Spondylosis स्पोंडिलोसिस क्या है – जानिए Spondylosis के कारण, लक्षण, बचाव व इलाज? | What is Spondylosis? Its Symptoms, Causes, Prevention, and Best Treatment in Hindi

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Dr. Yogeshwar Krishan Kant
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Spondylosis स्पोंडिलोसिस क्या है – जानिए Spondylosis के कारण, लक्षण, बचाव व इलाज? | What is Spondylosis? Its Symptoms, Causes, Prevention, and Best Treatment in Hindi

रीड की हड्डी हमारे शरीर का अहम हिस्सा होती है। यदि रीड की हड्डी में कोई परेशानी हो जाती है तो इसके कारण व्यक्ति को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि रीड की हड्डी पर ही हमारा पूरा शरीर टीका होता है। यदि रीड की हड्डी को कुछ होता है, तो उसके कारण व्यक्ति को चलने फिरने में भी काफी ज्यादा परेशानी हो जाती है। वैसे तो रीड की हड्डी से जुड़ी बहुत सी बीमारियां हैं, परंतु आज हम आपको स्पोंडिलोसिस बीमारी के बारे में बताएंगे जोकी रीड की हड्डी से जुड़ी एक बीमारी है, आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे कि :-

  • स्पोंडिलोसिस क्या होता है – What Is Spondylosis In Hindi ?
  • स्पोंडिलोसिस के क्या लक्षण होते हैं – Symptoms Of Spondylosis In Hindi  ?
  • स्पोंडिलोसिस के क्या कारण होते हैं – Causes Of Spondylosis in Hindi ?
  • स्पोंडिलोसिस से बचने के उपाय – Prevention For Spondylosis In Hindi ?
  • स्पोंडिलोसिस का इलाज – Treatment Of Spondylosis In Hindi ?

स्पोंडिलोसिस क्या होता है – What Is Spondylosis In Hindi ?

रीड की हड्डी टूट फूट के कारण हुए बदलाव को स्पोंडिलोसिस कहा जाता है। उम्र के साथ-साथ ज्यादातर लोगों में स्पोंडिलोसिस की समस्या देखने को मिलती है, रीड की हड्डी में उम्र संबंधी अंतर हर एक व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं। जब स्पोंडिलोसिस के लक्षण पैदा होते हैं तो, आमतौर पर कभी कबार दर्द तथा अकड़न आदि जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं। स्पोंडिलोसिस यदि गर्दन की हड्डी में है, तो उसे सर्वाइकल स्पॉन्डलोसिस ( Cervical Spondylosis ) कहा जाता है।

हम आपको बता दें कि, स्पोंडिलोसिस परिवर्तन रीड की हड्डी के विभिन्न क्षेत्रों या पीठ के निचले हिस्से में देखे जा सकते हैं। ज्यादातर तो 60 से 70 साल की उम्र के बाद इस बीमारी के थोड़े बहुत लक्षण दिखाई दे सकते हैं। स्पोंडिलोसिस बीमारी को रीड की हड्डी में ओस्टियोआर्थराइटिस ( Osteoarthritis ) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्रकार का गठिया रोग होता है, जो कि टूट-फूट के कारण ही होता है और यह रोग हमारे शरीर के किसी भी जोड़ को प्रभावित कर सकता है।

स्पोंडिलोसिस के क्या लक्षण होते हैं | Symptoms Of Spondylosis In Hindi  ?

स्पोंडिलोसिस के क्या लक्षण होते हैं – Symptoms Of Spondylosis In Hindi  ?

स्पोंडिलोसिस के बहुत से लक्षण हो सकते हैं जैसे कि :-

  • गर्दन में दर्द होना तथा गर्दन अकड़ना भी इसी बीमारी का लक्षण होता है, जब दर्द सिर से शुरू होकर धीरे-धीरे गर्दन तक पहुंच जाता है और गर्दन पूरी अकड़ जाती है तो यह सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस ( Cervical Spondylosis ) के लक्षण होते हैं।
  • जब किसी व्यक्ति की बाजू तथा कंधों में काफी ज्यादा दर्द होता है, तो यह भी सर्वाइकल स्पॉन्डलोसिस का लक्षण है।
  • अगर किसी व्यक्ति को गर्दन घुमाने या मोड़ने में परेशानी होती है या फिर ड्राइविंग करते समय गर्दन बहुत ज्यादा दर्द होती है, तो यह भी इसी बीमारी का ही लक्षण है।
  • अगर किसी व्यक्ति को टांग-बाजू में काफी ज्यादा झुनझुनी महसूस होती है और यदि किसी व्यक्ति के शरीर का कोई अंग सुन्न पड़ जाता है, तो यह भी इसी बीमारी का ही लक्षण है।
  • अगर किसी व्यक्ति को रीड की हड्डी में काफी ज्यादा दर्द है, जिसके कारण ना तो वह दुख पा रहा है और ना ही ढंग से चल फिर पा रहा है, तो यह भी स्पोंडिलोसिस के ही लक्षण हैं।
  • अगर आपको अचानक से ही कमर के निचले हिस्से में दर्द होने लगता है, तो यह भी स्पोंडिलोसिस का ही लक्षण है।
  • अगर किसी व्यक्ति को कोई काम करते समय जरा सा भी झुकने पर बहुत ज्यादा दर्द होता है तो यह भी इसी बीमारी के लक्षण है, इसीलिए इस प्रकार के लक्षण दिखने पर ज्यादा नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, पहले तो आपको खुद ही एक-दो दिन पेन किलर खा कर देखनी चाहिए। यदि पेन किलर से आराम नहीं हो रहा है तो फिर डॉक्टर को दिखा देना चाहिए।

डॉक्टर को हमें कब दिखाना चाहिए ?

  • अगर किसी व्यक्ति को बहुत ही ज्यादा दर्द हो रहा है, जो कि बर्दाश्त से भी बाहर है तो इस प्रकार की परिस्थिति में ही तुरंत ही डॉक्टर को दिखा देना चाहिए।
  • यदि आपको कमर के निचले हिस्से में काफी ज्यादा दर्द है और आप पेन किलर दवाइयां भी खा रहे हैं, परंतु आपको कुछ असर नहीं हो रहा तो ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टर को दिखा देना चाहिए।
  • अगर किसी व्यक्ति को टांगो या बाजुओं में काफी ज्यादा भारीपन महसूस हो रहा है, तो भी तुरंत ही डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
  • अगर किसी व्यक्ति को दर्द के साथ-साथ काफी ज्यादा चुभन भी महसूस हो रही है, तो आपको इस परिस्थिति में बिल्कुल भी देर नहीं करनी चाहिए और तुरंत ही डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
  • अगर किसी व्यक्ति को बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है जिसके कारण वह चलने फिरने में भी असफल है, तो इस परिस्थिति में भी उसे डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
  • अगर कोई व्यक्ति अपने मुंह पर राष्ट्रीय तथा आंध्र पर नियंत्रण खो देता है, तो इस परिस्थिति में भी तुरंत ही डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

स्पोंडिलोसिस के क्या कारण होते हैं – Causes Of Spondylosis in Hindi ?

स्पोंडिलोसिस के क्या कारण होते हैं | Causes Of Spondylosis in Hindi ?

स्पोंडिलोसिस के बहुत से कारण हो सकते हैं। ज्यादातर मामलों में तो स्पोंडिलोसिस रीड की हड्डी में हो रही टूट-फूट के कारण होता है, इसके विभिन्न कारण है जैसे कि :-

  • अगर किसी व्यक्ति के शरीर का वजन काफी ज्यादा बढ़ा हुआ है, तो बढ़े हुए वजन के कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, जिसके कारण व्यक्ति को इस बीमारी का सामना करना पड़ सकता है।
  • अगर कोई व्यक्ति  किसी मानसिक बीमारियों का शिकार है और वह काफी ज्यादा चिंता करता है, तो इसके कारण भी स्पोंडिलोसिस की समस्या हो सकती है, क्योंकि जब कोई व्यक्ति  डिप्रेशन में रहता है तो उसके कारण उसकी हड्डियां भी कमजोर होने लगती हैं।
  • अगर कोई व्यक्ति है किसी भारी वस्तु को एक जगह से दूसरी जगह पर उठाकर रखता है, या फिर बॉडीबिल्डिंग करते समय ज्यादा वजन उठाता है तो उसके कारण भी उसे इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
  • अगर लंबे समय तक व्यक्ति अपनी गर्दन को किसी बिना आराम वाली अवस्था में रखता है, तो उसके कारण भी उसकी गर्दन अकड़ सकती है।
  • ज्यादा धूम्रपान करने से भी गर्दन के दर्द से जुड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती हैं।
  • यह बीमारी अनुवांशिक भी हो सकती है मतलब कि यदि आपके परिवार में किसी व्यक्ति को यह बीमारी है तो यह आपको भी हो सकती है।
  • अगर कोई व्यक्ति कुर्सी पर ज्यादातर झुक कर बैठता है, या फिर कहीं पर भी बैठते समय वह काफी झुक कर बैठता है या फिर मोटरसाइकिल चलाते समय काफी ज्यादा झुकता है, तो उसके कारण भी है बीमारी हो सकती है।
  • जो व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी का शिकार होते हैं और वह यदि लंबे समय तक उस बीमारी से जूझ रहे होते हैं, तो उसके कारण भी उनकी हड्डियां काफी कमजोर हो सकती है, जिसके कारण वह व्यक्ति स्पोंडिलोसिस का शिकार हो जाते हैं।

यह भी पढ़े :- Osteoporosis क्या है जानिए इसके कारण, लक्षण और इलाज 

स्पोंडिलोसिस से बचने के उपाय – Prevention For Spondylosis In Hindi ?

  • यदि आप शराब का अत्याधिक सेवन करते हैं, तो आपको तुरंत ही शराब का सेवन बंद करना चाहिए।
  • अगर आपकी कमर में दर्द होता है तो आपको थोड़ा आराम करना चाहिए, अत्यधिक दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए नहीं तो आपको दवाइयों की आदत भी पड़ सकती है।
  • इस बीमारी का लक्षण दिखने पर व्यक्ति को प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए। क्योंकि व्यायाम करने से भी इस बीमारी के कारण होने वाले दर्द से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है।
  • अगर आपके शरीर का वजन अधिक बढ़ा हुआ है तो, अपने शरीर के वजन को आप को नियंत्रित रखना चाहिए, क्योंकि बड़े हुए भजन के कारण भी यह समस्या उत्पन्न होती है।
  • यदि आप कोई वजन उठा रहे हैं, तो आपको ठीक तरीके से उस वजन को उठाना चाहिए, ताकि आगे चलकर आपको समस्या ना हो।
  • अगर आपको इस बीमारी के लक्षण दिखते हैं तो, इस बीमारी के थोड़े बहुत ही लक्षण दिखने पर आपको घरेलू उपचार भी करनी चाहिए, क्योंकि घरेलू उपचारों के सहायता से भी आप इस प्रकार की बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं।
  • आपको हमेशा स्वास्थ्यवर्धक चीजें खानी चाहिए जैसे कि, ताजे फल सब्जियां या फिर दालों का सेवन करना चाहिए।
  • अगर आप धूम्रपान करते हैं, तो धूम्रपान आपको तुरंत ही छोड़ना चाहिए, ज्यादा धूम्रपान करने वाले लोगों को भी यह समस्या अक्सर अपना शिकार बना लेती हैं।
  • बहुत से लोग बढ़ती उम्र के साथ-साथ पोषक तत्व का सेवन करना भी बंद कर देते हैं, जिनके कारण उन्हें बढ़ती उम्र में यह समस्या होती है। हम आपको बता दें कि व्यक्ति को हमेशा पोस्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। खासतौर पर दूध का सेवन जरूर करना चाहिए और जो लोग मांसाहारी भोजन खा सकते हैं, तो वह लोग मछली तथा मीट का सेवन जरूर करें।
  • रात को सोते समय कभी भी ज्यादा मौटें तकिए का इस्तेमाल ना करें, ज्यादा मोटे तकिए को गर्दन के नीचे रखकर सोने से भी इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

स्पोंडिलोसिस का इलाज – Treatment Of Spondylosis In Hindi ?

स्पोंडिलोसिस के क्या कारण होते हैं | Causes Of Spondylosis in Hindi ?
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अगर किसी व्यक्ति को इस बीमारी के थोड़े बहुत भी लक्षण दिखते हैं तो उसको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए पहले तो डॉक्टर आपको 1 से 2 दिन की दवाइयां देता है यदि आप उन दवाइयों को खाकर ठीक हो जाते हैं तो फिर तो डॉक्टर आपको आगे दवाई नहीं देता लेकिन यदि आप उन दवाइयों से स्वस्थ नहीं होते तो डॉक्टर आपको बहुत से टेस्ट करवाने के लिए भी बोल सकता है जैसे कि :-

  • रीड की हड्डी का साधारण एक्स-रे
  • सिटी स्कैन
  • एम आर आई

अगर इन सभी टेस्ट को डॉक्टर करवाता है और यदि डॉक्टर को कोई कमी दिखाई देती है, तो फिर डॉक्टर उसी हिसाब से व्यक्ति की दवाई चलाता है। अगर किसी लड़की की रीड की हड्डी किस देश के हिल जाती है तो उसके लिए भी डॉक्टर बहुत ही दवाइयां देता है, परंतु डॉक्टर आपको ज्यादातर यह भी सलाह देता है कि आप अपनी जीवनशैली में भी थोड़ा बहुत बदलाव करें।

Spondylosis Conclusion :-

हम आशा करते हैं कि, आपको Spondylosis Disease से संबंधित हमारी यह पोस्ट काफी पसंद आई होगी। इस पोस्ट के माध्यम से हमने Causes Of Spondylosis in Hindi तथा Treatment Of Spondylosis in Hindi के बारे में बताया है, अगर अब भी आपको हमसे Spondylosis Disease In Hindi से संबंधित कोई प्रश्न पूछना हो तो कमेंट सेक्शन में कमेंट करें। धन्यवाद

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