apnea In Hindi के बारे में बताया हैं।

इसी के साथ-साथ हम आपको Home Remedies For Sleep Apnea Disease In Hindi तथा Symptoms Of Sleep Apnea Disease In Hindi के बारे में भी बता दिया हैं, ताकि आप आसानी से अपने बच्चों को स्वस्थ रख सकें। इसके अतिरिक्त अब आपको हमसे यदि Treatment Of Sleep Apnea In Hindi से संबंधित कोई भी सवाल पूछना हों, तो कमेंट सेक्शन में कमेंट करें। धन्यवाद

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